Gravity in Hindi Energy and Theory
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Gravity in Hindi के बारे में साथ ही इससे जुड़े ऊर्जा एवं सिद्धांत के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
गुरुत्वाकर्षण बल –
सन् 1986 में न्यूटन बताया कि ब्रहांड में पदार्थ का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस सर्वव्यापी आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है ।
गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र –
F = Gm1m2 / r2
गुरूत्वीय स्थितिज ऊर्जा –
किसी गुरूत्वीय क्षेत्र में एक बिंदु पर रखे कण की गुरूत्वीय स्थीतिज ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में परिवर्तन किए बिना अंनत से उस बिंदु तक लाने में आवश्यक कार्य की मात्रा द्वारा परिभाषित किया जाता है।
गुरुत्वाकर्षण पर अन्य वैज्ञानिकों के सिद्धांत-
गैलिलियो का सिद्धांत –
एक महान वैज्ञानिक हुए जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किये और दूरबीन के आविष्कार के लिए इन्हें आज भी जाना जाता है गैलिलियो ने गुरुत्वाकर्षण सम्बंधित ख़ास जानकारियाँ नहीं दी किन्तु एक बात कि पुष्टि की कि सौरमंडल के सभी उपग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, यह परिक्रमा एक निश्चित ऑर्बिट में की जाती है यह जानकारी न्यूटन के लिए बहुत ही कारगर सिद्ध हुआ और इस सिद्धांत का प्रयोग उन्होंने अपने केनन बॉल वाले एक्सपेरिमेंट में किया ।
अल्बर्ट आइन्स्टाइन-
अल्बर्ट आइन्स्टाइन ने भी अपने जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी में गुरुत्वाकर्षण बल का वर्णन किया है. सर अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार गुरुत्वाकर्षण किसी तरह का बल नहीं है बल्कि यह कर्वेचर ऑफ़ स्पेसटाइम का परिणाम है जो कि मास के असमान वितरण के फलस्वरूप जन्म लेता है ।
द्रव्यमान क्या है –
पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को एक निश्चित बल से आकर्षित करती है और यह बल वस्तु के द्रव्यमान तथा पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण पर निर्भर है. किसी वस्तु का द्रव्यमान (भार) वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है ।
महत्वपूर्ण तथ्य –
- गुरुत्वाकर्षण बल सदैव आकर्षण प्रकृति का होता है।
- गुरुत्वाकर्षण बल क्रिया प्रतिक्रिया के युग्म के रूप में उपस्थित होता है अत न्यूटन की गति का तृतीय नियम लागू करना है।
- गुरुत्वाकर्षण बल क्षेत्र एक सरक्षी बल क्षेत्र है।
- यदि कोई कण गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में वृताकार पथ पर गति करता है, तो गुरूत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य पूर्ण चक्कर में हमेशा शून्य होता है।
- यह दोनों द्रव्यमानों के मध्य के माध्यम पर निर्भर नहीं करता है।
- गुरुत्वाकर्षण बल एक केन्द्रीय बल है जिसकी क्रिया रेखा दोनों वस्तुओं के केंद्र को मिलाने वाली रेखा के आनुदिश होती है।
आशा करते है कि Gravity in Hindi के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।