कहा जाता है कि एक लेखक का अपना कुछ नहीं होता, जो होता है वो सारे संसार का होता है। एक लेखक की विचारधारा जिम्मेदारी भरी होनी चाहिए। हमारे देश में कई लेखक खुद को लेकर दावा करते हैं कि वे एक तर्कवादी लेखक हैं। लेकिन यदि ये ही तथाकथित तर्कवादी लेखक हिंदू धर्म की संस्कृति के घोर विरोधी बन जाएं तो समाज में इनकी लेखनी का संदेश क्या जाएगा, क्या आपने कभी ये सोचा है? दरअसल, ये तथाकथित तर्कवादी लेखक हिंदू धर्म के ग्रंथों पर ऊलजूलूल बातें करके हिंदू धर्म का अपमान करने पर तूले हुए हैं।
और पढ़ें- हिंदू धर्म की विशिष्टता का प्रमाण है अग्निहोत्र, यहां समझिए लोगों को इसे क्यों करना चाहिए ?
केएस भगवान से जुड़ा मामला
ताजा मामला कर्नाटक के एक लेखक केएस भगवान से जुड़ा है। तथाकथित तर्कवादी लेखक केएस भगवान ने भगवान राम को लेकर एक विवादित बयान दिया है जिस पर बवाल मच गया है क्योंकि तथाकथित लेखक का कहना है कि भगवान राम हर रोज पत्नी सीता के साथ बैठकर मादक पदार्थों का सेवन करते थे।
(भगवान) राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और पूरे दिन पीते थे… उन्होंने बिना परवाह किए अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया… एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया। वे कैसे आदर्श हो सकते हैं: केएस भगवान, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और लेखक, मांड्या, कर्नाटक(20.1)
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2023
तथाकथित बुद्धजीवी केएस भगवान के नाम में भगवान जरूर जुड़ा है लेकिन हिंदू धर्म के आराध्य भगवान राम पर घटिया बयान देकर वे केवल और केवल अपने मानसिक रूप से बीमार और हिंदू विरोधी विचारधारा से ग्रसित होने का ही परिचय दे रहे हैं।
दरअसल, कन्नड़ भाषा के लेखक केएस भगवान ने अपने बयान में वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड का जिक्र करते हुए कहा है कि भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी के साथ बैठकर मादक पदार्थ का सेवन करते थे। केएस भगवान का कहना है कि राम राज्य बनाने की बात चल रही है… वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि भगवान राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 साल नहीं, बल्कि केवल 11 साल तक शासन किया। ध्यान दीजिए कि जिस उत्तर कांड के बारे में भगवान बोल रहे हैं वो तो वाल्मीकि रामायण में है ही नहीं। ऐसे में तो स्पष्ट होता जाता है कि कन्नड़ भाषा के लेखक केएस भगवान बिना किसी तर्क के हिंदू धर्म के आराध्य पर उंगली उठा रहे हैं, हिंदू धर्म के बारे गलत प्रचार प्रसार करने जैसा घृणित कार्य कर रहे हैं।
और पढ़ें- ‘मूर्ति पूजक है हिंदू धर्म, बाकी धर्मों में ये सब नहीं होता’, अबतक की सबसे बड़ी फेक न्यूज है
हिंदू धर्म को लेकर बयानबाजी
ये कोई पहली बार नहीं है जब कन्नड़ भाषा के लेखक केएस भगवान ने हिंदू धर्म को लेकर इस तरह का बयान दिया हो बल्कि इससे पहले 2018 में कन्नड़ लेखक ने राम मंदिर पर पुस्तक जारी की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि भगवान राम ‘नशीला पदार्थ’ लेते थे और देवी सीता को भी उनका सेवन कराते थे। कन्नड़ लेखक ने कहा था कि उन्होंने अपना बयान ‘वाल्मीकि रामायण’ के आधार पर ही दिया था। जिसके बाद उनके इस बयान पर खूब विवाद हुआ था।
बुद्धिजीवियों के द्वारा हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों को आधार बनाकर सनातन धर्म को टारगेट करके आपत्तिजनक बयानबाजी करने वाले मामलों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन ऐसा आखिर क्यों होता है कि खुद को जो तार्किक लेखक और बुद्धिजीवी बताते हैं वही तथाकथित बुद्धिजीवी दुनिया के सबसे तार्किक धर्म सनातन के विरोध में उतर जाते हैं। ध्यान दीजिए कि कार्ल सेगन जैसे वैज्ञानिक कह चुके हैं कि आज तक के सबसे बड़े खगोल-शास्त्री भी हिंदू धर्म से प्रेरित थे।
और पढ़ें- “मुख्य आतंकवादी हिंदू हैं…” ‘कट्टर किताब’ लिखने वाली फरहत खान की गिरफ्तारी से आगे भी कुछ करना होगा
अंधविश्वास को बनाते हैं आधार
ऐसे ही कथित बुद्धिजीवियों में एक हैं नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे जिन्होंने अंधविश्वास को आधार बनाकर हिंदू धर्म में कथित कुरीतियां होने का दावा किया जिससे उन्हें हिंदू धर्म को निशाने पर लेने का अवसर मिल जाता था।
आए दिन हिंदू धर्म को लेकर कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों के द्वारा कहा जाता है कि ये धर्म पाखंड से भरा है। लेकिन प्रश्न तो वही है कि इन कथित बुद्धिजीवियों के लिए हिंदू धर्म पर सवाल उठाना जितना सुविधाजनक है उतना अन्य धर्म के लिए क्यों नहीं है? आखिर क्यों इस तरह के तथाकथित तार्किक लेखक अन्य धर्मों के विरोध में बयानबाजी नहीं कर पाते हैं। क्या अन्य धर्म में उन्हें कोई खामी दिखती ही नहीं या फिर अन्य धर्म के विरोध में बोलने से ये तथाकथित बुद्धिजीवी भय खाते हैं। अन्य धर्म के विरोध में इस तरह की बयानबाजी न करना और लगातार हिंदू धर्म को कोसना इन बुद्धिजीवियों की हिंदू धर्म के प्रति कुंठा को ही प्रदर्शित करता है।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।