प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया था और देश के छोटे से छोटे क्षेत्र तक पहुंचकर अपना चुनाव प्रचार किया था। प्रधानमंत्री जानते हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग कैसे और क्या होता है। अहम बात यह है कि सोशल मीडिया का नकारात्मक रूप से उपयोग में लाने का पूरा प्रयास तब किया गया जब सीएए और एनआरसी के विरुद्ध विद्रोह का दौर चल रहा था। प्रधानमंत्री की छवि खराब करने से लेकर देश में दंगे भड़काने के मामले में भी सोशल मीडिया गलत रूप में उपयोग किया गया। जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों से मोदी सरकार का अमेरिकी बिग टेक कंपनियों के साथ बड़ा विवाद जारी था लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट तौर पर नये आईटी नियमों के तहत बड़े आदेश जारी कर दिए हैं।
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अब होगी सख्त कार्रवाई
एक तरफ जहां WhatsApp, Facebook, Twitter के साथ बड़ा विवाद जारी था तो वहीं अब सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसके बाद इन कंपनियों के पर तो कटेंगे ही, इसके साथ साथ किसी गलती पर कंपनियों ने अगर सख्त कार्रवाई नहीं की तो इन अमेरिकी बिग टेक कंपनियों की भारत से अर्थी भी निकल सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह मामला क्या है और मोदी सरकार ने बिग टेक कंपनियों को किस चक्रव्यूह में फंसाने की प्लानिंग की है।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की मनमानी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आईटी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। नये आईटी नियमों के तहत, ट्विटर, फेसबुक, इस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए भारत के आईटी नियमों को मानना अनिवार्य हो जाएगा। इन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय की गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अब Algorithm की आड़ में मनमानी नहीं कर पाएंगे।
जानकारी के मुताबिक नये आईटी नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। नये आईटी नियमों के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 90 दिनों में शिकायत अपीलीय पैनल बनेगा। प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक संवेदनशील कंटेंट पर 24 घंटे में एक्शन लेना होगा। नये आईटी नियमों के नोटिफिकेशन के अनुसार कंपनियों को अपनी वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन या दोनों पर सर्विस नियमों और प्राइवेसी नीति से जुड़ी जानकारी को उपलब्ध करानी होगी।
नये आईटी नियमों में प्रस्तावित बदलावों में भारतीय संविधान में बताए गए नागरिक अधिकारों का सम्मान करना भी इंटरमीडियरी कंपनियों के लिए जरूरी होगा। शिकायतों के निस्तारण के लिए 72 घंटे का समय सुनिश्चित होगा। आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने के संबंध में इंटरमीडियरी कंपनी को मिली शिकायत के प्राप्त होने पर उसको लेकर प्राथमिक कार्रवाई 72 घंटे के भीतर करनी होगी। किसी अन्य शिकायत पर 15 दिनों के अंदर एक्शन लेना होगा जिससे आपत्तिजनक कंटेंट वायरल नहीं हो सके।
IMPORTANT
Government of #India has amended IT (Intermediary Guidelines & Digital Media Ethics) Rules.
Amended rules make it mandatory for intermediaries like @Twitter, @facebook, @YouTube, @Instagram, etc to comply with Constitution of India provisions and India's sovereign laws. pic.twitter.com/PoF6RU3XMu— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) October 28, 2022
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बिग टेक कंपनियों को कार्रवाई करनी होगी
जानकारी के मुताबिक यह भी सुनिश्चित करना पड़ेगा कि उसके कंप्यूटर रिसोर्स का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति किसी भी ऐसी सामग्री को होस्ट न करे, वितरित न करे, प्रदर्शित न करे, अपलोड न करे, प्रकाशित न करे और शेयर न करे जो किसी दूसरे व्यक्ति की हो, जिस पर यूजर का अधिकार न हो। अपमानजनक, अश्लील, बाल यौन शोषण, दूसरे की प्राइवेसी भंग करने वाली, जाति, वर्ण या जन्म के आधार पर उत्पीड़न करने वाली, किसी व्यक्ति या संस्था को ठगने, नुकसान पहुंचाने की संभावना लगती हो तो बिग टेक कंपनियों को कार्रवाई करनी होगी।
गौरतलब है कि देश में मुख्य रूप से अमेरिका की ही कई बिग टेक कंपनियों का बोलबाला है। ऐसे में वामपंथी मीडिया के चलते कई बार मोदी सरकार के विरुद्ध प्रोपेगैंडा चलाया गया और यह तक कहा गया है कि सरकार असहिष्णु है। दंगे भड़काने से लेकर सामाजिक समरसता की धज्जियां उड़ाने तक में बिग टेक का वामपंथी मीडिया ने गलत रूप में उपयोग किया। पहले मोदी सरकार जब इन वामपंथियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बिग टेक के पास सिफारिश करती थी तो फेसबुक औऱ ट्विटर जैसी कंपनियों के अधिकारी भारतीय सरकार को भाव न देने की गलती करते थे।
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आईटी नियमों में बदलाव
वहीं अब अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर के नेतृत्व वाले आईटी मंत्रालय ने आईटी नियमों में बदलाव कर दिया है। अब अहम बात यह है कि यदि भारत में सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति ने कोई आपत्तिजनक बात की तो मोदी सरकार के आदेश का पालन करने के लिए बिग टेक कंपनियां बाध्य होंगी। यदि इन कंपनियों ने भारत सरकार की आईटी नियमों के तहत बात नहीं मानी तो अब सरकार इन कंपनियों का बोरिया बिस्तर समेटने में ज्यादा समय नहीं लेगी और इन बिग टेक कंपनियों के हाथ से भारत जैसा विशाल मार्केट खत्म हो जाएगा जिनके दम पर ये कंपनियां अंधाधुंध पैसा कमा रहे हैं।
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