“मुझे बेरोजगार करने के लिए हजारों करोड़ खर्च किए गए, इतने में हजारों लोगों को नौकरियां मिल सकती थीं। जितना पैसा लगाकर मुझे बेरोजगार किया गया है। मेरे पेट पर लात मारी है आपने, ये बड़ी अग्रेंजी फर्जी, दो नंबरी बिजनेस दुनिया का, तीन नंबरी बिजनेस ये भाषा मेरे सामने मत लगाइये आपने ये ठीक नहीं किया है।”- ये कथन सबसे ईमानदार, निष्पक्ष और जीरो टीआरपी एंकर रवीश कुमार के हैं। NDTV से इस्तीफा देने के बाद रवीश जगह-जगह जाकर इन बातों का प्रचार करने में लगे हैं जैसे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े अरबपति गौतम अडानी ने केवल इसीलिए NDTV को खरीदा जिससे उनको बेरोजगार कर सकें। रवीश स्वयं भी इस भ्रम में हैं और उन्हें देखने वाले तीन दर्शकों को भी भ्रम में डाले हुए हैं। लेकिन अब ये भ्रम पूरी तरह दूर हो गया है और रवीश कुमार एक्सपोज भी हो चुके हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे रवीश कुमार के पूर्व मालिक रॉय दंपत्ति ने ही उनके झूठे प्रचार की पोल खोलकर रख दी।
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यह एक व्यापारिक सौदा था
दरअसल, असल बात तो ये है कि NDTV के बिकने में रवीश का कोई रोल था ही नहीं। रवीश तो बिना बात के NDTV की व्यापारिक डील को खुद पर लिए जा रहे थे और अपने आप को पीड़ित दिखाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। जी हां, सही सुना आपने ये पूरी की पूरी व्यापारिक सौदेबाजी थी। नफा और नुकसान वाला खेल था, जिसके खिलाड़ी रॉय दंपत्ति और व्यापारी गौतम अडानी थे। अब ये खेल समाप्ति की ओर है क्योंकि अब रॉय दंपत्ति अडानी को NDTV का सबसे बड़ा शेयर होल्डर बनाने जा रहे हैं, जिसके लिए अडानी ने मोटी रकम खर्च की है लेकिन ये रकम रवीश कुमार के लिए नहीं की गई, बल्कि ये एक व्यापारिक निवेश है।
रॉय दंपत्ति अब अपने शेयर भी बेचेंगे
दरअसल, NDTV के संस्थापकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने कंपनी में अपने अधिकांश शेयर गौतम अडानी को ट्रांसफर करने का फैसला किया है। जिसके बाद NDTV में अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी बढ़कर 64.72% हो जाएगी जो अभी 37.45% है और गौतम अडानी NDTV के सबसे बड़े मालिक बन जाएंगे।
NDTV को बेचने को लेकर रॉय दंपत्ति ने कहा है कि आपसी समझौते से हमने NDTV में अपने अधिकांश शेयरों को AMG मीडिया नेटवर्क को बेचने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि ओपन ऑफर लॉन्च होने के बाद से गौतम अडानी के साथ उनकी चर्चा सकारात्मक रही है। लेकिन नकारात्मकता फैलाने में प्रचलित रवीश कहां बाज आने वाले हैं उन्होंने तो इस व्यापारिक सौदे में नकारात्मकता फैलाने में कोई कसर ही नहीं छोड़ी।वहीं पूर्व पत्रकार और अभी मोजो नामक एक डिजिटल प्लेफॉर्म चलाने वाली बरख्ता दत्त ने भी कहा है कि ये NDTV अडानी सौदा पारस्परिक, मित्रवत था। ये सौदा बैरपूर्ण नहीं था।
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My chance to say – I told you so -a statement that entirely validates my belief that the NDTV Adani deal is mutual, friendly & opposite of hostile, with Roys even retaining some stake ( I believe 5 percent). Hope this leads to some much needed correction in worthy narratives 🌸🤷♀️ pic.twitter.com/WLvf7wyoCb
— barkha dutt (@BDUTT) December 23, 2022
इधर रवीश कुमार और उसके तीन दर्शकों ने रवीश को विक्टिम दिखाने की कोशिश में पूरा सोशल मीडिया भर दिया। उधर एनडीटीवी के मालिक रॉय दंपत्ति ने अडानी के साथ सौदेबाजी करके करोड़ों कमा लिए। दर-दर जाकर गोदी सेठ और गोदी मीडिया कहकर लोगों को रवीश कुमार कोसते रहे, लेकिन रवीश को असल में कोसना रॉय दंपत्ति को चाहिए था, जिन्होंने एनडीटीवी को बेचकर मोटी रकम लेने का निर्णय किया।
NDTV में अडानी की होगी 65 प्रतिशत हिस्सेदारी
अगर NDTV के बिकने की कहानी की बात करें तो ये कथा साल 2009-2010 से शुरू होती है जब प्रणय रॉय के स्वामित्व वाली RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को VCPL नामक कंपनी ने 403.85 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था। जिसके बदले में VCPL को रॉय दंपत्ति ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 99.9 फीसदी बदल देने का अधिकार दिया था। इसके बाद इस पूरे खेल में गौतम अडानी की एंट्री होती है और अडानी समूह की सहायक कंपनी AMG मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड VCPL को 113.75 करोड़ रुपये में खरीद लेती है। अडानी की कंपनी ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए RRPR पर 99.50 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल कर ली। अब NDTV में रॉय दंपत्ति की 32.36% हिस्सेदारी बच गई थीं, जिसमें से भी लगभग 27.26% अडानी ग्रुप को बेचने जा रहे हैं। जहां अब NDTV में रॉय दंपत्ति की हिस्सेदारी केवल 5 प्रतिशत बचेगी और अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी 37.45% बढ़कर 64.72% हो जाएगी।
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इस पूरी सौदेबाजी से साबित होता है कि ये अडानी और रॉय दंपत्ति के बीच का व्यापारिक मामला था। जिसको लेकर रवीश कुमार ने खूब नकारत्मकता फैलाई। लेकिन अंत ने उनके पूर्व मालिक ने ही उन्हें झूठा साबित कर दिया है। अडानी ने हजारों करोड़ का खर्चा रवीश को निकालने के लिए नहीं बल्कि एक सफल व्यापार करने लिए किया है।
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