Sankhya Kise Kahate Hain: संख्या किसे कहते हैं इतिहास एवं उदाहरण
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Sankhya Kise Kahate Hain बारे में साथ ही इससे जुड़े इतिहास एवं उदाहरण के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
संख्या किसे कहते हैं –
गणितीय वस्तुएँ जिनका उपयोग गिनने, मापने और नामकरण करने के लिए किया जाता हैं उन्हें संख्या कहते हैं।अंकगणित में कुल 10 संख्याएँ (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) होती हैं। जिनकी मदद से बड़ी-बड़ी संख्याएँ बनती हैं। शून्य को पूर्ण संख्या माना गया हैं
उदाहरण –
- 2 के बाद 0 लगाने पर 20 (बीस) बनता है।
- 10 के बाद 00 लगाने पर 1000 (एक हजार) हो जाता है।
- 20 के बाद 000 लगाने पर 20,000 (बीस हजार) बनता है
- 5 के बाद 0 लगाने पर 50 (पचास) बनता है।
- संख्या को इंग्लिश में नंबर कहा जाता है
प्रणाली –
- दाशमिक प्रणाली
- अंतराष्ट्रीय प्रणाली
दाशमिक प्रणाली –
भारतीय अरब प्रणाली भी कहते हैं। जिसे दाईं से बाईं और लिखा जाता है। जैसे- 97245 संख्या को दाएं ओर से गिनते हुए इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार, दस हज़ार, लाख, 10 लाख, करोड़, 10 करोड़, अरब, 10 अरब कहा जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली –
इसी संख्या को दाएं से बाएं और गिनते हुए इकाई दहाई सैकड़ा हजार दस हज़ार, सौ हज़ार, मिलियन, दस मिलियन, सौ मिलियन, बिलियन, दस बिलियन, सौ बिलियन कहा जाएगा।
संख्या का इतिहास –
संख्याओं का इतिहास पुरातात्विक स्थलों पर मिले शिलालेखों से पता चलता है कि प्रारंभिक मानव ने संख्याओं को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रतीकों का उपयोग किया था। उदाहरण के लिए, प्राचीन किसान, व्यापारी और व्यापारी मात्रा दिखाने के लिए मिलान चिह्नों का उपयोग करते थे।
संख्याओं के प्रकार- संख्या 12 प्रकार की होती हैं
- प्राकृतिक संख्या
- सम संख्या
- विषम संख्या
- पूर्ण संख्या
- पूर्णांक संख्या
- भाज्य संख्या
- अभाज्य संख्या
- सह अभाज्य संख्या
- परिमेय संख्या
- अपरिमेय संख्या
- वास्तविक संख्या
- अवास्तविक संख्या।
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