बागेश्वर धाम सरकार के पीछे हाथ मुंह धोकर पड़े वामपंथियों, मौलवियों-पादरियों के ‘चमत्कार’ पर सांप सूंघ जाता है?

कैंसर को चुटकी से खत्म- खिलौने की बंदूक से चमत्कार। फिर भी वो अंधविश्वास और पाखंड नहीं फैलाते?

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

Source- TFI

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। वामपंथी गैंग उनके हाथ धोकर पीछे पड़ गया है लेकिन उससे कई गुना अधिक लोग बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतर आए हैं और उनका साथ दे रहे हैं। बागेश्वर धाम को मानने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि जो गिरोह बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर उंगली उठा रहा है और उन्हें ढोंगी या अन्य शब्दों से संबोधित कर रहा है उनकी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध करने की असल मंशा क्या है, इसे समझ लेते हैं? साथ ही यह भी जानते हैं कि बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास का आरोप लगाने वाले यह लोग पादरियों और मौलवियों के कथित “चमत्कारों” पर क्यों कुछ नहीं बोलते हैं?

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पादरियों के कथित “चमत्कार”

जो लोग आज सोशल मीडिया पर सनातन धर्म की बात करने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने जैसे आरोप लगा रहे हैं। वो लोग कभी  उन पादरियों पर उंगली नहीं उठाते जो गूंगे के बोलने, बहरे के सुनने, अपाहिज के चलने और कैंसर जैसी बीमारी को गायब कर देने जैसे चमत्कार करने के दावे करते हैं। ऐसे पादरियों के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर आपको देखने को मिल जाएंगें। उदाहरण के लिए एक वीडियो में एक पादरी दिख रहा है जिसके हाथ में एक दुपट्टा है। उस दुपट्टे को पादरी जैसे ही वहां मौजूद महिलाओं के पास ले जाता है तो महिलाओं का अपने ऊपर से नियंत्रण खो जाता है और वो जमीन पर लेटकर अजीबों गरीब हरकतें करने लगती हैं। इसी तरह का एक अन्य वीडियो भी उपलब्ध है जिसमें एक पादरी अपनी सभा में मौजूद पुरुष और महिलाओं पर कुछ छिड़कता है जिसका बाद वो मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की तरह व्यवहार करने लगते हैं।

खिलौने वाली बंदूक से भूत भगाने वाले मौलवी 

ठीक इसी तरह कुछ मौलाना-मौलवियों के भी कथित चमत्कार वाले वीडियो सोशल माडिया पर खूब देखने को मिलते हैं। एक वीडियो में मौलवी खिलौने वाली बंदूक से सामने वाली महिला पर फायर करता दिख रहा है जिससे महिला अजब गजब हरकतें कर रही हैं। परंतु या तो वामपंथी मौलवियों और पादरियों के इन वीडियो को देखते नहीं है और न ही देखना चाहते हैं। क्योंकि वो उनके एजेंडे में फिट जो नहीं बैठते। यह कभी पादरियों और मौलवियों के उनके कथित चमत्कार पर उंगली नहीं उठाते और इनके विरोध में खड़े नहीं दिखाई पड़े। यह वामपंथी गिरोह अमृत संधू, कंचन मित्तल, रमन हंस, गुरनाम सिंह खेड़ा, हरजीत सिंह, सुखपाल राणा, फारिस मसीह जैसे पादरियों जिन पर पंजाब में गरीब लोगों को अंधविश्वास और अपने पाखंड के चक्कर में लाकर धर्मातरण करवाने के आरोप लगते हैं उनके विरुद्ध कोई मोर्चा नहीं खोलते।

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वामपंथी की समस्या

असल में वामपंथियों को बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से समस्या ये हो रही है कि बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री हिंदुत्व के मुद्दे पर बोलने से बिल्कुल भी नहीं हिचकते हैं। वो सनातन धर्म के विरोधियों के खिलाफ मुखर होकर बोलते हैं। वो इस्लामिक कट्टरपंथियों पर खुलकर हमला करते हैं। बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धर्मांतरण के विरोध में हैं और क्रिसमस के मौके पर इन्होंने हिंदू से ईसाई बने लगभग 200 से अधिक लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी कराई थी। धीरेंद्र शास्त्री उन लोगों के खिलाफ भी बोलने से जरा नहीं हिचकिचाते, जिनपर सनातन विरोधी कृत्य करने के आरोप लगते हैं। जैसे कि बॉलीवुड। बॉलीवुड हमेशा से हिंदू धर्म का उपहास उठाया आया है और आज इसी कारण जनता का आक्रोश बॉलीवुड पर फूट रहा है। इसी बॉलीवुड का बहिष्कार करने की बात बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुलकर करते हैं।

बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लगातार बढ़ती लोकप्रियता वामपंथियों को कतई रास नहीं आ रही है। बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री स्वयं को हनुमान का परम भक्त बताते हैं और अपनी सभाओं से सनातन का जमकर प्रचार करते हैं। जिस कारण लोगों का कहना है कि इसी वजह से बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बातें वामपंथियों को रास नहीं आ रही और उन्होंने उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। जबकि जो आरोप बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर वामपंथी लगा रहे हैं उनका कोई पुख्ता सबूत उनके पास नहीं हैं। उन्होंने तो स्पष्ट तौर पर कहा है कि वो किसी भी तरह चमत्कार करने का दावा नहीं करते। फिर भी वामपंथी उन्हें अंधविश्वास फैलाने वाला, ढोंगी और न जाने क्या क्या कहते नजर आ रहे हैं। वामपंथियों का बिना तथ्यों और सबूतों के बाबा कृष्ण शास्त्री का विरोध करना और कैंसर जैसी बीमारी को चुटकीभर में खत्म कर देने का दावा करने वाले पादरियों और खिलौने वाली बंदूक से चमत्कार करने वाले मौलाना मौलवियों के विरुद्ध कुछ न बोलना इनके दोगलेपन को ही दर्शाता है।

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