गोपाल इटालिया गुजरात में ‘आप के सैम पित्रोदा’ हैं

आप की हार को सुनिश्चित कर रहे हैं गोपाल इटालिया

गोपाल इटालिया

राजनीति में मतभेद होना अवश्यम्भावी है, पार्टी बड़ी हो या चोटी, नयी हो या पुरानी पार्टियों के बीच बयानों के माध्यम से वार पलटवार होना भी बहुत आम बात है। लेकिन गहरा मनभेद और शब्दों की लड़ाई में अपनी सीमाओं को भूल जाना भी उचित नहीं है। वो बात और है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए ऐसे शब्दों के विपरीत ही कार्य करते हुए देखा जा रहा है। हाल के समय में गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रमुख गोपाल इटालिया ने एक बार फिर सीमाओं का उलंघन किया है। क्या है पूरा मामला इस लेख में आइए जानते हैं।

विवादास्पाद बयान

दरअसल, गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रमुख हैं गोपाल इटालिया जिनके बयानों की बहुत चर्चाएं हैं और उस बयान से उपजे विवाद के बीच उन्हीं का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा है। आपको बता दें कि गोपाल का पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी पर दिया गया विवादास्पाद बयान चर्चाओं में है जिसे लेकर गुरुवार को थोड़ी ही देर के लिए लेकिन दिल्ली में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। लेकिन अब गोपाल इटालिया ने अपनी विवादित टिप्पणी पीएम मोदी की मां को लेकर भी कर दी है और अब यह मामला राजनैतिक रूप से बहुत तूल पकड़ने लगा है। इटालिया ने पीएम मोदी की मां हीराबेन को ‘नौटंकीबाज’ तक कह दिया।

एक सप्ताह के भीतर इटालिया का यह तीसरा वीडियो है जिसे भाजपा सामने लेकर आयी है। इससे पहले पीएम मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कहने के साथ ही कुछ और विवादित बातें गोपाल ने कही थीं। दूसरे वीडियो में मंदिर और कथाओं को उन्होंने शोषण का अड्डा बताया और महिलाओं से वहां नहीं जाने को कहा।

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भाजपा बयानों को भुनाने में जुटी

पीएम मोदी की मां पर गोपाल इटालिया के द्वारा की गयी टिप्पणी को अब भाजपा भुनाने में जुट चुकी है। चुनाव से ठीक पहले किसी पार्टी का एक के बाद एक करके विवादों में घिरता जाना उसे डुबा देगा इसमें कोई संदेह नहीं और ऐसा ही अब आप के साथ ही हो रहा है। गोपाल इटालिया की विवादित टिप्पणी पर भाजपा नेता और केद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने निशाना साधते हुए कहा है कि आक्रोश को व्यक्त करने के लिए शब्द कम हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी  गुजरात में ध्वस्त हो जाएगी। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “अरविंद केजरीवाल, गटर माउथ गोपाल इटालिया अब आपके आशीर्वाद से हीरा बा को गाली देते हैं। मैं कोई नाराजगी नहीं जताती, मैं यह नहीं दिखाना चाहती कि गुजराती कितने नाराज हैं, लेकिन यह जान लें कि आपको आंका गया है और आपकी पार्टी गुजरात में चुनावी रूप से समाप्त हो जाएगी। अब जनता न्याय देगी।”

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गुजरात में विधानसभा चुनाव

आप नयी और भाजपा की तुलना में अति लघु पार्टी है लेकिन उसके बहुत छोटे से इतिहास को उठाकर देख लीजिए, हमेशा ही वो दंगाइयों, भ्रष्ट नेताओं और कट्टर हिंदू विरोधियों को समर्थन देने के लिए जानी जाती रही है। इस बार भी अरविंद केजरीवाल ने विवादित टिप्पणी करने वाले गोपाल इटालिया का बचाव करते हुए कहा कि इटालिया की गिरफ्तारी से राज्य में पाटीदार समुदाय में रोष है। इतना ही नहीं, आप नेता राघव चड्ढा ने इटालिया आयरनमैन ऑफ इंडिया और दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी सरदार पटेल का वंशज तक बता दिया।

इन वार पटवार के इतर इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जहां पर भाजपा की मजबूती के सामने कांग्रेस समेत कोई अन्य पार्टी का टिक पाना संभव नहीं दिखायी पड़ाता है। जहां तक आम आदमी पार्टी की बात करें तो उसने गुजरात की जनता को लुभाने का प्रयास तो बहुत किया, जो कि वो फ्री वाले शिगुफे से जनता को बहलाती आयी है लेकिन उसकी रही सही उम्मीदों को उसी के नेता बट्टा लगा रहे हैं। गोपाल इटालिया का मामला नवीन उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है, जो अपने कृत्यों और शब्दों से भाजपा को तो जिताने के लिए अग्रसर हैं ही अपितु अपनी ही पार्टी को हार की ओर लेकर जा रहे हैं।

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आप के सैम पित्रोदा

ऐसे में गोपाल इटालिया को आप के सैम पित्रोदा कहा जाए तो कतई गलत नहीं होगा। वो इसलिए क्योंकि कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का इतिहास भी इटालिया से मिलता जुलता ही है। बिना कारण विवाद खड़ा करके और भड़काऊ बयानबाजी कर अपनी ही पार्टी को क्षति पहुंचाना और अपने प्रतिद्वंद्वी को जीत की तरफ ले जाना ये सब सैम पित्रोदा की एक समय में पहचान हुआ करती थी।

याद करिए साल 2019 का लोकसभा चुनाव, इसी दौरान सैम पित्रोदा ने एक विवादास्पद बयान दिया जिससे कांग्रेस की बहुत किरकिरी हुई। 1984 के सिख विरोधी दंगों के प्रति सैम ने उदासीन रवैया अपनाया था और सिख विरोधी दंगों पर मीडिया के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा था कि “हुआ-तो-हुआ”। फिर क्या था, क्या प्रतिद्वंद्वी पार्टी और क्या जनता सबकी आलोचनाओं का कांग्रेस शिकार हुई थी।

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पीएम मोदी ने तो सैम पित्रोदा की घृणित टिप्पणी पर कांग्रेस को फटकार लगाया था और कहा कि ऐसी टिप्पणी पार्टी के “चरित्र और अहंकार” को दिखाती है। बाद में जब कांग्रेस की बखिया उधेड़ी जाने लगी तो इस टिप्पणी से कांग्रेस ने स्वयं को अलग कर लिया था। वहीं सैम को अपने विवादित बोल के लिए माफी मांगने पर विवश होना पड़ा।

इस समय जो भी विवाद पार्टियों के बीच हो रहे हैं उसके केंद्र में गुजरात का विधानसभा चुनाव है। गुजरात विधानसभा चुनावों से आप की बहुत अपेक्षाएं हैं लेकिन उसके और उसके नेताओं के जिस तरह के हिंदू विरोधी लक्षण हैं उसे जनता अनदेखा तो नहीं करेगी। बाकी रही सही कसर गोपाल इटालिया जैसे नेता तो पूरी कर ही रहे हैं।

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