Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi : गणेश जी की आरती इन हिंदी : गणेश के नाम और उनका अर्थ
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi साथ ही इससे जुड़े गणेश के नाम और उनका अर्थ के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें ।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान श्री गणेश सभी देवताओं में पूजनीय है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। भगवान श्री गणेश को एकदंत के नाम से भी पुकारा जाता है।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
श्री गणेश के नाम और उनका अर्थ –
- बालगणपति – सबसे प्रिय बालक
- भालचन्द्र – जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
- बुद्धिनाथ – बुद्धि के भगवान
- धूम्रवर्ण – धुंए को उड़ाने वाले
- एकाक्षर – एकल अक्षर
- एकदन्त – एक दांत वाले
- गजकर्ण – हाथी की तरह आंखों वाले
- गजानन – हाथी के मुख वाले भगवान
- गजवक्र – हाथी की सूंड वाले
- गजवक्त्र – हाथी की तरह मुंह है
- गणाध्यक्ष – सभी जनों के मालिक
- गणपति – सभी गणों के मालिक
- गौरीसुत – माता गौरी के बेटे
- लम्बकर्ण – बड़े कान वाले देव
- लम्बोदर – बड़े पेट वाले
- महाबल – अत्यधिक बलशाली
- महागणपति – देवादिदेव
- महेश्वर – सारे ब्रह्मांड के भगवान
- मंगलमूर्ति – सभी शुभ कार्यों के देव
- मूषकवाहन – जिनका सारथी मूषक है
- निदीश्वरम – धन और निधि के दाता
- प्रथमेश्वर – सब के बीच प्रथम आने वाले
- शूपकर्ण – बड़े कान वाले देव
- शुभम – सभी शुभ कार्यों के प्रभु
- सिद्धिदाता – इच्छाओं और अवसरों के स्वामी
- सिद्दिविनायक – सफलता के स्वामी
- सुरेश्वरम – देवों के देव
- वक्रतुण्ड – घुमावदार सूंड वाले
- अखूरथ – जिसका सारथी मूषक है ।
आशा करते है कि Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।