बांग्लादेश ने भारत का साथ पाते ही चीन को हड़का दिया

चीन के नए-नवेले विदेश मंत्री आधी रात को अचानक बांग्लादेश पहुंचे थे, लेकिन वहां उनके साथ जो हुआ, उसे किन गैंग जल्दी भुला नहीं पाएंगे।

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Source- TFI

भारत बढ़ रहा है, भारत की ताकत बढ़ रही है, भारत का कद बढ़ रहा है और दुनिया के तमाम देश अब भारत का साथ पाने को आतुर हो चुके हैं। बांग्लादेश भी उन्हीं में से एक है। अभी तक बांग्लादेश, भारत और चीन को एक तराजू पर रख रहा था लेकिन अब यह देश भी भारत की शरण में आ चुका है। इसी बीच बांग्लादेश ने बांग्लादेश में चीन के विदेश मंत्री को अपने सामने बैठाकर इतना सुनाया कि वह चाह कर भी कुछ नहीं बोल सके। लेकिन सवाल यह है कि एक छोटे से देश बांग्लादेश में इतनी हिम्मत आई कहां से कि वह चीन को सुना सके? इसका जवाब आपको इस लेख में मिल जाएगा।

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चीन को हो रही है जलन

दरअसल, चीन के नये-नवेले विदेश मंत्री ‘किन गैंग’ 10 जनवरी की रात 2 बजे अचानक से बांग्लादेश पहुंच गए। उन्हें लगा था कि बांग्लादेश में उनका भव्य स्वागत होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उनका स्वागत तो बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने ऐसा किया कि किन गैंग, इस प्रकरण को इतनी जल्दी भुला भी नहीं पाएंगे। ध्यान देने योग्य है कि चीनी विदेश मंत्री ‘किन गैंग’ अफ्रीका के दौर पर निकले हुए थे। लेकिन बीच में ही ढाका के शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर गए और बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन से बातचीत भी की। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत चली और अंत में किन गैंग अपनी अफ्रीका यात्रा के लिए रवाना हो गए।

चीनी विदेश मंत्री के बांग्लादेश में अचानक रुकने की वजह फ़्लाइट में फ़्यूल की कमी बताई जा रही है। लेकिन फ्यूल की कमी का बहाना बड़ा ही बचकाना और गैर जिम्मेदाराना प्रतीत होता है। क्योंकि किसी भी देश का मंत्री जब विदेश यात्रा पर निकलता है तो सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद करके निकलता है। असल में इसके पीछे का कारण चीन की बौखलाहट है जोकि भारत और बांग्लादेश की निकटता के कारण पैदा हो रही है। भारत ने वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार पिछले एक से डेढ़ वर्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, उसके कारण बांग्लादेश, भारत के साथ अपनी निकटता बनाए रखना चाहता है। जबकि चीन बांग्लादेश को अपने पाले में रखना चाहता है और यही कारण है कि चीन के प्रतिनिधि इन दिनों बांग्लादेश को लेकर प्रतिक्रियाएं देते दिख रहे हैं।

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बांग्लादेश ने खटिया खड़ी कर दी

दूसरी ओर हाल ही में रूस से बांग्लादेश की ओर रवाना हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र को ही ले लीजिए। पश्चिमी देशों के डर से बांग्लादेश ने रूसी जहाज को अपने पोर्ट पर रूकने नहीं दिया लेकिन भारत ने उस जहाज को हल्दिया पोर्ट पर उतरने की अनुमति दी और सड़क मार्ग से पूरा सामान भी बांग्लादेश भेज दिया। यानी भारत ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की बत्ती बना दी। इतना सब होने के बाद बांग्लादेश ने भारत के साथ आने में ही अपनी भलाई समझी लेकिन इसी बीच चीनी विदेश मंत्री बांग्लादेश पहुंच गए।

फिर क्या था, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने चीनी विदेश मंत्री किन गैंग को करारा कूटनीतिक तमाचा जड़ दिया। मोमिन ने चीनी विदेश मंत्री से शिकायत करते हुए कहा, वर्ष 2016 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई प्रकार के वादे किए थे लेकिन 6 वर्ष बाद भी पूरे नहीं हुए हैं। चीन ने अभी तक 98 प्रतिशत बांग्लादेशी सामानों पर अतिरिक्त शुल्क और टैक्स हटाने के पिछले समझौते को भी लागू नहीं किया है।

आप भी हैरान रह गए न, होना ही था…क्योंकि बांग्लादेश ने चीन को उसके पुराने वादों की याद दिलाते हुए उसके नये-नवेले विदेश मंत्री को मीठे व्यंग्य बाणों से भेदने का काम आखिर किया कैसे? यह बड़ा सवाल है लेकिन इसका उत्तर है- भारत और बांग्लादेश के संबंध। वैसे तो भारत और बांग्लादेश के संबंध हमेशा से ही अच्छे रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय से भारत ने अपनी छवि को जिस प्रकार वैश्विक स्तर मजबूती प्रदान करते हुए अपने पड़ोसियों की मदद की है और अभी भी मदद कर रहा है, पश्चिमी देशों को आंख दिख रहा है, यही ताकत भारत के पड़ोसियों को भी अपने साथ ला रही है।

बांग्लादेश के ‘सर पर भारत का हाथ’

यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि बांग्लादेश ने भारत की ताकत पर ही चीन के सामने इतनी स्पष्टता और मुखरता से अपनी बात रखी है। ज्ञात हो बांगलादेश शुरूआत में भारत और चीन दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को बराबर बनाए रखना चाहता था लेकिन जैसे-जैसे डेब्ट ट्रैप पॉलिसी, कोरोना और तमाम चीजों को लेकर चीन का काला चेहरा सामने आया, तो सभी चौकन्ने हो गए। श्रीलंका प्रकरण के बाद तो छोटे देशों ने चीन को नकारना तक शुरू कर दिया औऱ बांग्लादेश भी उन्हीं में से एक है। चीन और पश्चिमी से बचने के लिए बांग्लादेश को मजबूत कंधों की जरूरत थी और भारत के रूप में उसे वह मिल भी गया है। ऐसे में अब बांग्लादेश ने भी चीन को उसकी औकात दिखा दी है।

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