साइमन कमीशन भारत कब आया –
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे साइमन कमीशन भारत कब आया के बारे में साथ ही इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया। जो की इसकी अध्यक्षता सर जॉन साइमन कर रहे थे उन्ही के नाम पर साइमन कमीशन रखा गया था। अँगरेज़ सरकार के सदस्यों का भारत आने के बाद भारतीय लोगो ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और आंदोलनकरियों ने साइमन गो बैक के नारे लगाए गए। उन्हें यहाँ से जाने के लिए कहा गया उस वक़्त नेहरू, गाँधी, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, ने भी इसका जमकर विरोध किया इस विरोध मै मुस्लिम लीग भी शामिल था क्योंकि इस सदस्य मै एक भी भारतीय व्यक्ति को नहीं लिया गया था।
नाम | साइमन कमीशन |
गठन वर्ष | 1927 |
अन्य नाम | भारतीय सांविधिक आयोग |
अध्यक्ष | सर जॉन साइमन |
कुल सदस्य | सात |
भारत कब आया | फरवरी 3, 1928 |
प्रतिवेदन कब प्रस्तुत किया | 1930 में |
साइमन कमीशन का गठन –
- भारत के राज्य सचिव लॉर्ड बर्किनहेड ने 8 नवंबर, 1927 को सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में एक संवैधानिक आयोग का गठन किया था। इस आयोग में कुल 7 सदस्य थे और ये सभी सातों सदस्य अंग्रेज थे।
- साइमन कमीशन के सभी सातों सदस्यों का नाम इस प्रकार है- सर जॉन साइमन, क्लिमेंट एटली, जॉर्ज लेन फॉक्स, डोनाल्ड हावर्ड, एडवर्ड कैडागन, बर्नोन हॉर्टशॉर्न, हैरी लेवी लासन।
- इस आयोग के सदस्य क्लिमेंट एटली आगे चलकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनते हैं। ये ब्रिटेन की लेबर पार्टी से संबंधित थे, जबकि सर जॉन साइमन ब्रिटेन की उदारवादी पार्टी से संबंधित थे। भारतीयों को साइमन कमीशन से बाहर रखने का निर्णय लॉर्ड इरविन के सुझावों के आधार पर लिया गया था।
साइमन कमीशन (आयोग) के सदस्यों के नाम –
साइमन कमीशन सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में 7 सदस्यों का एक समूह था।
- सर जॉन साइमन
- क्लेमेंट आटली
- हेरी लेवी-लाँशन
- एडवर्ड कडोगन वेर्नन हर्टशन
- जार्ज लाने-फॉक्स
- डोनाल्ड हॉवर्ड
साइमन कमीशन का भारत में बहिष्कार और लाला लाजपत राय की मृत्यु –
साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत पहुंचा. यह कमीशन भारत में जहां कहीं भी पहुंचा. वहा के स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और साइमन कमीशन के लोगों को काले झंडे दिखाए. भारत में साइमन कमीशन का कोलकाता, लखनऊ, लाहौर, विजयवाड़ा और पुणे शहर में जबरदस्त विरोध किया गया. पूरे देश में ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे सुनाई देने लगे.लखनऊ में हुए भारी लाठीचार्ज में पुलिस की लाठियों से नेहरू जी घायल हो गए और वहीं गोविंद वल्लभ पंत अपंग हो गए. 30 अक्टूबर, 1928 में लाला लाजपत राय और उनके नेतृत्व में विरोध कर रहे युवाओं पर ब्रिटिश पुलिस ने भारी लाठीचार्ज किया. जिसके कारण लाला लाजपत राय बुरी तरह से घायल हो गए तथा इस लाठीचार्ज के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 नवंबर 1927 में हुई थी. जिससे पूरा देश शोक में था.
साइमन कमीशन की रिपोर्ट –
- साइमन कमीशन ने सन 1930 में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की तथा इस रिपोर्ट के अंदर प्रमुख बिंदु निम्नलिखित थे:
- प्रांतीय क्षेत्रों में व्यवस्थाओं और कानून को बनाए रखने के लिए उत्तरदायी सरकार का गठन किया जाए.
- केंद्र में उत्तरदायित्व सरकार बनाने का यह सही समय नहीं चल रहा है.
- केंद्रीय विधानमंडल का पूर्ण गठन करने की आवश्यकता है. तथा इसमें संघीय भावना हो तथा केंद्रीय विधानमंडल के सदस्य प्रांतीय विधान मंडलों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाए.
FAQ-
Ques- साइमन कमीशन भारत कब आया ?
Ans- साइमन कमीशन 1928 में भारत आया। ब्रिटिश संसद ने नवंबर, 1927 को सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन कर दिया था और भारत जाने का निर्देश दिया और 3 फरवरी, 1928 को यह आयोग भारत पंहुचा।
Ques- साइमन कमीशन का बहिष्कार क्यों किया गया?
Ans- 19 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड में जनरल डायर द्वारा किए गए कृत्य से भारत के लोग पहले से ही आक्रोशित थे। अमृतसर नरसंहार के बाद से लोग लगातार ब्रिटिश सरकार के प्रति असंतोष दिखा रहे थे और स्वतंत्र भारत की मांग कर रहे थे।
ब्रिटिश सरकार ने 1928 में भारत में साइमन कमीशन भेजा लेकिन इस आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था, आयोग के सभी सदस्य ब्रिटिश थे इसलिए सभी दलों ने आयोग का बहिष्कार किया।
Ques- साइमन कमीशन में कितने सदस्य थे?
Ans- इस आयोग में कुल 7 सदस्य थे, सभी अंग्रेज थे, समूह में कोई भारतीय सदस्य नहीं था।
Ques- साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट कब प्रस्तुत की?
Ans- इस आयोग का भारतीयों ने जमकर विरोध किया इसलिए इसे वापस जाना पड़ा किन्तु ब्रिटेन जाकर इसने वर्ष 1930 में ब्रिटिश संसद को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें भारत में कई प्रमुख प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशें की गई थी।
Ques- भारत में साइमन कमीशन किस शहर में पहले आया?
Ans- 30 अक्टूबर 1928 को आयोग सबसे पहले लाहौर पहुंचा। भारतीयों ने इसका स्वागत नहीं किया बल्कि एक जनसमूह इकट्ठा हुआ और काले झंडों (जिस पर लिखा था – “साइमन वापस जाओ”) के साथ आयोग का विरोध किया।
Ques- फरवरी 1928 में पंजाब की विधानसभा में आयोग के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने वाले विपक्ष के नेता कौन थे?
Ans- लाला लाजपत राय
Ques-साइमन कमीशन का अर्थ क्या है?
Ans-साइमन कमीशन सात ब्रिटिश सांसदों का एक समूह था, जिसका गठन 1927 में भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करने के लिए किया गया था। इसके अध्यक्ष सर जॉन साइमन के नाम पर इसे साइमन कमीशन कहा जाता है।
Ques-साइमन कमीशन का क्या उद्देश्य था?
Ans-भारत में ब्रिटिश भारतीय प्रांतों और रियासतों से मिलकर एक संघ की स्थापना। केंद्र में जिम्मेदार शासन की व्यवस्था होनी चाहिए।
Ques- साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे?
Ans-साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जोन साइमन थे जिसके नाम पर ही इस आयोग का नाम साइमन रखा गया था।
Ques- साइमन कमीशन के कुल कितने सदस्य थे?
Ans- साइमन कमीशन में कुल सात सदस्य थे और सभी सदस्य ब्रिटिश संसद के सदस्य थे।
आशा करते है कि साइमन कमीशन भारत कब आया के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।