पहले चीनी ऐप पर प्रतिबंध, फिर चीनी खिलौनों पर, लेकिन ये क्या अब तो लगता है भारत चीन को लेकर एक और प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है? जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ योजना आयी है तब से भारत आए दिन किसी न किसी क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियों की ओर कदम बढ़ाता जा रहा है। ऐसे में एक बार फिर अपने इन प्रयासों को और आगे बढ़ाते हुए भारत ने चीन से आयातित इलेक्ट्रिक पंखों और स्मार्ट मीटरों की जांच करने की बात कही है।
चीन के खिलौनों के आयात पर नकेल
अंग्रेज़ी अख़बार बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही चीन से आने वाले उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी करने वाला है जिससे आयात होने वाले इलेक्ट्रिक पंखों और स्मार्ट मीटरों की ठीक तरह से जांच की जा सके। चीन के खिलौनों के आयात पर सफलतापूर्वक नकेल कसने के बाद अब मोदी सरकार चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात पर भी नकेल कसने वाली है।
एक अधिकारी के हवाले से अख़बार में छपी खबर के अनुसार, “हम बड़े पैमाने पर उत्पादन वाली चीज़ों जैसे स्मार्ट मीटर और सीलिंग पंखों के लिए क्यूसीओ (क्लालिटी कंट्रोल ऑर्डर) लाने पर विचार कर रहे हैं। इससे हमारे अपने उद्योग और उपभोक्ताओं को लाभ होगा.”
वहीं वित्तीय वर्ष 2022 में भारत में सीलिंग पंखों का आयात 132 फ़ीसदी से बढ़कर लगभग 62.2 लाख डॉलर तक हो गया है, इनमें से 59.9 लाख डॉलर के मूल्य के पंखे चीन से आयात हुए थे। साल 2022 में इलेक्ट्रिक मीटर का आयात बढ़कर 31.0 लाख डॉलर तक का हो गया है और इनमें से भी 13.2 लाख डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रिक मीटर चीन से आयात हुए।
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खिलौनों के मामले में स्थिति खराब थी
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब भारत ने चीन से आयात की जाने वाले उत्पादों की क्वालिटी चेक को लेकर कोई नियम जारी किया हो। इससे पहले भी भारत ने कड़े क्वालिटी चेक नियमों के माध्यम से चीन से आयात किए जाने वाले खिलौनों पर नकेल कसी गयी थी। भारत में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के साथ-साथ चीनी खिलौनों की भी बहुत अधिक मांग थी। देश में जो भी आयातित खिलौने आते थे, उनमें तीन चौथाई से अधिक हिस्सेदारी चीनी खिलौनों की हुआ करती थी। चीनी सामान की क्वालिटी के संबंध में हमेशा शिकायतें आती रही थी। खिलौनों के मामले में स्थिति बहुत खराब थी।
साल 2020 में भारत ने खिलौनों को लेकर क्वालिटी कंट्रोल का ऑर्डर जारी किया था जिसके बाद पिछले साल खिलौनों के आयात में 70 प्रतिशत तक की गिरवट देखने को मिली। जो आयात वित्तीय वर्ष 2019 में 37.1 करोड़ डॉलर का था वो साल 2020 में 11 करोड़ डॉलर का हो गया। इसी अवधि के दौरान चीन से खिलौनों का आयात 80 प्रतिशत घट कर 5.9 करोड़ डॉलर तक गिर गया।
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बहुत बड़ा बदलाव
तीन-चार वर्षों पहले भारत खिलौने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, देश के खिलौना क्षेत्र पर चीन का बड़ा कब्जा था। भारत में 80 फीसदी से अधिक खिलौने चीन से आयातित थे, परंतु अब इसमें बहुत बड़ा बदलाव सामने आया आया है। देश में खिलौना उद्योग तेजी से फलने-फूलने लगा है। भारत अब दूसरे देशों को भी अपने बनाए गए खिलौने निर्यात कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार तीन सालों में खिलौने के निर्यात में 61 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।
अगर खिलौने के निर्यात की बात करें तो इसमें बड़ा उछाल देखने को मिला है। एचएस कोड 9503, 9504 और 9503 के लिए खिलौना का निर्यात बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 326 मिलियन डॉलर पहुंच गया है। यह वित्त वर्ष 2018-19 में 202 मिलियन डॉलर था। तीन वर्षों में खिलौने के निर्यात में 61.39 फीसदी की वृद्धि आई है। एचएस कोड 9503 के लिए खिलौना का निर्यात 177 मिलियन डॉलर पहुंच गया।
देखा जाए तो यह बदलाव ऐसे ही संभव नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल अभियान के माध्यम से भारत के खिलौना उद्योग को मजबूत करने का काम किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे थे कि खिलौना क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बने इसलिए सरकार द्वारा खिलौना सेक्टर को बूस्ट करने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए थे।
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गुणवत्ता की पूर्ण रूप से होगी जांच
कोरोना महामारी के बाद से सरकार ने गैर-आवश्यक आयातों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने और अधिक क्षमता के लिए घरेलू उद्योग को सहायता प्रदान करने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण लागू करना शुरू कर दिया था। उद्योग विभाग ने 2020 से लगभग 20 क्यूसीओ को अधिसूचित किये है।
अभी सितंबर में एक उद्योग कार्यक्रम में बात करते हुए व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि देश का सबसे गरीब नागरिक भी सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों का हकदार है और गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करने की संस्कृति को अपनाना होगा। भारत में सीलिंग पंखों और इलेक्ट्रिक मीटर के आयात में बढ़ोतरी को मद्देनज़र रखते हुए सरकार अब इन दोनों उत्पादों की गुणवत्ता की पूर्ण रूप से जांच करेगी।
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इस तरह बात शीशे की तरह साफ हो जाती है जिस तरह से चीन के खिलौनों की गुणवत्ता को लेकर इसके आयात में कमी आयी है। उसी प्रकार अगर सरकार को सीलिंग पंखों और इलेक्ट्रिक मीटर की क्वालिटी में गड़बड़ी नज़र आती है तो भारत में भी इसका आयात गिरते हुए भी देर नहीं लगेगी और जैसे ही चीन से इन उत्पादों के आयात में कमी आएगी वैसे ही खिलौनों की तरह ही भारत में इसके उत्पाद को लेकर बढ़ोतरी होगी और मेक न इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
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