स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम वर्षा ऋतु पर निबंध लेकर आये है एवं साथ ही हम इसके लाभ एवं हानि के बारें में भी चर्चा करेंगे अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
वर्षा ऋतु पर निबंध : प्रस्तावना
वर्षा ऋतु पर निबंध- वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है, जिसके आने से वातावरण में शीतलता आती है। भारत में वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रवण और भादों मास में मुख्य रूप से आती है, वर्षा ऋतु ग्रीष्म ऋतु के बाद आने वाली वह ऋतु है, जिसमे बारिश बहुत अधिक होती है, इस ऋतु में वातावरण का तापमान और आद्रता प्राय: उच्च रहता है जिससे वर्षा होने से गर्मी से राहत मिलती है इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून की चलने वाली हवाओं से वातावरण, साफ़, सुन्दर और मुलायम हो जाता है, बरसात के आने से सूखे खेत हरे-भरे हो जाते हैं, वृक्षों में नए पत्ते आने लगते हैं, जीव-जंतु ख़ुशी से झूमने लगते हैं और ग्रीष्म ऋतु के बाद खुशी से वर्षा का स्वागत कर इसका आनद उठाते हैं।
प्रकृति के लिए वर्ष ऋतु का महत्त्व
जीवन के लिए वर्षा बेहद ही महत्त्वपूर्ण है, यह न केवल प्रकृति में जान डालती है बल्कि वर्षा ऋतु के आने से जीवन को एक नई उम्मंग मिलती है, वर्षा ऋतु के इंतजार अधिकतम कृषि से जुड़े किसानों को होता है, वर्षा किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि किसानों की अधिकतर फसलें बारिश पर निर्भर करती है।
वर्षा ऋतू के ना होने से ना केवल गर्मी से जीव-जंतुओं का बुरा हाल हो जाता है बल्कि इससे पानी के कई स्रोत जैसे नदी, तालाब, कुँए आदि सभी सुख जाते हैं, ऐसे में वर्षा जीवन को फिर से सुचारु ढंग से चलाने में मदद करती है और नदियों, तालाबों झरनों को भरकर जीवधारियों की प्यास बुझाने में अपना योगदान देती है।
वर्षा ऋतु का जीवन पर प्रभाव – पानी के बिना जीवन पूरी तरह अधूरा है ऐसे में ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी पड़ने से बादलों में पानी भाप बनकर उड़ जाता है और वर्षा ऋतु के रूप में यह पानी असहनीय गर्मी से राहत दिलाने में मदद करता है।
वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण खिल उठता है उद्यान एवं मैदान सुन्दर और हरे-भरे घास की चादरों से ढक जाते हैं, खेल के मैदानों के साथ-साथ सड़के भी पानी से भर जाती है, जिसका लोग बेहद ही आनंद उठाते हैं और बरसात में भीगकर सुहाने मौसम का मजा लेते हैं, बरसात का मौसम जितनी ख़ुशी और चहल-पहल अपने साथ लाता है उतने ही इसके कुछ नुक्सान जैसे अत्यधिक बारिश के होने से बीमारियों का ख़तरा, बाढ़, भूस्लखन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का ख़तरा भी लोगों और जीवन जंतुओं के जीवन में देखने को मिलती है, चलिए जानते हैं वर्षा ऋतु के आम जीवन पर होने वाले इसके लाभ व नुकसान।
सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये
आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये है क्योंकि खेती के लिये पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी न हो। सामान्यतः: किसान कई सारे गड्ढे और तालाब बनाकर रखते है जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। बारिश न होने पर वे इन्द्रराज देव से वर्षा के लिये प्रार्थना करते है और अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल भ्रमण करते रहते है। घूमते बादल अपने साथ पानी लिये रहते है और जब मानसून आता है तो बारिश हो जाती है।
वर्षा ऋतु पर निबंध : उपसंहार
वर्षा ऋतु के लाभ
- वर्षा ऋतु के आने से प्रकृति हरी-भरी और मखमल से लगने लगती है।
- पेड़-पौधों में नई पत्तियाँ आने लगती है, खेत खिलखिला उठते हैं और गर्मी से धरती पर पानी की होने वाली कमी पूरी हो जाती है।
- वर्षा ऋतु में कड़कड़ाती और चिलचिलाती धूप से निजात मिलता है।
- धरती पर पानी के मुख्य स्रोत जैसे नदियाँ, तालाब, झरने और कुँवों में वर्षा ऋतु के होने से पानी भर जाता है, जिससे वातावरण में ठंडी हवाएँ चलने लगती है।
- वर्षा ऋतू के सुहाने मौसम के आने से गर्मी से इंसानों, जानवरों और जीत जंतुओं, पेड़-पौधे सभी को राहत मिलती है।
- किसानों की अधिकतम फसलें जो वर्षा पर निर्भर रहती है, उन्हें खिलखिलाने के लिए पानी का बेहतर स्रोत प्राप्त हो पाता है।
वर्षा ऋतु के हानि
- वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी है जो कुछ इस प्रकार है-
- वर्षा आने के कारण चारों और कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
- अतिवृष्टि से फसलों को भी भारी नुकसान होता है।
- वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
- गड्ढों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
- बाढ़ का खतरा रहता है।
- रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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FAQs
Ques- वर्षा ऋतु के समय किसान कौन-कौन सी फसलें उगाते हैं ?
Ans- वर्षा ऋतु के समय किसान अधिकतम खरीफ फसलों की बुआई करते हैं, जिनमे वर्षा ऋतु में चाँवल, मक्का, मूँगफली, सोयाबीन, बाजरा, तिल, मूँग जैसी आदि फसलें उगाते हैं।
Ques- वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?
Ans- वर्षा ऋतु का दूसरा नाम “आषाढ़ से सावन” हैं|
Ques- देश में वर्षा ऋतु कब शुरू होती है ?
Ans- देश में वर्षा ऋतु की शुरूआत जून या जुलाई के महीन से होती है।
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