रक्षाबंधन पर निबंध कक्षा 5 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे रक्षाबंधन पर निबंध के बारें में एवं साथ ही साथ ही इससे जुड़े सभी तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
रक्षाबंधन पर निबंध – प्रस्तावना:
Raksha bandhan par nibandh- भारत में अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं. उसमें रक्षाबंधन एक अलग अहमियत दी जाती है क्योंकि यह भाई बहन का त्यौहार है. जहां एक भाई अपने बहन को रक्षा का वचन देता है यह त्योहार महाभारत काल से चली आ रही है कि भाई और बहन का रिश्ता और मजबूत और पवित्र बन जाता है इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर उसे से जीवन भर रक्षा का वचन न लेती है .
अपनी ख्वाहिश की कोई चीज उसे से मांगती है भाई उसे वचन देता है और उसकी मांग को पूरा करता है.जिस दिन एक बहाना अपने भाई की कलाई पर राखी बांध करो उससे रक्षा का वचन लेती है और बदले में भाई उसे कुछ उपहार देता है.यह एक बहुत ही बेहतरीन त्यौहार है,हर कोई बहुत ही हर्षोल्लास से मनाता है.
इस दिन एक भाई अपने बहन को रक्षा का वचन देता है और इसके लिए सुबह-सुबह बहन भगवान की पूजा करने के बाद अपने भाई के हाथ में राखी का धागा बांधती है दोनों एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और यह त्यौहार संपूर्ण होता है. जिस बहन का भाई उसी से दूर है तो राखी डाक के सहारे वहां तक भेजती है और यह भाई बहन के रिश्ते को बहुत मजबूत बनाता है.
रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता हैं-
मगर सभी पौराणिक कथाओं में सबसे प्रचलित कथा यह है कि द्रौपदी ने श्री कृष्ण के हाथ में चोट लगने पर एक कपड़े का टुकड़ा बांधा था कृष्ण को इससे आराम मिला था तो कृष्ण ने द्रौपदी से कुछ मांगने को कहा और द्रौपदी ने यह कह कर टाल दिया कि किसी दिन मांगूंगी तो देना. और वह दिन द्रौपदी के चीरहरण के दिन आया जिस दिन द्रौपदी ने अपने लाज की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण को याद किया और भगवान कृष्ण ने उस कपड़े के टुकड़े को खोल कर द्रौपदी के साड़ी पर फेंका जिस वजह से उसकी लाज बच सकी.
जब भगवान कृष्ण ने इस घटना का वर्णन किया तो उन्होंने बताया कि जिस दिन द्रौपदी ने उनके हाथ पर वह कपड़ा बांधा था .उस दिन श्रवण मास का पूर्णिमा था इस वजह से हर श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन एक बहन अपने भाई के हाथ पर धागा बांधकर उससे यह वचन लेती है कि किसी दिन उसे अपने भाई की जरूरत पड़ेगी तो वह उसकी रक्षा के लिए आएगा.हर साल रक्षाबंधन भगवान की सुबह सुबह पूजा के बाद भाई के हाथ पर राखी बांधकर और मिठाई खिलाकर पूरा होता है .
इस दिन बहन भाई के हाथ पर राखी बांधने तक उपवास करती है और उसके बाद धागा बांधकर भाई से कुछ मांगती है और प्रथा कई सालों से हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के नाम से चली आ रही है यह एक बहुत ही अच्छा त्यौहार है जो भाई और बहन के रिश्ते को पवित्र और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए लगभग विश्व के हर क्षेत्र में मनाया जाता है.
Also Read: बाल दिवस पर निबंध कक्षा 5 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षा बंधन का पर्व हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि भावनाओं में कितनी शक्ति होती है. रक्षा सूत्र एक बहन द्वारा उसके भाई को बांधी गयी भावनाओं की वह शक्ति होती है. जोकि उसे इस बात का एहसास दिलाता है कि विकट परिस्थितियों में रक्षासूत्र रुपी यह धागा उसकी रक्षा करेगा, ठीक उसी प्रकार भाई द्वारा बहन को इस चीज का वचन दिया जाता है कि वह हर विपत्ति में उसकी रक्षा करने का प्रयास करेगा.
रक्षाबंधन पर निबंध – उपसंहार: रक्षा बंधन वह पर्व है, जो हमें विश्वास और भावनाओं की शक्ति के महत्व को दिखलाता है. इस पर्व का यह महत्व हमें इससे जुड़ी ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं में भी देखने को मिलता है, चाहे फिर वह इंद्र से जुड़ी कथा हो या कर्णावती और हुमायूँ की दोनो ही रक्षा तथा इससे जुड़ी भावना की शक्ति को दिखलाने का कार्य करता है. यही कारण है कि रक्षा बंधन के इस पर्व को हिंदू संस्कृति में इतना महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है.
Ques- रक्षाबंधन के त्यौहार पर क्या क्या करते है?
Ans-इस दिन सभी भाई-बहन नए कपड़े पहनते है. बहने अपने भाइयों को राखी बांधती है और मिठाई खिलाती है और साथ ही अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती है. सभी भाई अपनी बहनों को उपहार देते है.
आशा करते है कि रक्षाबंधन पर निबंध से सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े.