आज के समय में भारत विश्व में एक मजबूत नेतृत्व वाला देश बनकर उभर रहा है। भारत वैश्विक स्तर पर नयी ऊंचाईयों को छू रहा है और इसकी गवाह पूरी दुनिया बन रही हैं। भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा आज इसी बात से लगा सकते हैं कि मंच कोई भी हो वहां दबदबा भारत का ही रहता है। इसका ताजा उदाहरण हमें इंडोनेशिया में आयोजित किये गये जी-20 सम्मेलन में भी देखने को मिला, जिसमें वैसे तो दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश मौजूद रहे, परंतु इस दौरान चर्चा का मुख्य केंद्र भारत ही बना रहा। जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया को भारत का दम दिखाया।
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बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन
दरअसल, हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया। G-20 दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों का एक समूह है, जिसका हिस्सा अमेरिका , चीन, जापान, जर्मनी और भारत जैसे शीर्ष पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। इस दौरान इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर दो दिनों तक दुनिया के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा रहा। इस बार सम्मेलन में भारत का दबदबा स्पष्ट तौर पर दिखायी दिया। यह जी-20 सम्मेलन ऐसे समय में जो रहा है, जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गंभीर संकट का सामना कर रही हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी से उभरने की कोशिश भी विश्व कर रहा हैं।
सम्मेलन में दुनिया के कई शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए उत्सुक दिखायी दिये, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छायी हुई है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे अधिक अहमियत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम मोदी से हाथ मिलाने के लिए स्वयं आगे बढ़ते हुए दिखाई दिए। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत की तरफ झुकाव दुनिया में भारत के बढ़ते वर्चस्व की कहानी बयां करता है। यह वही अमेरिका है, जो कभी भारत को डरा-धमकाकर अपने हिसाब से चलाने के प्रयास करता था। परंतु अब उसी अमेरिका की भारत के आगे एक नहीं चलती। लेकिन इसे अमेरिका की मजबूरी कह लीजिए या कुछ और उसके लिए आज भारत को साथ लेकर चलना अति आवश्यक हो चुका है।
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G 20 और भारत
केवल जो बाइडेन ने ही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी पीएम मोदी के साथ बातचीत में काफी दिलचस्पी दिखायी। बता दें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, पीएम मोदी की पीठ पर हाथ रखकर निकल रहे थे जिसके बाद पीएम मोदी ने गर्मजोशी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति से हाथ मिलाया। इसके बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और मोदी की मुलाकात दो बार हुई। मंगलवार को वह अनौपचारिक तौर पर मिले, वहीं बुधवार को औपचारिक बातचीत हुई। इस दौरान ब्रिटेन ने यह ऐलान भी कर दिया कि 3 हजार भारतीयों को नए वीजा जारी होंगे।
सम्मेेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान भी चारों ओर चर्चाओं का विषय बना रहा। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने अपने एक बयान के कहा– “आज का युग, युद्ध का नहीं होना चाहिए।” साथ ही उन्होंने कहा कि युद्ध का हल करने का सबसे अच्छा तरीका बातचीत और कूटनीति है। पीएम मोदी के इस संदेश की गूंज जी-20 शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में भी दिखायी दी। दरअसल, G-20 के सदस्य देशों के द्वारा पारित किए गए घोषणापत्र में पीएम मोदी के इस संदेश को भी शामिल किया गया।
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भारत के हाथों में जी-20 की कमान
बड़ी बात यह भी है कि अगले जी-20 समिट की कमान भारत के हाथों में आ गयी है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बाली में हो रहे G20 सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को अध्यक्षता सौंपी। आपको बता दें कि भारत एक दिसंबर से आधिकारिक तौर पर G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि G-20 की अध्यक्षता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। हम अपने विभिन्न शहरों और राज्यों में बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुदता, विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत G-20 का अध्यक्षता ऐसे समय ले रहा है जब विश्व भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों और महामारी के दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय में विश्व G-20 के तरफ आशा की नज़र से देख रहा है।
तो कुल मिलाकर दुनिया के शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया लेकिन पूरे सम्मेलन का केंद्र ही भारत बना रहा। जहां पीएम दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बड़ी ही गर्मजोशी से मिले। पीएम मोदी बाली में हुए इस सम्मेलन में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति के रूप में दिखे, जिससे यह साबित होता है कि आज भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। देखा जाये तो भारत की इस कूटनीति में आए बदलाव में पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की अहम भूमिका रही है।
यहां यह गौर करने वाली बात है कि जी-20 सम्मेलन की कमान भारत संभालने जा रहा है। G-20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक प्रभावशाली समूह है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 85 प्रतिशत है। वहीं इसके साथ ही वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व भी करता है। ऐसे में यह मंच काफी मायने रखता है।
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