“IIT में यह तो पक्का नहीं पढ़ाया जाता”, केजरीवाल ने LG के लिए जो भाषा बोली वो ‘सड़कछाप’ भी नहीं है

"कहां का LG, कौन LG, कैसा LG..." केजरीवाल ने इसके बाद सभी सीमाओं को तोड़ दिया।

Kejriwal Viral Video

SOURCE TFI

Kejriwal viral video: स्वयं को सभ्य, ईमानदार या ये कहें कि सर्वगुण संपन्न व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करने वाले आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हर दिन किसी न किसी के विरुद्ध विष उगलते दिख जाते हैं। लेकिन अभी हाल ही में उन्होंने दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लेकर ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया है जिसे सुनकर कोई भी हैरान हो जाएगा। इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने को लेकर अरविंद केजरीवाल ने एलजी पर निशाना साधा है।

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Kejriwal का अभद्र भाषा का Video Viral हो रहा है     

अगर आप ट्विटर पर Viral इस Video को सुनेंगे तो आपको अरविंद केजरीवाल की अभद्र भाषा की सीमा का पता चलेगा। Kejriwal ने इस Viral Video में कहा है कि ये एलजी कौन हैं? एलजी कहां से आ गया? कहां का एलजी, किस बात का एलजी, कौन लेफ्टिनेंट गवर्नर। बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। हमारे सिर पर बैठे गया आके लेफ्टिनेंट गवर्नर। अब वो तय करेंगे कि हम अपने बच्चों को कहां पढ़ाएंगे?

एलजी के विषय में दिल्ली के मुख्यमंत्री के द्वारा इस तरह की भाषा का उपयोग करना क्या सही है? इस तरह की भाषा को लेकर एक प्रश्न केजरीवाल से पूछना तो बनता है कि- IIT से पढ़ाई करके आए मुख्यमंत्री के द्वारा विधानसभा के सदन में उपराज्यपाल के लिए इस तरह की भाषा का उपयोग करना क्या शोभा देता है? क्या एक पढ़े लिखे मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए? क्या एक संवैधानिक पद के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की ऐसी भाषा सही है?  उत्तर सर्वविदित है- बिलकुल नहीं। किसी मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल या फिर किसी भी नेता या व्यक्ति का आक्रामक हो जाना एक सामान्य सी बात हो सकती है लेकिन आक्रामकता की आड़ में सवैधानिक पद के लिए ऐसी भाषा का उपयोग करना कतई सही नहीं है।

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आक्रामकता की आड़ में अभद्रता

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब उन्होंने दिल्ली के एलजी को लेकर इस तरह का बर्ताव किया हो। इससे पहले भी Kejriwal कई बार Viral Video में एलजी को अनाब-शनाब कहते हुए दिख चुके हैं। इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल ने तो उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर ‘सामंती मानसिकता’ से पीड़ित होने का भी आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा है कि एलजी शहर में गरीब बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा ही नहीं चाहते हैं। वैसे तो घोटालों और भ्रष्टाचारों के एक के बाद एक मामले सामने आने के कारण आम आदमी पार्टी की स्थिति बहुत अधिक दयनीय हो गई है लेकिन उसके बाद भी केजरीवाल महोदय अपने व्यंग्यास्त्र का प्रयोग करने से बिलकुल भी पीछे नहीं हट रहे  हैं और इस बार तो उन्होंने एक संवैधानिक पद और उसकी गरिमा की ही धज्जियां उड़ा दी। यह कुछ ऐसा ही है कि रस्सी जल गई पर अकड़ नहीं गई।

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ध्यान देना होगा कि एक सभ्य आदमी की सबसे बड़ी पहचान उसकी भाषा से होती है लेकिन अगर कोई व्यक्ति सभ्य होते हुए भी अभद्र भाषा का प्रयोग करता है तो वह कुछ भी हो सकता है सभ्य तो नहीं हो सकता है। केजरीवल को अवश्य ही एक संवैधानिक पद पर रहते हुए दूसरे संवैधानिक पद का सम्मान तो करना ही चाहिए।

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