किसी ने सही कहा था, “जनता को मूर्ख समझना बंद कर दीजिए”। ये बात यूं ही नहीं कही गई थी, क्योंकि इसकी अवहेलना करने वाले आज किस स्थिति में है, यह बॉलीवुड से बेहतर कोई नहीं समझा सकता। आज अगर कुछ एक कलाकारों को छोड़ दें, तो अधिकतम सितारे अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए कम और अपना अस्तित्व बचाने के लिए अधिक प्रयास कर रहे हैं। यही हाल दीपिका पादुकोण और उनके पति रणवीर सिंह का भी है, जिन्हें अगर बॉलीवुड का ‘फ्लॉप कपल’ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
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बॉलीवुड के सबसे खराब रहा ये साल
इन दिनों बॉलीवुड का भाग्य किस स्याही से लिखा जा रहा है, किसी को कोई आभास नहीं। इस वर्ष तो जैसे बॉलीवुड को ग्रहण लग गया था, या यूं कहिए जनता बॉलीवुड द्वारा परोसे जा रहे कॉन्टेंट से तंग आ चुकी थी। कार्तिक आर्यन, अजय देवगन और तब्बू को छोड़ दें, तो किसी भी स्टार को दर्शकों ने घास तक नहीं डाली। परंतु जिनका सबसे अधिक नुकसान हुआ है, वह है दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह, जो एक समय पर बदलते बॉलीवुड के प्रतीक माने जाते थे और आज भी उनका कद कम नहीं हुआ है। अंतर बस इतना है कि वे बॉलीवुड के विनाश के प्रतीक के रूप में अधिक उभर रहे हैं।
वो कहते हैं, जो समय और परिस्थितियों के साथ बदले वही प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मृत्यु, कोविड और निरंतर विकसित होते कॉन्टेन्ट के साथ ये स्पष्ट हो चुका है कि जो दमदार कॉन्टेन्ट देगा और जनता को भरपूर मनोरंजन प्रदान करेगा, वही उनके हृदय पर राज करेगा। कुछ नहीं तो कम से कम विक्की कौशल और वरुण धवन जैसे लोग भी इस बात को मानने लगे हैं और हाल ही में दिए साक्षात्कार में उन्होंने इसे स्वीकारा कि जनता अधिक समझदार हो चुकी हैं।
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लंबे समय से फ्लॉप पे फ्लॉप दे रहे हैं दोनों
परंतु दीपिका और रणवीर के लिए तो बदलाव हास्य परिहास के विषय से अधिक कुछ नहीं। ये हम नहीं कहते, इनके फिल्मों की परफ़ॉर्मेंस यही सिद्ध करती है। देखा जाये तो 2018 से दोनों ने एक भी ब्लॉकबस्टर देने में सफल नहीं हो पाए हैं और अपने दम पर तो बिल्कुल नहीं। सबसे पहले बात रणवीर सिंह की कर लेते हैं। उन्हें देखकर ऐसा तो लगता ही नहीं है कि ये वही व्यक्ति है, जिसने “बैंड बाजा बारात” जैसी फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थीं और फिर “लुटेरा” और “लेडीज वर्सेस रिकी बहल” जैसी फिल्मों के माध्यम से वो बॉलीवुड में स्वयं को साबित करने का प्रयास किया था। ‘सिम्बा’ के पश्चात रणवीर सिंह की 2019 में आई ‘गली बॉय’, जो कुछ खास नहीं चली, भले ही फिल्मफेयर अवार्ड्स में इस पर पुरस्कारों की बारिश की गई। अगर ‘सूर्यवंशी’ के कैमियो को छोड़ दें, तो ‘83’ से लगातार फ्लॉप पे फ्लॉप दिए जा रहे हैं। फिर चाहे वो ‘जयेशभाई जोरदार’ हो या फिर ‘सर्कस’।
और दीपिका पादुकोण, अब इनके बारे में क्या कहें। इनके बारे में जितना लिखो कम पड़ेगा और ये अभिनय पर कम, नौटंकियों पर अधिक ध्यान देती है। एक समय ऐसा था जब दीपिका बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्री के तौर पर देखी जाती थीं। “ओम शांति ओम” से डेब्यू करने वाली दीपिका ने “बचना ऐ हसीनो”, “यह जवानी है दिवानी”, “लव आजकल”, “कॉकटेल”, “चेन्नई एक्सप्रेस” जैसी कई हिट फिल्में दी है।
परंतु ‘पद्मावत’ के पश्चात दीपिका के हाथ एक भी हिट फिल्म नहीं लगी है और ‘छपाक’ और ‘83’ तो इन्होंने अपने हाथों से फ्लॉप कराई है, प्रोड्यूसर जो ठहरी। इसके अतिरिक्त ‘गहराइयां’ में इन्होंने जो कबाड़ा किया है, उस पर क्या ही कहें। इसके बाद भी इनके हाथ में एक नहीं बल्कि चार-चार प्रोजेक्ट हैं, जिसमें से एक तो वही ‘पठान’ है।
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रणवीर और दीपिका ने “गोलियों की रासलीला: रामलीला”, “बाजीराव मस्तानी” और “पद्मावत” जैसी फिल्मों में एक साथ काम किया है और पहले यह जोड़ी अपनी फिल्मों के कारण ही सुर्खियों में रहती थीं। परंतु आज की बात करें तो रणवीर और दीपिका अपनी काम के कारण कम और नौटंकियों की वजह से अधिक चर्चाएं बटोरते हैं।
फिर भी न जाने कौन सी दिव्य शक्तियां इन दोनों को मिली है, कि इनपर निर्माता अपना पैसा फूंकने को तत्पर रहते हैं और न ही ये लोग वास्तविकता को स्वीकारना चाहते हैं। देर से ही सही यह समझ आने लगा है कि रणवीर और दीपिका के करियर का अंत निकट है।
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