कुछ फिल्मों और वेब सीरीज को छोड़ दिया जाए तो यह साफ-साफ दिखायी पड़ता है कि देश के मनोरंजन जगत को बर्बाद कर दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि अब लोग टीवी से लेकर सिनेमा तक से दूरी बनाने लगे हैं और कुछ पापुलर वेबसीरीज पर ही अपना समय बिताते हैं। इतना ही नहीं एक बड़ा वर्ग इस मामले में अब विदेशी मनोरंजन को अधिक महत्व देने लगा है लेकिन समस्या यह है कि लोग अभी भी इन्हीं घटिया मनोरंजन को देखने के लिए विवश हैं। स्थिति इतनी बुरी हो गयी है कि उनके सामने न केवल घृणा अपितु अश्लीलता से भरे विषयों को परोसा जा रहा है। इस अश्लीलता को परोसने के खेल में एक नाम को कतई अनदेखा नहीं कर सकते हैं और वो नाम है एकता कपूर का। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी एकता कपूर को फटकार लगा दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर की धज्जियां उड़ा दी
एकता कपूर पहले टीवी के माध्यम से देश के आम जन के घरों में फूट डालने का काम करती थीं लेकिन उस काम में महारत हासिल करने के बाद दीदी ने देश के युवाओं और बच्चों के बीच अश्लीलता बेचने का सोचा। सच कहें तो एकता कपूर और राज कुंद्रा की हरकतों में कुछ विशेष अंतर नहीं दिखायी पड़ता है। दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे प्रतीत होते हैं। अश्लीलता परोसने के एक ऐसे ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर की धज्जियां उड़ा दी हैं। कोर्ट ने एकता कपूर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं।
हालिया बवाल की बात करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने प्रोड्यूसर एकता कपूर को ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज XXX के आपत्तिजनक कॉन्टेंट के लिए फटकार लगायी है। कोर्ट ने कहा है कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी एकता कपूर की याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें उन्होंने बेगूसराय की स्थानीय न्यायालय की ओर से जारी वारंट को चुनौती दी थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि XXX वेबसीरीज के जरिए सैनिकों और उनके परिजनों की भावनाओं को आहत पहुंचाने के आरोप में बिहार के बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक ने कोर्ट में शिकायत की थी जिस पर कोर्ट ने वांरट जारी किया था।
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विवादित कॉन्टेंट
अश्लीलता फैलाने वाले कॉन्टेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने एकता कपूर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं। इस बारे में अब कुछ करने की आवश्यकता है। OTT कॉन्टेंट सब जगह उपलब्ध है। सवाल ये है कि आप लोगों को किस तरह का कॉन्टेंट उपलब्ध करा रही हैं। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर के सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर भी नाराजगी जातायी है।
जब एकता कपूर की ओर से पेश हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि वांरट के खिलाफ हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है लेकिन वहां जल्द सुनवाई होने की कोई उम्मीद नहीं है, इस पर कोर्ट ने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है, इस तरह की याचिका दायर करने पर हम आप पर जुर्माना भी लगा सकते हैं। आप अपने मुवक्किल को बताइए कि सिर्फ इसलिए कि उनके पास पैसा है और वह अच्छे वकीलों को पैरवी के लिए रख सकती हैं तो कोर्ट उनको सुनेगा ही, ऐसा बिल्कुल नहीं है। अदालत उन लोगों के लिए भी है जिनकी आवाज को कोई सुनने वाला नहीं है।
एकता कपूर के खिलाफ हो रही कार्रवाई से वे नाराज और परेशान हैं इसीलिए उन्होंने पहले हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी लेकिन वहां उनका मामला टलता जा रहा है। वहीं एकता ने सोचा होगा कि चलो सुप्रीम कोर्ट ही चले चलते हैं, मामला झटपट सुलझ जाएगा। एकता ने अपने पैसे और पावर का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख तो कर लिया लेकिन दीदी को उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट घुमा के आक्रोश का तमाचा जड़ देगा।
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हाईकोर्ट में सुनवाई
ऐसे में एकता के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह बयान बेहद ही झटके वाला माना जा रहा है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो कोर्ट ने एकता कपूर की याचिका पर कोई आदेश पास करने के बजाए पेंडिंग रखा है। कोर्ट ने उन्हें सलाह दी कि बेहतर होगा कि हाईकोर्ट में सुनवाई का स्टेटस पता करने के लिए किसी स्थानीय वकील की मदद लें।
एकता कपूर को लेकर जो बात अब सुप्रीम कोर्ट ने कही है असल में कुछ वैसी ही बात हम सभी पिछले लंबे समय से कहे जा रहे हैं। इस महिला ने देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न करने में और परिवारों का नाश करने में अपना अहम योगदान दिया है। टीवी सीरियल्स से लेकर अनेक नाटक नौटंकी वाली फिल्मों में एकता कपूर ने सास-बहू के वो लड़ाई झगड़े दिखाए हैं जो शायद कभी हुए ही नहीं थे। महिला केवल घर में षड्यंत्र करती है, एक महिला केवल डरी सहमी और लाचार है, ऐसी ही उलजूलूल कॉन्टेंट को वो परोसती रही हैं।
इतना ही नहीं, अब जब सारा यूथ क्वालिटी कॉन्टेंट की खोज में ओटीटी की ओर शिफ्ट होता जा रहा है तो वहां भी युवाओं को अश्लीलता परोसने की पूरी प्लानिंग दीदी ने कर ली। अल्लू और आल्ट बालाजी जैसे एप पर आपत्तिजनक कहानियां दिखाने से लेकर रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करने में इन दीदी का बड़ा हाथ दिखायी पड़ता है। एकता कपूर का बालाजी प्रोडक्शन जो भगवान पवनसुत हनुमान के नाम पर रखा गया है लेकिन इस प्रोडक्शन हाउस के तले जिस तरह के काम किए जा रहे हैं, वह असल में तो बजरंगबली का ही अपमान है।
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लॉजिक या साइंस की उम्मीद न करें
एकता कपूर की फिल्मों और वेब सीरीज समेत टीवी सीरियल्स में यदि आप लॉजिक या साइंस की उम्मीद करते हैं तो क्षमा करिएगा, इस सर्विस के नाम पर आपको कूड़ा-कबाड़ मिलेगा। दीदी अपने कॉन्टेंट में अश्लीलता फूहड़ता और रिश्तों की मर्यादा की धज्जियां उड़ाने में पीएचडी कर चुकी हैं। यही कारण हैं कि दीदी को सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगा दिया लेकिन दीदी का जो व्यवहार है उसे देखते हुए यह आसानी से कहा जा सकता है कि एकता कपूर का दिमाग उस बैगन की ऊपरी परत की तरह है जिस पर चाहे जितना भी पानी डालो, सब एक मिनट में गिर जाएगा।
ध्यान देने वाली बात है कि एकता कपूर की जब बात हो रही है तो परिवारवाद को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। दीदी स्वयं तो विरासत में मिली मनोरंजन जगत की दुनिया से हैं हीं अपितु वो ऐसे लोगों को खूब प्रमोट करती हैं जो या तो बॉलीवुड के किसी प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखता हो या फिर वो अश्लीलता फैलाने में अनाकानी न करे और जब दीदी से सवाल पूछे जाते हैं तो उनका बयान क्लियर रहता है पब्लिक देखना चाहेगी तो देखेगी हम जज करने वाले कोई नहीं हैं।
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सारगर्भित बात यह है कि एकता कपूर की नौटंकियों और थर्ड ग्रेड कॉन्टेंट पर नकेल नहीं कसा गया तो समाज के लिए तो यह घातक है ही बल्कि एकता कपूर जैसे लोगों का मनोबल भी बढ़ता जाएगा। जिस तरह का माहौल चल रहा है उसमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एकता को लगायी गयी फटकार को ऐसे अश्लील कॉन्टेंट परोसने वालों को एक रेड अलर्ट की तरह ही लेना चाहिए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब ऐसे लोगों के दिन बोरिया बिस्तर बांधने के आ जाएं।
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