देवी-देवताओं, स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर बॉलीवुड तक, आज के समय में पूरी तरह से बदल चुकी है हीरो की परिभाषा

परंतु आज हीरो की परिभाषा तो बदली ही है, लोग यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि वास्तविक हीरो होता कौन है

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Source- TFI

हीरो या नायक शब्द सुनकर आपके दिमाग में सबसे पहला व्यक्ति कौन आता है? अधिकतर लोगों के लिए बॉलीवुड से जुड़ी हस्ती या फिर कोई अन्य सेलिब्रिटी जिन्हें वे पसंद करते हैं, वही उनके हीरो होंगे। कहते हैं कि इंसान अपने नायक स्वयं चुनता है और वह अपने नायक के दिखाये गये मार्ग पर चलने का प्रयास भी करता है। परंतु आज के समय में देखा जाये तो नायक शब्द की परिभाषा पूरी तरह से बदल चुकी है। एक समय ऐसा था जब लोग देवी-देवताओं को अपना मार्गदर्शक मानते थे। फिर एक वक्त ऐसा भी आया देश के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले तमाम स्वतंत्रता सेनानी लोगों के हीरो बने। परंतु आज हीरो शब्द की परिभाषा (Definition of Hero) केवल बॉलीवुड (Bollywood) या इनके जैसे ही चंद लोगों तक सिमटकर रह गयी हैं।

हीरो की परिभाषा- देवी-देवता थे आदर्श

एक दौर ऐसा था जब लोग देवी-देवताओं को अपना आदर्श मानते थे। कई लोग भगवान श्रीकृष्ण और प्रभु श्रीराम को अपना मार्गदर्शक मानकर उनके दिखाये हुए रास्ते पर चलने का प्रयास अवश्य करते थे। वे चाहते थे कि भगवान श्रीराम की तरह एक आदर्श पुत्र बनें। भगवान श्रीकृष्ण के तमाम गुण सीखें। सीधे तौर पर कहें तो देवी-देवताओं को हीरो या आदर्श के रूप में देखते आ रहे थे।

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परंतु फिर समय बदला और एक ऐसा वक्त आया जब लोगों के मन में अपने योद्धाओं के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न होने लगी। लोग उनसे प्रेरित होने लगे। पृथ्वीराज चौहान से लेकर महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज को लोगों अपना आदर्श मानने लगे। साथ ही कई लोगों के द्वारा भगवान बुद्ध से लेकर महावीर स्वामी जैन, कबीर, तुलसी, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, राजा राममोहन राय को भी एक आदर्श के रूप में ही देखा जाने लगा, क्योंकि इन्होंने समाज के उत्थान में अपनी-अपनी तरीके से योगदान दिया था।

स्वतंत्रता सेनानी बने प्रेरणा

भारत कई सदियों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। इस दौरान देश में कई चेहरे स्वतंत्रता सेनानी बनकर उभरे और अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए इन्होंने अपना अतुलनीय योगदान दिया। फिर चाहे वो 23 साल की छोटी-सी उम्र में हंसते-हंसते सूली पर चढ़ने वाले भगत सिंह हो या फिर अंग्रेजों से लोहा लेने वाले लाला लाजपत राय। नेताजी सुभाष चंद्र बोल, बाल गंगाधार तिलक, चंद्रशेखर आजाद जैसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज भी देश इन महान योद्धाओं का ऋणी हैं। यही चेहरे लोगों के नायक बनकर उभरे। लोग इनको अपनी प्रेरणा मानने लगे।

फिर समय थोड़ा और बदला तो कई लोगों ने राजनेताओं को भी एक नायक के रूप में ही देखा, जिनमें पंडित नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम शामिल थे। कुछ समय तक लोगों के लिए हीरो की परिभाषा यही रही।

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आज बॉलीवुड अभिनेता बन गये हैं हीरो

बदलते समय से नायक की परिभाषा को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। आज हीरो शब्द का मतलब केवल बॉलीवुड (Bollywood) के सितारों तक सिमटकर रह गया है। बच्चों से लेकर युवा तक इन्हें अपनी प्रेरणा मान बैठते हैं। परंतु इन सितारों को हम आखिर अपने नायक का दर्जा देते ही क्यों हैं? आखिर इन लोगों ने देश के लिए ऐसा किया क्या है, जो हम इन्हें इतना महान मान बैठे हैं। नायक शब्द का मतलब महान व्यक्ति होता है। एक ऐसा व्यक्ति जो समाज की बेहतरी में अपना योगदान देता हो। जो लोगों का आदर्श बन सके। एक ऐसा व्यक्ति जो लोगों को प्रेरित कर सकें।

अब यहां एक प्रश्न है कि आखिर यह बॉलीवुड सितारे समाज की बेहतरी या फिर ऐसा क्या करते हैं, जो लोग इन्हें अपना हीरो, मार्गदर्शक मान लेते हैं? देखा जाये तो उल्टा यह सेलिब्रिटी तो ऐसे कार्य करते नजर आते हैं, जिससे लोग गलत दिशा में भी जा सकते हैं। उदाहरण के लिए यह तथाकथित हीरो ऐसी कई चीजों का विज्ञापन करते नजर आते हैं, जो लोगों के लिए बुरी लत का कारण बन सकते हैं।

इसके अलावा आजकल तो कई लोगों के नायक यूट्यूब से लेकर टिक-टॉक पर उटपटांग वीडियो बनाने वालों को भी कई लोग आज हीरो बुलाते हैं। तो कुछ के लिए उनके नायक असदुद्दीन ओवैसी से लेकर शाहबुद्दीन, आतंकी बुरहान वानी और ओसामा बिन लादेन जैसे लोग भी हीरो होते हैं।

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यानी आज के समय में लोगों के लिए हीरो की परिभाषा (Definition of Hero) अलग अलग है। वो जिन्हें पसंद करते हैं, उन्हें ही अपना आदर्श मान लेते हैं। बदलते समय की यह बदलती हुई सोच है, जो हमारे लिए घातक भी साबित हो सकती है।

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