एक खिलाड़ी का जब प्रर्दशन अच्छा हो, उसने पिछले ही मैच में ऐसा खेला हो जिसकी वजह से आपको मैन ऑफ द मैच का खिताब मिले और शारीरिक रूप से भी पूरी तरह स्वस्थ हों, इन सबके बावजूद उसे अगले ही मैच में बाहर कर दिया जाए। तो इस पर आपको प्रतिक्रिया क्या होगी? आपको आश्चर्य नहीं होगा? आप सोचेंगे नहीं कि उस खिलाड़ी से आखिर ऐसी क्या गलती हो गई, जो अच्छा खेलने के बाद भी उसे बाहर रख दिया गया।
दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव बाहर
यहां हम प्रश्न भारतीय किक्रेट टीम पर उठा रहे हैं, हम भारतीय टीम के चयनकर्ताओं और टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान केएल राहुल से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कुलदीप यादव ने ऐसा कर दिया, जो बांग्लादेश के विरुद्ध दूसरे टेस्ट मैच में उन्हें मौका नहीं दिया गया? पहले तो भारतीय टीम में अच्छे खिलाड़ियों को मौका मिलना आज की तारीख में बेहद मुश्किल हो गया है। संजू सैमसन जैसे धाकड़ प्लेयर लंबे समय से टीम से बाहर हैं।
आज स्थिति ये हो चुकी है कि अगर आपको मौका मिल भी जाए और आप अच्छा प्रर्दशन कर दें, आपको प्लेयर ऑफ द मैच चुना जाए, तब भी ये मत सोचिए कि टीम में आपकी जगह पक्की ही है। यहां अच्छा खेलने पर भी टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है और आप कितना भी खराब प्रर्दशन कर रहे हों, एक के बाद एक मौके दिए जाते हैं। भारतीय टीम के चयनकर्ता और BCCI गजब का खेल कर रहे हैं। अच्छे प्रतिभशाली खिलाड़ियों के साथ अन्याय की अब तो हदें पार की जा रही हैं।
दरअसल, कुलदीप यादव के साथ जो हुआ है उसके बारे में बांग्लादेश के खिलाफ खेले पहले टेस्ट मैच के बाद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। भारत के स्टार खिलाड़ी कुलदीप ने पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ 8 विकेट चटकाए थे। इसके साथ ही 40 रन भी बनाए। पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम 188 रनों से जीतीं और इसमें कुलदीप यादव का बहुत बड़ा योगदान था। लेकिन बावजूद इसके अगले ही टेस्ट में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बता दें कि बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट मैच 22 दिसंबर से शुरू हुआ है।
अब इतना सह लिया तो अब उन्हें बाहर किए जाने की वजह भी जान लीजिए। कुलदीप को टीम से बाहर किए जाने पर भारतीय टीम में बेहद खराब प्रर्दशन करने वाले केएल राहुल जो टेस्ट में कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने टीम में एक बदलाव किया है, कुलदीप आज प्लेइंग एलेवन का हिस्सा नहीं है। उनकी जगह जयदेव उनादकट आ गए हैं। हमारे लिए कुलदीप बाहर करना एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है, लेकिन यह उनादकट के लिए एक अवसर है।
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कुलदीप को बाहर करने पर पूर्व खिलाड़ियों का चढ़ा पारा
वहीं टीम मेनेंजमेंट के इस फैसले से पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी काफी हैरान है। कुलदीप को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट में न खिलाए जाने पर पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने कहा– “प्लेयर ऑफ द मैच को टीम से बाहर कर देना सच में अविश्वसनीय है। ये फिर भी छोटा शब्द है। मैं इससे ज्यादा कटु शब्द का इस्तेमाल करना चाहता हूं। आपने एक ऐसे खिलाड़ी को ड्रॉप कर दिया जिसने पिछले मैच में 20 में से 8 विकेट लिए। जबकि टीम में दो और स्पिनर्स थे। उनमें से किसी एक को ड्रॉप होना चाहिए था। चाहे कुछ भी हो कुलदीप को खेलना चाहिए था।”
वहीं हरभजन सिंह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “मेरा ऐसा मानना है कि अब कुलदीप को पांच विकेट लेना बंद कर देना चाहिए। क्या मालूम इससे उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का अवसर मिल जाए।”
आपको बता दें कि कुलदीप यादव विदेशी धरती पर एक शानदार स्पिनर साबित हुए हैं। फरवरी 2019 में टीम इंडिया के तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि जब भी हम विदेश में टेस्ट मैच खेलेंगे तो कुलदीप यादव स्पिनर के रूप में हमारी प्राथमिक होंगे। आपको बता दें कि कुलदीप यादव ने फरवरी 2017 में भारत के लिए धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था। जहां उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में ही 4 विकेट ले लिए थे।
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कुलदीप ने 5 साल में बस 8 टेस्ट मैच खेले
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस शानदार स्पिनर को टेस्ट में डेब्यू किए हुए 5 साल से अधिक का समय हो गया है परंतु कुलदीप यादव ने अब तक भारतीय टीम के लिए केवल 8 ही टेस्ट मैच खेले हैं और 31 विकेट झटके हैं। क्यों भई उन्होंने ऐसी क्या गलती कर दी, जो उन्हें मौका नहीं दिया जाता?
एक समय था जब कुलदीप यादव ने युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर “कुलचा” की जोड़ी बनाई थी, जो बाद में काफी लोकप्रिय हुई। चहल को तो फिर भी मौका मिलता रहता है परंतु कुलदीप के साथ लगातार नाइंसाफी हुई और उन्हें मौके ही नहीं दिए गए। अब जब उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ मैच खेलने का मौका दिया, तो उन्होंने इस मौके का भरपूर उपयोग करते हुए शानदार प्रर्दशन किया, लेकिन अफसोस उन्हें अगले ही मैच में बाहर बैठा दिया गया।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका न दिया जाने पर लंबे समय से BCCI सवालों के घेरे में हैं। बार-बार खराब प्रर्दशन करने के बावजूद भी केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी टीम में बने हुए हैं और उन्हें मौके पर मौके दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ संजू सैमसन और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी की प्रतिभा को नहीं तराशा जा रहा है, जो बेहद ही चिंताजनक है। जो खिलाड़ी खेल रहे हैं उनका चयन न करके उनके मनोबल चोट पहुंचाई जा रही है। यही कारण है कि BCCI और टीम के चयनकर्ताओं पर खिलाड़ियों के करियर को खत्म करने आरोप लग रहे हैं।
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आज के समय में भारतीय टीम की दुर्दशा क्या हो गई है, यह हर कोई जानता है। देखा जाये तो भारतीय टीम इस वक्त काफी बुरे दौर से गुजर रही है। एशिया कप और टी-20 विश्व कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे। वहीं हाल ही में बांग्लादेश जैसी टीम से ही भारतीय टीम वनडे सीरीज हार गईं। इन सबके पीछे का मुख्य कारण अच्छे खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखना और उन खिलाड़ियों को बार-बार मौका देना भी हो सकता है, जो लगातार विफल हो रहे हैं, ही माना जा रहा है।
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