नाटू नाटू: RRR ने गोल्डन ग्लोब में पुरस्कार जीत लिया, अब ऑस्कर की बारी है

विश्व के सभी कोनों में RRR का नाम जोरों शोरों से गूंज रहा है। RRR के “नाटू नाटू” सॉन्ग ने गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है, परंतु यह सिलसिला अभी यही रुकने वाला नहीं है।

नाटू नाटू गोल्डन ग्लोब पुरस्कार

Source- TFI

नाटू नाटू गोल्डन ग्लोब पुरस्कार: कुछ दिनों पूर्व जब चर्चित हॉलीवुड प्रोड्यूसर जेसन ब्लम ने कहा था कि बहुचर्चित ब्लॉकबस्टर “रौद्रम रणम रुधिरम” ऑस्कर्स में धूम मचाएगी, तो कई लोग अतिउत्साहित हुए और कुछ लोगों ने इस फिल्म का उपहास भी उड़ाया। परंतु अभी गोल्डन ग्लोब्स में जो हुआ है, उससे स्पष्ट होता है कि संसार में कुछ भी असंभव नहीं, बस प्रयास करने की देर है।

इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कैसे RRR के “नाटू नाटू” ने गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है और कैसे यह बिना ऑस्कर जीते नहीं रुकने वाला?

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‘नाटू नाटू’ गोल्डन ग्लोब पुरस्कार – RRR का जलवा

जब 25 मार्च 2022 को देशभर के सिनेमाघरों में “RRR” प्रदर्शित हुई, तो सभी को ज्ञात था कि ये फिल्म भारतीय सिनेमा के खोए हुए गौरव को पुनर्स्थापित करने में एक कदम आगे बढ़ेगी, पर किसी को भी लेशमात्र भी अंदाज़ा नहीं था कि यह फिल्म वैश्विक पटल पर लोगों को ऐसे लुभाएगी जैसे अब कर रही है। क्या जापान, क्या रूस लगभग विश्व के सभी कोनों में RRR का नाम जोरों शोरों से गूंज रहा है।

हाल ही में बहुचर्चित गोल्डन ग्लोब्स पुरस्कार में “रौद्रम रणम रुधिरम” को “सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म” एवं “सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत” यानि “बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग” के लिए नामांकन मिला, जिसमें “बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग” के लिए गीतकार के सुभाष चंद्रबोस एवं संगीतकार एम एम कीरावाणी को सम्मानित किया गया।

ये सम्मान अपने आप में काफी अभूतपूर्व है, केवल इसलिए नहीं क्योंकि RRR ने वैश्विक स्तर पर भारत का नाम उज्ज्वल किया है, अपितु इसलिए भी क्योंकि ये प्रथम भारतीय गीत है, जिसने बिना किसी विदेशी टैग के साथ ऐसा सम्मान प्राप्त किया है। इससे पूर्व ए आर रहमान को भी गोल्डन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित किया गया, परंतु वो फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए किया गया, जिसमें निर्माता एवं निर्देशक दोनों विदेशी थे।

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अब ऑस्कर की है तैयारी? 

इसके अतिरिक्त ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ को भारत की नकारात्मक छवि पेश करने के लिए आलोचना के घेरे में भी लाया गया है, जबकि “RRR” ने बिना भारत की संस्कृति का उपहास उड़ाये, बिना भारत की नकारात्मक छवि पेश किये वैश्विक स्तर पर अनेक सम्मान अर्जित किये हैं, जिसमें अब गोल्डन ग्लोब भी जुड़ चुका है। इतना ही नहीं, बहुचर्चित अमेरिकी मैगज़ीन ‘Variety’ ने इसे ऑस्कर 2023 के लिए अपनी नामांकन सूची में प्रबल दावेदारों में भी सम्मिलित किया है और यदि ये फिल्म ‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ सहित कई श्रेणियों में नामांकित हो तो कोई भी चकित नहीं होगा। वैसे भी “नाटू नाटू” को सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत के ऑस्कर के शॉर्टलिस्ट में नामांकित किया गया है।

यह पुरस्कार उन लोगों के मुख पर भी करारा तमाचा है, जो ये मानते हैं कि भारत को “गरीब, सपेरों का देश” के रूप में दिखाने से ही वैश्विक समृद्धि मिलेगी। इसी आधार पर पिछले कई वर्षों से फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया केवल उन्हीं फिल्मों को प्राथमिकता देती, जो किसी न किसी तरीके से भारत की नकारात्मक छवि विश्व के समक्ष पेश करें ।

परंतु वो कहते हैं न, जब ईश्वर एक द्वार बंद करता है, तो दूसरा द्वार खोलता भी है। इसीलिए एसएस राजामौली ने इस फिल्म को वैश्विक लोकप्रियता दिलाने का बीड़ा अपने ही कंधों पर लेते हुए “RRR” को प्रत्यक्ष एंट्री के रूप में ऑस्कर में भेजा। इसके अतिरिक्त इस फिल्म को बहुचर्चित “सैटर्न अवार्ड्स” से लेकर अनेक अमेरिकी फिल्म पुरस्कारों में भरभर के सम्मान प्राप्त हुए हैं। ये फिल्म इतनी लोकप्रिय हो चुकी कि लॉस एंजेलिस के चाइनीज थियेटर में एक विशेष शो की सभी टिकटें मात्र 98 सेकेंड में ही बिक गई।

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अब “RRR” कितना लोकप्रिय है, इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि केवल विदेशी सिनेमाप्रेमी ही नहीं, अपितु अनेक विदेशी कलाकार इस फिल्म से अभिभूत है। उदाहरण के लिए गेम ऑफ थ्रोन्स की अभिनेत्री Nathalie Emmanuel एवं अपने अभिनय के लिए ऑस्कर प्राप्त करने वाली जेसिका चैस्टेन ने इस फिल्म के लिए प्रशंसा के पुल बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जेसिका, जो अकादेमी अवॉर्ड के ज्यूरी की भी सदस्य है, इस फिल्म को एक “उत्सव” की संज्ञा दे चुकी है और ये भी कहा है कि इस फिल्म को किसी को नहीं मिस करना चाहिए। “बाहुबली” के बाद अब “रौद्रम रणम रुधिरम” के माध्यम से एसएस राजामौली ने भारतीय संस्कृति को पुनः गौरवान्वित किया है। अब क्या इसके लिए “गोल्डन ग्लोब्स” को भी पिछड़ा कहेंगी रत्ना पाठक शाह?

https://www.youtube.com/watch?v=1dJpD1ND4kI

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