पाकिस्तानी क्रिकेटर नहीं ‘मौलाना’ कहिए, मैदान पर ऐसे बढ़ाते हैं ‘इस्लामिस्ट एजेंडा’

पाकिस्तान कट्टरपंथ से बुरी तरह जकड़ा हुआ है और ऐसी ही सोच का प्रदर्शन पाकिस्तानी क्रिकेटर्स समय-समय पर करते रहे हैं।

How Pakistani cricketers push Islamist agenda on the field

SOURCE TFI

पाकिस्तान की रग-रग में इस्लामिक कट्टरपंथ समाया हुआ हैं। पाकिस्तान का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां इस्लामिक कट्टरपंथ रचा बसा न हो। शिक्षा से लेकर खेल तक, यहां हर एक गतिविधि में इस्लामिक कट्टरपंथ का बोलबाला दिखता है और इसी कट्टरपंथ के बूते पाकिस्तान आतंकवादियों को तैयार करता है। खेल के मैदान से भी पाकिस्तान के खिलाड़ी कई बार इस्लामिक कट्टरपंथ का परिचय दे चुके हैं। जिसके कई उदाहरण मौजूद हैं। पाकिस्तानी खिलाड़ियों के द्वारा मैदान में जिहाद फैलाने के लिए किए गए कुछ कृत्यों के बारे में आज के इस लेख में हम जानेंगे।

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मुसलमान बनने का ऑफर

वर्ष 2014 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मैच खेला जा रहा था जहां मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी अहमद शहजाद ने बीच मैदान पर बेहद ही शर्मनाक हरकत की थी। दरअसल, अहमद शहजाद ने श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी तिलकरत्ने दिलशान को मुसलमान बनने का ऑफर दे डाला। पाकिस्तानी खिलाड़ी अहमद शहजाद ने दिलशान के पास जाकर कहा कि अगर तुम मुस्लिम नहीं हो और तुम मुस्लिम बन जाते हो तो तुम जीवन में कुछ भी करो, तुम्हें जन्नत नसीब होगी। जिसके बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पाकिस्तानी किक्रेट बोर्ड की जमकर लताड़ लगाई गई। क्योंकि पाकिस्तानी खिलाड़ी की तरफ खुलेआम धर्मांतरण करवाने की कोशिश की गई थी।

पाकिस्तानी खिलाड़ी इस्लाम के प्रचार में कोई कसर न तो मैदान में और न ही मैदान के बाहर छोड़ते हैं, ये लोग लंबे समय से दूसरे धर्मों के खिलाफ जहर घोलते आ रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाड़ियों की लंबी सूची है जिन्होंने खेल के मैदान पर जिहाद फैलाने का काम किया है। पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान का नाम भी इस सूची में शामिल है जिन्होंने न्यूजीलैंड में एक मस्जिद में अपने भाषण में इस्लाम का प्रचार प्रसार किया जहां उन्होंने कहा कि अल्लाह के सिवा कोई रब पालने वाला नहीं है। मतलब अल्लाह से महान कोई नहीं। रिजवान खेल के मैदान पर जिहाद फैलाने के लिए कुख्यात हैं, वो कई बार बल्लेबाजी के दौरान ही मैदान में नमाज पढ़ चुके हैं, जिसके लिए उन्हें खूब लताड़ा गया है।

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हिंदूओं के खिलाफ जहर

रिजवान के द्वारा भारत के खिलाफ मैच को जीतने के बाद मैदान में नमाज पढ़ने को लेकर पूर्व कप्तान वकार यूनुस ने हिंदूओं के खिलाफ जहर उगला और रिजवान के जिहाद फैलाने का समर्थन किया। वकार यूनुस ने कहा था कि रिजवान ने ग्राउंड में खड़े होकर नमाज पढ़ी। हिंदुओं के बीच में खड़े होके… वो मेरे लिए बहुत खास था। हालांकि जब लोगों ने उन्हें निशाने पर लिया तो उन्हें अपने इस बयान पर माफी भी मांगनी पड़ी।

ये पाकिस्तानी खिलाड़ी इस्लाम का झंड़ा बुलंद करने के लिए कहीं भी और कभी भी तैयार रहते हैं, खेल के दौरान जिहाद फैलाने में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम भी शामिल है। इमरान खान जब पाकिस्तानी किक्रेट टीम का हिस्सा थे और क्रिकेट खेला करते थे तब उन्होंने भारत के खिलाफ मैच खेलने के दौरान कहा था कि उन्हें लगता है कि वो कश्मीर के लिए जिहाद कर रहे हैं।

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तालिबान के प्रति प्रेम

वहीं पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भी कट्टरपंथी तालिबान के प्रति अपना प्रेम जता चुके हैं। शाहिद अफरीदी ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसकी तारीफों के पुल बांधते हुए कहा था कि तालिबान बड़े ही पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड के साथ आए हुए हैं, ये चीजें हमें पहले नजर नहीं आई, मसला यही है, अब चीजें बहुत पॉजिटिविटी की तरफ जा रही है। शाहिद अफरीदी के इस बयान के बाद काफी बवाल भी मच गया था और लोगों ने शाहिद अफरीदी को खरी-खरी सुनाई थी।

पाकिस्तान इस्लामिक कट्टरपंथ से बुरी तरह जकड़ा हुआ है और वो जहां भी जाता है वहां इस्लाम का प्रचार करता है, न मौका देखता है और न जगह। उसने कई मौकों पर इस्लाम का प्रचार दूसरे धर्मों का अपमान करते हुए किया है। वहीं पाकिस्तान क्रिकेट भी पाकिस्तान की ऐसी कुत्सित सोच से अछूता नहीं रहा हैं।

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