कांग्रेस और भ्रष्टाचार- कहते हैं कि जब व्यक्ति ज्यादा फड़फड़ाने लगे तो समझ जाना चाहिए कि उसका अंतिम समय आ चुका है। इसी तरह अब समय आ गया है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को खत्म हो जाना चाहिए। यह वो पार्टी है जो कथित तौर पर देश की स्वतंत्रता में भूमिका निभा चुकी है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस पार्टी का निर्माण एक अंग्रेज यानी ए ओ ह्यूम ने ही किया था और उस समय पार्टी बनाने का लक्ष्य भारत को स्वतंत्र कराना नहीं था बल्कि भारतीयों को फुसलाया जा सके इसलिए यह पार्टी बनी थी।
जब 1947 में स्वतंत्रता मिल गई तो कांग्रेस भारत की स्वतंत्रता को अपनी बपौती समझने लगी और भ्रष्टाचार की तो बाढ़ आ गई। हालांकि पिछले 50 वर्षों को देखें तो कांग्रेस का ग्राफ 1984 को छोड़कर लगातार गिरता ही रहा है। यही कारण है कि पार्टी अब बौखला गयी है और इसके नेता ऊल-जुलूल बयानबाजी तक करने लगे हैं।
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पहला मामला
कांग्रेस के कथित युवा नेता राहुल गांधी आजकल भारत जोड़ो यात्रा की नौंटंकी कर रहे हैं। उनका कहना है कि देश के हिंदू मुस्लिम को बांट दिया गया है और वे सभी को समान दिखाने के लिए यह भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। भले ही राहुल गांधी यहां भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से धार्मिक एकता की नौटंकी कर रहे हैं लेकिन जिस समय वे कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे, उसी दौरान उनकी ही पार्टी के कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी घृणा को उजागर कर दिया। इस नेता ने यह तक कह दिया है कि हिंदू शब्द का अर्थ ही अश्लीलता है और बहुत गंदा है। यह दिखाता है कि कांग्रेस की जड़े ही हिंदुओं के प्रति नफरत पर टिकी हुई हैं।
दरअसल, सतीश जारकीहोली ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया था कि ‘हिंदू’ शब्द सतीश जारकीहोली है और इसका अर्थ बहुत गंदा है। उनके इस बयान से जहां पार्टी ने किनारा कर लिया है तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया है। कांग्रेस जानती है कि यह बयान गुजरात हिमाचल प्रदेश के चुनाव में उसे बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला है। भले ही इस बयान से कांग्रेस ने खुद को अलग किया है लेकिन बड़ी बात यह है कि सतीश जारकीहोली पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई की ही नहीं गई है।
वहीं बड़ी बात यह भी है कि सतीश जारकीहोली अपने बयान पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि “सभी को साबित करने दें कि मैं गलत हूं। अगर मैं गलत हूं, तो मैं विधायक के रूप में इस्तीफा दे दूंगा और अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगूंगा।” ऐसे में बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है और पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर थू-थू हो रही है।
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दूसरा मामला
यह केवल एक मामला नहीं है क्योंकि दूसरा मामला राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से ही जुड़ा है और जिसे लेकर बहुत चर्चा हो रही है। राहुल गांधी की यात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर रिलीज किया गया। इसमें राहुल के साथ लोगों का काफिला चल रहा है और इस वीडियो में मशहूर फिल्म KGF-2 का म्यूजिक हैं। दरअसल, कर्नाटक की एमआरटी म्यूजिक कंपनी के पास फिल्म के साउंड राइट्स हैं और इसी कंपनी ने राहुल के इस वीडियो में केजीएफ-2 के साउंड के इस्तेमाल पर शिकायत की थी।
निचली अदालत इस पर फैसला सुनाया था कि कांग्रेस (Congress) और भारत जोड़ो यात्रा का जो ट्विटर हैंडल है उसे अस्थायी रूप से ब्लॉक किया जाए। यह आदेश अदालत के द्वारा ट्विटर (Twitter Inc) को दिया गया था। इस विवाद में कांग्रेस को राहत देते हुए भले ही कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka Highcourt) ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी हो लेकिन इस एक वीडियो ने कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया अस्तित्व को अंत की ओर पहुंचा दिया है। यदि अब यह ट्विटर अकाउंट बैन भी हो जाए तो भी कोई बड़ी और आश्चर्यजनक बात नहीं होगी।
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तीसरा मामला (कांग्रेस और भ्रष्टाचार)
इसके अलावा एक दिन में कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका भारत से नहीं बल्कि ब्रिटेन से भी लगा है क्योंकि ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने हथियारों की खरीद फरोख्त में दलाली खाने, मनी लॉन्ड्र्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपी संजय भंडारी के भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग को स्वीकार लिया है। कोर्ट ने कहा है कि भारत सरकार और जांच एजेंसियों द्वारा दिए गए सबूत संजय भंडारी के अपराधों को दर्शाते हैं।
ऐसे में संजय भंडारी की भारत वापसी कांग्रेस के लिए मुसीबतों का तूफान ला सकती है क्योंकि संजय भंडारी के सीधे संबंध गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से भी है। आरोप यह भी हैं कि भंडारी की मदद से ही वाड्रा ने लंदन में आलीशान घर भी लिया था। वैसे भी कांग्रेस और भ्रष्टाचार का बड़ा पुराना नाता रहा है। ऐसे में एक पार्टी को जो विचारधारा के मोर्चे में मौत की कगार पर पहुंच गई हो, जिससे जनता से लेकर समाज के वरिष्ठ लोग किसी भी प्रकार से भाव न दे रहे हों और पार्टी को वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार का पर्याय मान लिया जाए तो बेहतर होगा कि इतनी सारी उपाधियों को पा लेने वाली पार्टी को खत्म ही कर दिया जाए।
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