इसमें कोई दो राय नहीं भारत के बेहद ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो विदेशों की कई नामी कंपनियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। परंतु क्या इन विदेशी कंपनियों में काम करते समय उनकी नौकरी सुरक्षित होती हैं? जवाब है, बिलकुल नहीं। मौजूदा स्थिति को देखकर तो यही लगता है। क्योंकि फिर चाहे वो फेसबुक हो या ट्विटर या फिर अमेजन दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियों में इस वक्त छंटनी का दौर चल रहा है। कई नामी कंपनियां हजारों की संख्या में लोगों को अचानक ही नौकरी से निकाल रही है।
और पढ़े: अमेरिकी बिग टेक कंपनियों में काम करते हैं तो सावधान हो जाएं, आप सुरक्षित नहीं हैं
टेक कंपनियों में छंटनी
हाल ही में फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 11 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया। इसके अलावा अमेजन से भी 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की रिपोर्ट्स सामने आयी हैं। वहीं एलन मस्क के हाथों में जब से ट्विटर की कमान गयी है, तब से ही वे इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में बड़े बदलाव कर रहे है। हाल ही में मस्क ने बड़े स्तर पर ट्विटर में छंटनी की थी। वह ट्विटर से अब तक लगभग 3,700 लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका है। आने वाले दिनों में और भी छंटनी हो सकती है।
देखा जाये तो इन कंपनियों की छंटनी का भारतीय भी बड़ी संख्या में शिकार हो रहे हैं। जरा सोचिए किसी कंपनी की प्रगति में आपका अहम योगदान हो और फिर एक दिन ऐसा आये जब आपको अचानक कंपनी से ही निकाल दिया जाये। तब क्या होगा? इससे आपके वर्तमान और भविष्य दोनों पर बड़ा संकट आकर खड़ा हो जायेगा। ऐसा ही कुछ विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के साथ हो भी रहा है। इतना प्रतिभाशाली होने के बावजूद भी इन भारतीय को एक दूसरे देश में बेजरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है।
और पढ़े: वैश्विक बाजार में मंदी छाई है, भारत में नौकरी करने वालों के ‘अच्छे दिन’
H-1B वीजाधारकों के सामने खड़ा हुआ संकट
साथ ही अमेरिका में इन कंपनियों में कार्यरत वीजा का संकट अलग से आकर खड़ा हो रहा है। नौकरी गंवाने वाले H-1B वीजाधारक कर्मचारियों के पास दूसरी नौकरी की तलाश करने के लिए केवल 60 दिनों का ही समय है। 60 दिन में या तो इन्हें नौकरी ढूंढनी होगी अनन्या भारत वापस लौटना होगा।
दरअसल, H-1B नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो विदेशी कर्मचारियों को अमेरिकी कंपनियों में काम करने की अनुमति देता है। ये वीजा लेकर ही अधिकतर भारतीय अमेरिकी कंपनियों में काम कर रहे हैं। H-1B वीजा की वैधता छह साल की होती है। H-1B का नियम है कि अगर कोई व्यक्ति नौकरी से निकाल दिया जाता है या फिर स्वयं ही नौकरी छोड़ देता है, तो इस स्थिति में उसे 60 दिनों के अंदर ही दूसरी नौकरी ढूंढनी पड़ती है। यदि वे ऐसा नहीं करने में असमर्थ रहते है, तो उन सभी विदेशी नागरिकों को अपने देश वापस लौटना पड़ेगा।
अब समस्या यहां यह है कि इस वक्त विश्व इस वक्त मंदी की आहट से डरा हुआ है, जिसके चलते ही ऐसा माना जा रहा है कि इन कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी। वहीं कई टेक कंपनियों ने हायरिंग ही बंद कर दी है। इसके चलते नौकरी गंवाने वालों के सामने अमेरिका में गुजारा करने का खतरा पैदा हो गया है। साथ ही उनके लिए दूसरी नौकरी ढूंढ पाना भी मुश्किल साबित हो सकता है या घाटा झेलते हुए कम पैकेज में नौकरी करनी पड़ सकती है। ऐसे में H-1B वीजा धारकों के लिए ये बेहद संकट की घड़ी है।
और पढ़े: “बिना भारतीयों के कैसे चलाओगे”, मस्क का बस नाम है ट्विटर को भारतीय ही चला रहा है
अमेरिकी उड़ा रहे मजाक
जिन भारतीयों ने इन अमेरिकिन कंपनियों में अपना योगदान दिया, वहीं अब अमेरिकियों के बीच मजाक का विषय बनकर रह गये हैं। अमेरिकी लोग इनके मजे ले रहे हैं। इसको लेकर एक यूजर ने अपनी ट्वीट में कहा- “अमेरिकी टेक कंपनियों द्वारा इस सप्ताह निकाले गए 90% लोग H-1B वीजाधारक भारतीय थे।” वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा- “भारतीयों को एक बुरे सपने में जीते हुए देखना बहुत खुशी की बात है।” तो इन समस्याओं के बीच भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना कितना मुश्किल हो रहा होगा, इसका अंदाजा आप वर्तमान स्थिति से लगा सकते हैं।
तो ऐसे में अब समाधान क्या है? नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में बेहतर तो यही रहेगा कि वे भारत वापस लौट आएं। क्योंकि आज भी भारत में प्रतिभाशालियों के लिए अवसर की कमी नहीं है। भारत में आज नौकरी करने वालों से लेकर अपना बिजनेस शुरू करने वालों के लिए कई बेहतर अवसर हैं। यह लोग चाहे तो भारत में अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं। आज भारत, दुनिया के शीर्ष ‘स्टार्टअप’ हब में से एक है। आधुनिक भारत में बढ़ते स्टार्टअप्स ने रोज़गार की स्थिति को मजबूत किया है।
और पढ़े: SBI और इंडियन बैंक ने गर्भवती महिला को नहीं दी नौकरी, हर जगह हो रही है थू-थू
भारत में अवसर की कमी नहीं
भारत में लगातार स्टार्टअप को बढ़ावा देकर लोगों को प्रोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए सरकार के द्वारा कई स्कीम निकाली गईं हैं, जिसका फायदा उठाकर अपने ही देश में एक बेहतर भविष्य की शुरुआत कर रहे हैं। उदाहरण के लिए सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा करना था। इन प्रयासों के परिणाम भी मिलते हुए दिख रहे हैं। कुछ महीनों पूर्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरूप मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 65,861 हो गई है, जो वित्त वर्ष 2016-17 तक 726 हुआ करती थी।
यानी अमेरिका में H-1B वीजाधारक जिस संकट का सामना कर रहे हैं, उन्हें यदि दूसरी नौकरी नहीं मिलती, तो बेहतर यही रहेगा कि भारत वापस लौट आये और यहां आकर चाहे तो वो अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं। भारत में बेहतर भविष्य उनका इंतजार कर रहा है।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।