Sabse Purana Dharm Kaun Sa Hai : सबसे पुराना धर्म कौन सा है : सूची एवं महत्व
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Sabse Purana Dharm Kaun Sa Hai साथ ही इससे जुड़े सूची एवं महत्व के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
सबसे पुराना धर्म –
सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म है इसे ‘वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म’ भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।
धर्मों की सूची-
हिन्दू धर्म – हिन्दू धर्म की उत्पत्ति हुई 15 वीं और 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के समय। हिन्दू धर्म को पहले सनातन धर्म के नाम से जाना जाता था। हिन्दू धर्म में कई वेद, शास्त्र और पूरण लिखे गए जो लोगों को जीने का सही तरीका सिखाते हैं।
यहूदी धर्म – धर्म 4000 साल पुराना है। आज इस धर्म को Israel में अपनाया जाता है। इस धर्म में मूर्ति पूजा नही होती। ये धर्म एकेश्वर को मानता है। ऐसा माना जाता है कि यहूदी धर्म से ही इस्लाम धर्म और ईसाई धर्म की उत्पत्ति हुई थी।
ईसाई धर्म – इतिहास के अनुसार ईसाई धर्म 2000 साल पहले अस्तित्व में आया था। ईसा मसीह इस धर्म के संस्थापक हैं।
इस्लाम धर्म – इस धर्म की शुरुआत 1400 ईसा पूर्व हुई थी। इसकी स्थापना हज मुहम्मद अलै ने की थी और इसे लोगों तक हजरत मुहम्मद सल्ल ने पहुचाया था।
पारसी धर्म – पारसी धर्म की शुरुआत पैगम्बर जरथुस्त्र ने की दी। पारसी धर्म के लोगों एकेश्वर को मानते हैं। वो अहुरा मज़्दा की पूजा करते हैं। इतिहास के अनुसार पारसी धर्म की शुरुआत 1700 से 1500 ईस्वी पूर्व हुई थी।
जैन धर्म –धर्म के 24 तीर्थंकर हैं। जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव हैं और आखिर तीर्थंकर महावीर स्वामी जी हैं। जैन धर्म के प्राचीन होने का सबूत कई पौराणिक साहित्यो में मिलता है। इस धर्म का मुख सिद्धांत हैं अहिंसा। इस सिद्धांत का इस धर्म में सख्ती से पालन होता है। इस धर्म में खाने पीने का और आचार विचार के विशेष नियम होते हैं।
बौध धर्म – इस धर्म के अनुयाई जापान, चीन, थाईलैंड, कोरिया, श्रीलंका, कंबोडिया, भूटान, नेपाल और भारत में रहते हैं। ये धर्म भी अहिना को मानता है।
शिन्तो धर्म – इस धर्म के लोग जापान में रहते हैं।
सिख धर्म – सिख धर्म के दस गुरु हैं जिसमें प्रथम हैं श्री गुरुनानक देव जी। इस धर्म की शुरुआत 600 वर्ष पूर्व हुई। श्री गुरु गोविन्द सिंह जी ने सिख धर्म को व्यवस्थित किया।
धर्म का महत्व –
- धर्म मानव जीवन को सवारता है और धर्म ही समाज को एकसूत्र में बांधता है
- धर्म लोगों में समाज कल्याण की भावना पैदा करता है। सभी धर्म लोगों में प्रेम, सहयोग और परोपकार के गुण विकसित करते हैं।
- धर्म ही समाज को स्थायित्व देता है और इसी से ही धरती पर मानवता जीवित है
- धर्म में पाप और पुन्य क्या है ये विस्तृत रूप से बताया गया है
- ये ज्ञान व्यक्ति और समाज को गलत राह में जाने से रोकता है। सभी धर्मो में मानवता को सर्वोपरी माना गया है
- र सभी धर्म प्रेम का सन्देश देते हैं। यदि सभी व्यक्ति धर्म की असली परिभाषा को अपना ले तो कभी भी लोगों के बीच क्लेश और द्वेष नही आएगा।
- धर्म व्यक्ति का और समाज का विकास करता है। धर्म का अनुसरण कर व्यक्ति अपने आप में शक्ति महसूस करता है।
- धर्म उसे व्यर्थ की चिंता से दूर रहने की सलाह देता है और अपने कर्मो को करने का सन्देश देता है। धर्म की पवित्र भावनाएं व्यक्ति को सही राह दिखाती हैं।
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