चीन में भारतीयों पर हो रहे हमलों की कीमत शी जिनपिंग को चुकानी होगी

चार महीनों में चीन में 50 से भी अधिक भारतीयों पर हमला किया जा चुका है। अपनी धूर्त चालों से यदि चीनी बाज नहीं आए तो शी जिनपिंग को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ जाएगा।

चीन भारतीयों पर हमले

Source- TFI

चीन में भारतीयों पर हमले: कोई भी देश अपनी बौखलाहट में कितना गिर सकता है, यह हमें चीन और चीनियों की भारतीयों के प्रति हताशा को देखकर नजर आता है। वर्तमान परिस्थिति कुछ ऐसी है कि हर मोर्चे पर चीन भारत से पिट रहा है। चीनियों की बौखलाहट अब इतनी बढ़ गयी हैं कि वो भारतीयों को निशाना बना रहे हैं। जी हां, “दैनिक भास्कर” की खबर के अनुसार सितंबर से लेकर अब तक यानी करीब चार महीनों में चीन में 50 से भी अधिक भारतीयों पर हमला किया गया। चीन में बड़ी संख्या में भारतीयों को निशाना बनाना मामूली बात तो नहीं है। इसके बाद आपके मन में कई प्रश्न उठ रहे होंगे कि आखिर ऐसा चीन क्यों कर रहा है? क्या चीन इससे भारत के लोगों को डराना चाहता है?

और पढ़ें: ठग चीन ने मूर्ख पाकिस्तान को 15 करोड़ डॉलर का ‘कबाड़’ बेच दिया

चीन में भारतीयों पर हमले

दैनिक भास्कर के सूत्रों के अनुसार हाल के कुछ महीनों में चीनी शहरों में भारतीयों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। चीन में मौजूद भारतीय दूतावास के अफसर भी इस बात को मान रहे हैं कि डोकलाम विवाद के बाद से चीन में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली। दूतावास ने इन सभी हमलों के आंकड़ों को एकत्रित किया और फिर रिपोर्ट तैयार की है। भारतीयों पर होने वाले हमलों की घटनाएं बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू में सामने आई। इन सभी शहरों में पढ़ने और कार्य करने वाले भारतीयों पर निशाना बनाया जा रहा है। यहां कॉलेज या दफ्तर आते-जाते समय लोगों से मारपीट की जा रही है। इतना ही नहीं बाज़ार में भी भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है।

अक्टूबर 2022 की एक घटना है, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें देखने मिला था कि ग्वांगझू में मेट्रो में किसी बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गई। पीटने वाले लोग चीनी थे और जिनको मारा जा रहा था वो दो लड़के भारतीय। मेट्रो के गेट खुलने पर दोनों लड़कों को बाहर की तरफ धकेला गया। इस दौरान प्लेटफॉर्म पर भी लात-घूंसों से इन्हें पीटा गया और पास ही खड़े सुरक्षा गार्ड ने इनकी कोई सहायता नहीं की।

और पढ़ें: भारतीय बाजार में चीन के अब गिने-चुने दिन बचे हैं?

चीनियों की हताशा के कई कारण

अब आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिर क्यों चीन में भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है? भला इन्होंने चीनियों का क्या बिगाड़ा है? अगर चीन में भारतीयों पर होने वाले हमलों के कारण को समझें तो इसके पीछे उनकी हताशा नजर आ रही हैं। देखा जाये तो वर्तमान समय में चीन की हालत बहुत ही खराब है। जीरो कोविड पॉलिसी चीन के जी का जंजाल बन गई है, जिसे यदि वो लागू करें तो लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ता है और न करें तो कोरोना किस तरह बेकाबू हो जाता है कि ये देखने को मिल रहा है।

चीन की अर्थव्यवस्था भी इस वक्त काफी बुरे दौर से गुजर रही है। हर दिन चीन की सरकार पर कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है। जीरो कोविड पॉलिसी के चलते यहां की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है। विशेषज्ञों के अनुसार देश के भिन्न-भिन्न शहरों में लॉकडाउन लगने के कारण चीन की अर्थव्यवस्था का हाल खस्ता हो गया है। बीते साल अप्रैल से जून की तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर केवल 0.4 प्रतिशत ही रही थी। इसके अलावा चीन में शी जिनपिंग के विरुद्ध लोगों का आक्रोश बढ़ता ही चला जा रहा है और चीन में जगह जगह से प्रदर्शनों की खबरें सामने आती रहती हैं।

वहीं दूसरी ओर भारत हर मोर्चे पर चीन को कड़ी टक्कर दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जहां एक तरफ भारत का दबदबा बढ़ रहा है, तो वहीं भारत ने चीन को दरकिनार कर दिया है। हर जगह बस भारत का बोलबाला है। जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय समूह की कमान भारत संभाल रहा है और  इससे भी चीन को काफी ज्यादा मिर्ची लगी है।

और पढ़ें: अमेरिका की कुटिल चाल: चीन पर भारत के साथ रहो, पाकिस्तान पर ज्ञान दो

वहीं भारतीय बाजार में भी चीन के दिन अब गिने-चुने ही बचे हैं, क्योंकि भारत उसके साथ व्यापार को लगातार कम करता जा रहा है। भारत से चीनी सामानों के बहिष्कार की मुहिम अपने चरम पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं भारतीय सेना पर चीन के हमले भी चीनियों की हताशा का एक बड़ा कारण है। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया था, लेकिन भारतीय जवानों ने उनको पीट-पीटकर उनका दिमाग ठिकाने लगा दिया। इससे पहले गलवान घाटी में भी हुई झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों ने बड़ी बहादुरी से चीनी सेना से भिड़ते हुए उसको सबक सिखाया था।

तो चीन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी

इन सभी घटनाओं से ऐसा लग रहा है मानों अब चीन पूरी तरह से हताश हो चुका है क्योंकि भारत के विरुद्ध उनका कोई भी पैतरा काम नहीं आ रहा है और साथ ही वह देश में होने वाली समस्याओं से भी परेशान है। ऐसे में अपनी निराशा में चीनी भारतीयों को निशाना बना रहे हैं। हालांक शी जिनपिंग को भारतीयों पर हो रहे हमलों को रोकना अति आवश्यक है और अपनी धूर्त चालों से बाज नहीं आया तो इसका भारी नुकसान चीन को ही उठाना पड़ेगा। पहले भी टिकटॉक जैसी कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाकर उसे सबक सिखाया है। आने वाले समय में यदि भारत और भी कोई कड़ा कदम उठाता है, तो उससे चीन को काफी चोट पहुंचेगी।

और पढ़ें: एस. जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान के साथ पश्चिमी देशों को ऐसा कूटा कि वो याद रखेंगे

 

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version