Navratri Kab Se Shuru Hai : नवरात्रि कब से शुरू है : महत्व एवं स्वरूप
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Navratri Kab Se Shuru Hai साथ ही इससे जुड़े महत्व एवं स्वरूप के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
नवरात्रि कब से शुरू है –
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रही है. नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को है 31 मार्च 2023 को दशमी के दिन व्रत किया जाएगा
नवरात्रि का महत्व –
नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष होते है। इन नौ दिनों के दौरान देवी दुर्गा के भक्त सच्चे हृदय और भक्तिभाव से आराधना करते है, साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों को किसी नए या मांगलिक कार्य के लिए शुभ माना जाता है। सनातन धर्म के धार्मिक पर्वों और त्यौहारों में से एक है नवरात्रि, जिसे अधिकतर हिन्दुओं द्वारा अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता हैं।
- पहला चैत्र नवरात्र -माँ शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना: 22 मार्च 2023, बुधवार
- दूसरा चैत्र नवरात्र – माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 23 मार्च 2023, गुरुवार
- तीसरा चैत्र नवरात्र – माँ चंद्रघंटा पूजा 24 मार्च 2023, शुक्रवार
- चौथा चैत्र नवरात्र – माँ कुष्मांडा पूजा 25 मार्च 2023, शनिवार
- पांचवां चैत्र नवरात्र – माँ स्कंदमाता पूजा 26 मार्च 2023, रविवार
- छठा चैत्र नवरात्र – माँ कात्यायनी पूजा 27 मार्च 2023, सोमवार
- सातवां चैत्र नवरात्र – माँ कालरात्रि पूजा 28 मार्च 2023, मंगलवार
- आठवां चैत्र नवरात्र – माँ महागौरी दुर्गा महा अष्टमी पूजा 29 मार्च 2023, बुधवार
- नौवां चैत्र नवरात्र – माँ सिद्धिदात्री दुर्गा महा नवमी पूजा 30 मार्च 2023, गुरुवार
- नवरात्रि का दसवां दिन – दुर्गा विसर्जन विजय दशमी 31 मार्च 2023, शुक्रवार
माँ दुर्गा के नौ स्वरूप-
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चन्द्रघण्टा
- कूष्माण्डा
- स्कन्दमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
पहला दिन
नवरात्र का पहला दिन देवी दुर्गा को समर्पित होता है। दुर्गा माता को शक्ति और उर्जा का रूप माना जाता है, यहीं कारण है पहले दिन उनकी पूजा की जाती है |
दूसरा दिन
नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रम्हचारिणी को समर्पित होता है। इस लोगो द्वारा पूजा-पाठ करते हुए माता ब्रम्हचारिणी को याद किया जाता है और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।
तीसरा दिन –
नवरात्र का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित होता है। इस दिन लोगो द्वारा देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है और अपने इच्छाओं के पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।
चौथा दिन
नवरात्र का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित होता है। यह इस दिन लोगों द्वारा माता कुष्मांडा की पूजा अर्चना करते हुए, अपने मनोकामनाओं के पूर्ति के लिये उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है।
पांचवा दिन
नवरात्र का पांचवा दिन देवी स्कंदमाता को समर्पित होता है। इस दिन लोगो द्वारा देवी स्कंदमाता की पूजा अर्चना करते हुए, अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है।
छठवां दिन
नवरात्र का छठवां दिन देवी कात्यायनी को समर्पित होता है। इस दिन लोगों द्वारा देवी कात्यायनी की पूजा करते हुए, अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है।
सातवां दिन
नवरात्र के इस दिन को महासप्तमी के नाम से भी जाना जाता है और यह दिन देवी कालरात्रि को समर्पित होता है। इस दिन लोगों द्वारा देवी कालरात्रि की पूजा-अर्चना करते हुए, अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।
आठवां दिन –
नवरात्र का नौवां दिन माता महागौरी को समर्पित होता है। इस दिन लोगों द्वारा माता महागौरी की पूजा-अर्चना करते हुए, अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।
नौवां दिन –
इस दिन को नवमी के नाम से भी जाना जाता है और यह दिन देवी सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। इस दिन लोगों द्वारा देवी सिद्धिदात्री की पूजा करते हुए, अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
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