“पंजाब को लॉन्चपैड बनाकर दिल्ली तक सक्रिय हो गए खालिस्तानी स्लीपर सेल”, 26 जनवरी को बड़ा हमला करने का था षड्यंत्र

खालिस्तानी पूरे देश में पैर पसारने की मंशा पालकर बैठे हैं!

खालिस्तानी विचार भारत के लिए बहुत खतरनाक है। अब तक आप इस विचार धारा के पनपने की खबरें ज्यादातर पंजाब से जुड़ी ही पढ़ रहे थे या सुन रहे थे लेकिन अब पंजाब की आप सरकार की मेहरबानी से खालिस्तानी गैंग राजधानी दिल्ली भी आ पहुंचा है। अब खालिस्तानी स्लीपर सेल केवल पंजाब में ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी एक्टिव हो गई है और किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है।

खालिस्तान समर्थन वाले नारों के पोस्टर

दरअसल, सिख फॉर जस्टिस की ओर से गणतंत्र दिवस से पहले सोशल मीडिया के जरिए लाल किले पर हमला करने और खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद दिल्ली के कई इलाकों में खालिस्तान समर्थन वाले नारों के पोस्टर लगाए गए थे। ये पोस्टर दिल्ली के जनकपुरी, तिलक नगर, पश्चिम विहार समेत लगभग दर्जनभर जगहों पर चस्पा किए गए थे। साथ ही रेफरेंडम 2020 लिखकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद पुलिस अलर्ट होकर मामले की जांच करने में जुट गई थी और अब इस मामले में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने इस मामले में अब 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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एक प्रतिबंधित संगठन

SFI यानी सिख फॉर जस्टिस जोकि एक खालिस्तानी संगठन है और एक प्रतिबंधित संगठन है। इस देश विरोधी संगठन को विदेशों से खालिस्तानी समर्थकों के द्वारा चलाया जा रहा है। ये एक आतंकी संगठन है। इस संगठन ने गणतंत्र दिवस से पहले एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने धमकी देते हुए लाल किले पर झंडा फहराने वाले को 5 मिलियन डॉलर का इनाम देने की बात कही थी। जिसके बाद दिल्ली में जगह-जगह राष्ट्र विरोधी खालिस्तानी पेटिंग की गई, जो एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।

ये घटना पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय है। जो खतरनाक खालिस्तानी मानसिकता पंजाब में उत्पन्न हुई अब वो पूरे राष्ट्र के लिए खतरा बनती जा रही है।  खालिस्तानी नारों से दीवारें पोते जाने की घटनाएं ज्यादातर पंजाब से ही सुनने को आते थे लेकिन इनकी नजर पूरे देश पर है। खालिस्तानी आतंकियों ने जैसा रवैया पंजाब में अपनाया हुआ है वैसा ही माहौल वो देश के अन्य राज्यों में भी अब पैदा करना चाहते हैं।

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नौजवानों को गुमराह करने की कोशिश

अब तक विदेशों में बैठी ये देश विरोधी ताकतें समय-समय पर नौजवानों को गुमराह करने और पंजाब के हालात को खराब करने की कोशिशें करती आई हैं लेकिन अब यही काम देश के दूसरे राज्यों में भी ये ताकतें करना चाह रही हैं क्योंकि जिस पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने पंजाब में खालिस्तानी समर्थकों को छूट दी है उसका प्रभाव दिल्ली जैसे राज्य पर भी पड़ने लगा है।

वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में ही कुछ इसी तरह पंजाब के बठिंडा में वन अधिकारी के कार्यालय की दीवार पर खालिस्तान के समर्थन में और भारत के विरोध में नारे लिखे जाने का मामला सामने आया था। इससे पहले जून महीने में भी फरीदकोट में जिला व सेशन जज की कोठी के बाहर दीवार पर खालिस्तानी समर्थक नारे लिखे जाने का मामला सामने आया था और इससे पहले ऑपरेशन ब्लूस्टार की 38वीं बरसी पर स्वर्ण मंदिर में कट्टरपंथी सिख संगठनों के खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने का मामला सामने आया था।

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भारत विरोधी नारे

वहीं पंजाब के होशियारपुर में खालिस्तानी समर्थकों ने एक रैली निकालकर भारत विरोधी और पंजाब बनेगा खालिस्तान जैसे नारे लगाए थे। जिसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि इन नारों के पीछे प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ की भूमिका है। पंजाब में दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन वाले नारे लिखे जाना, खालिस्तान के समर्थन में रैलियां निकालना आम बात हो गई है। जिस पर पंजाब सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। पूरी तरह खालिस्तानी आतंकी बैखोफ हैं। लेकिन अब दिल्ली से इस तरह की घटना सामने आना एक गंभीर मामला है। पंजाब से अब खालिस्तानी समर्थक दिल्ली शिफ्ट होते दिख रहे हैं। जिसके चलते अब सुरक्षा एंजेसियां अलर्ट हो गई हैं।

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