पुत्र धर्म और राज धर्म दोनों निभाए…नरेंद्र मोदी को हराना नामुमकिन क्यों है?

आज विपक्षी पार्टियां जब मोदी के विरुद्ध रणनीति बनाती हैं तो उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि इस शख्स ने सदैव स्वयं से ऊपर सेवा को रखा है।

Can’t beat a man who follows "Janani Janmabhumishcha Swargadapi Gariyasi"

Source: TFIMEDIA

30 दिसंबर, 2022. सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट करके देश को सूचित किया कि उनकी मां का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम…मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।

मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि કામ કરો બુદ્ધિથી, જીવન જીવો શુદ્ધિથી यानि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।”

इसके बाद से विश्वभर से लोगों ने पीएम मोदी की मां को श्रद्धांजलि अर्पित की। ट्विटर पर तमाम देशों के प्रमुखों ने भी पीएम मोदी की मां को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले मंगलवार को सांस लेने में दिक्कत होने और कफ की शिकायत के कारण उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को अस्पताल की तरफ से मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया गया था कि उनकी तबियत में सुधार है। लेकिन शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया।

और पढ़ें: रेलवे की खाली जमीन दशकों से बंजर पड़ी थी और फिर आए नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर पहुंचकर अपनी मां को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पीएम मोदी और उनके भाईयों ने मां के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और श्मशान घाट में अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के अंतिम संस्कार में कोई लाव-लश्कर नहीं था। ना ही भाजपा के किसी नेता को वहां जाने दिया गया। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पहले ही गुजरात ना जाने को कहा गया था। पीएम मोदी ने नंगे पांव अंतिम संस्कार की सभी परंपराओं को पूरा किया।

हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां के बेहद करीब थे। इस बार अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर भी पीएम मोदी अपनी मां से मिलने पहुंचे थे। तब उन्होंने अपनी मां से आशीर्वाद लिया था और उनकी पूजा-अर्चना की थी। पीएम मोदी ने इस दौरान अपनी मां के पैर भी पखारे थे।

इसके सिवाय वो जब भी गुजरात जाते तो अपनी मां से अवश्य मिलने जाते। इसके साथ ही एक बार प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपनी मां को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर भी लेकर आए थे। प्रधानमंत्री आवास पर उन्होंने कई दिन अपनी मां को रखा था। उस वक्त उन्होंने अपनी मां के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था मां के साथ अमूल्य समय बिताते हुए।

अब आप समझ सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां से कितना प्यार करते थे? वो अपनी मां के साथ कितने जुड़े हुए थे। इसके बाद भी मां का अंतिम संस्कार करने के बाद पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वंदे भारत एक्सप्रेस से संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल हुए।

पीएम मोदी गुजरात में थे इसलिए वो गुजरात के राजभवन से ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इससे एक बात तो स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं से पहले सेवा का जो दृढ़ निश्चय कर रखा है उससे उन्हें कोई नहीं डिगा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां का अंतिम संस्कार करके जहां एक तरफ पुत्र धर्म का पालन किया वहीं उसके बाद वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर उन्होंने राजधर्म का भी पालन किया।

और पढ़ें: नरेंद्र मोदी दुनिया के इकलौते ऐसे नेता हैं जो विश्व में शांति स्थापित कर सकते हैं

आज जब लोग कहते हैं कि मोदी को हराना मुश्किल है तो उसके पीछे पीएम मोदी का यह दृढ़ संकल्प ही है और भारत के लोग इस बात को अच्छे से समझते हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले भी कई मौकों पर यह साबित किया है कि सार्वजनिक जीवन में उन्होंने सदैव लोगों के हितों को प्राथमिकता दी है। “जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरीयसी” का पालन करने वाले इस शख्स की बराबरी करने वाला इस वक्त भारतीय राजनीति में कोई और नहीं दिखता।

विपक्षी नेता जब पीएम मोदी को हराने के लिए रणनीति बनाते हैं तो उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि उनके सामने एक ऐसा व्यक्ति खड़ा है जिसके जीवन का एक बड़ा हिस्सा लोगों की सेवा करते हुए बीता है। जिसने सबकुछ छोड़कर सिर्फ सेवा को अपना धर्म बनाया है। ऐसे में उन्हें सिर्फ टी-शर्ट पहनने से वोट नहीं मिलने वाले बल्कि एक लंबे समय तक सेवाभाव से तपस्या करनी होगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version