डायबिटीज टाइप 2 से छुटकारा पाने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं- ये है पूरा ‘डाइट चार्ट

इस लेख में जानेंगे कि डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए किस तरह के भोजन को ग्रहण करना चाहिए और किस तरह के भोजन को नहीं ग्रहण करना चाहिए। साथ ही इस संबंध में हम विशेषज्ञ की राय भी जानेंगे।

डायबिटीज टाइप 2

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आज के भागदौड़ भरे जीवन में मधुमेह यानी डायबिटीज होना बड़ी समान्य सी बात हो गई है और इसके के लिए बाजार में भी कई प्रकार की दवाईयां उपलब्ध हैं लेकिन डायबिटीज के उपचार के लिए दवाईयों से अधिक खानपान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। भोजन ही है जो डायबिटीज को नियंत्रित कर सकता है।

इस लेख में जानेंगे कि डायबिटीज टाइप-2 को नियंत्रित करने के लिए किस तरह के भोजन को ग्रहण करना चाहिए और किस तरह के भोजन को नहीं ग्रहण करना चाहिए। साथ ही इस संबंध में हम विशेषज्ञ की राय भी जानेंगे।

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डायबिटीज लाइलाज बीमारी नहीं है

डायबिटीज टाइप-2 एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर में इंसुलिन की कमी या हमारे शरीर की कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन हार्मोन के प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होती है। इंसुलिन की कमी या प्रतिरोध की वजह से खून में शुगर लेवल का स्तर बढ़ जाता है और हमारा शरीर हमें संकेत देने लगता है। यही नहीं कभी-कभी तो शुगर लेवल इतना बढ़ जाता है कि उसे नियंत्रण करना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन डॉ. कलोल गुहा जैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि डायबिटीज टाइप-2 कोई लाइलाज बीमारी नहीं है बल्कि खानपान और स्वास्थ्य का ध्यान रखकर इसे ठीक किया जा सकता है। यही नहीं एक नियमित समय के बाद सामान्य लोगों की तरह डायबिटीज वाला मरीज भी अपना जीवन जी सकता है।

डॉ. कलोल गुहा के अनुसार डायबिटीज टाइप-2 के मरीज को सबसे पहले शक्कर या शुगर का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि इसमें सुक्रोज़ की मात्रा अधिक होती है जोकि मरीज के खून में शुगर लेवल को बढ़ाने में सहायता करती है। इसके बाद बजार में उपलब्ध किसी भी प्रकार के तरल पदार्थ का सेवन जितना हो सके उतना कम करें क्योंकि इसमें फ्रक्टोज़ होता है जोकि ग्लूकोज़ का ही एक रूप होता है और शुगर लेवल को बढ़ाता है।

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स्वास्थ्यवर्धक सलाह

आमतौर पर यह कहा जाता है कि फलों का सेवन करने से डायबिटीज टाइप-2 नहीं बढ़ती है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि फलों में भी ग्लूकोज़ होता है। इसलिए डायबिटीज टाइप-2 वाले मरीज को फलों का सेवन करना तो चाहिए लेकिन अधिक नहीं। इसके अलावा वनस्पति घी से बनी चीजों का उपयोग करने से भी परहेज करना चाहिए।

डॉ. गुहा का कहना है कि आज लोग फास्ट फूड का सेवन अधिक करते हैं लेकिन डायबिटीज टाइप-2 के मरीज को फास्ट फूड का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। फास्ट फूड के साथ-साथ ब्रेड,बिस्किट और केक का सेवन कम से कम करें क्योंकि इसके सेवन से इंसुलिन हार्मोन में बढ़ोत्तरी होती है। एक सबसे आवश्यक और स्वास्थ्यवर्धक सलाह यह है कि शरीर को कम समय में बलशाली बनाने की गारंटी देने वाली प्रोटीन पाउडर का सेवन न करें।

डायबिटीज टाइप-2 को कंट्रोल करने के लिए ये तो हुई परहेज करने की बात लेकिन प्रश्न यह है कि अगर सभी चीजें छोड़ देंगे तो खाएगें क्या? तो इसका भी उत्तर है:-

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किन चीजों का सेवन करें?

डॉ. कलोल गुहा के अनुसार डायबिटीज टाइप-2 के मरीज को सादा भोजन करना चाहिए, जैसे- दाल,रोटी और सालाद। चावल का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि चावल में ग्लूकोज़ की मात्रा होती है। डायबिटीज में हरी सब्जियों का सेवन करना अधिक लाभकारी होता है। इसलिए अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन करें। दूध से बने उत्पादों का उपयोग न के बराबर करें क्योंकि ये इंसुलिन हार्मोन को बढ़ाता है। हरी सब्जियों के साथ बादाम, चिया के बीज, तरबूज के बीज इत्यादि जैसे बीजों का सेवन करें। इसका सेवन हर रोज पानी में भिगो कर करना चाहिए। बीजों के सेवन पर जोर देते हुए डॉ. गुहा कहते हैं कि इसमें विटामिन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसी चीजें होती हैं इसलिए बीजों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।

यदि डाइबिटीज के बारे में संक्षेप में कहा जाए तो यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। मरीज को मुख्य रूप से अपने खानपान की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि दवाओं का सेवन कम से कम करना पड़े। इसके अलावा डाइबिटीज को कभी पूर्ण रूप से समाप्त भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ये हार्मोन में उतार चढ़ाव के कारण होने वाली बीमारी है जिसे सिर्फ खानपान के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए आप डॉ. कलोल गुहा के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

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