पैसा सब कुछ खरीद सकता है। ये बात अगर सत्य होती तो ब्रिटिश साम्राज्य कभी समाप्त नहीं होता, और तो और आज चीन जैसा देश विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति होता। वो सब भी छोड़िए, पैसा सब कुछ खरीद सकता तो इतने PR के बाद भी YRF और उनके अतिप्रिय “पठान” की घनघोर बेइज्जती न होती। ये बात आदित्य चोपड़ा से बेहतर कोई न जाने, जो अपने ही भ्राता उदय चोपड़ा को एक सफल स्टार नहीं बना पाए। आज इस लेख में हम जानेंगे उन कारणों के बारे में जिनके पीछे आज भी आदित्य चोपड़ा कभी न कभी सोचते होंगे, कि आखिर कैसे उनका भाई उदय सफल नहीं हो पाया।
नेपोटिज्म पर बोले आदित्य चोपड़ा
हाल ही में प्रदर्शित हुई नेटफ्लिक्स की सीरीज़ “The Romantics” काफी चर्चा में बनी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये यशराज फिल्म्स के फिल्मांकन शैली पर केंद्रित है। इसी सीरीज का एक क्लिप वायरल भी हुआ, जिसमें आदित्य चोपड़ा इस बात का खंडन करते हैं कि उनके कारण उद्योग में नेपोटिज्म बढ़ा है, क्योंकि यदि ये सच होता तो उदय चोपड़ा समय से पहले रिटायर नहीं होता।
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उदय चोपड़ा का असफल फिल्मी करियर
पता नहीं आदित्य चोपड़ा को ऐसा ब्रह्मज्ञान कहां से मिला, परंतु इन्होंने यहां कुछ भी गलत नहीं बोला। उदय चोपड़ा ने अपना करियर YRF से ही प्रारंभ किया और वहीं पर खत्म और इस संपूर्ण करियर में वे केवल एक रोल के लिए जाने गए, “धूम” फ्रेंचाइजी में अली अकबर के लिए। जिन्हें नहीं पता, उदय चोपड़ा ने अपना फिल्मी करियर 1991 में बतौर सहायक निर्देशक अपने ही पिता यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित “लम्हे” में किया। तद्पश्चात उदय ने कुछ फिल्मों को अपनी सेवाएं दी और बतौर निर्माता “यह दिल्लगी” (1994) के निर्माण में इनका भी सहयोग रहा।
फिर 2000 में आदित्य चोपड़ा ने ही उदय चोपड़ा के एक्टिंग करियर को उड़ान दी बहुचर्चित फिल्म “मोहब्बतें” से। इसमें अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय जैसे सितारे तो थे ही। साथ में नए अभिनेताओं के लिए आदित्य चोपड़ा ने जिमी शेरगिल और जुगल हंसराज के साथ साथ उदय को भी लिया। अब समय की रीति देखिए, इतने वर्षों के बाद आज भी जिमी शेरगिल अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं, तो वहीं जुगल और उदय दोनों का ही अभिनय के संसार से अब कोई नाता नहीं।
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मोहब्बतें की अपार सफलता के बाद उदय चोपड़ा ने अपने एक्टिंग करियर को बढ़ावा दिया, परंतु उन्होंने दो गलतियां की, न तो वे अपने बैनर से बाहर गए और विविधता के बारे में जितना कम बात करें, उतना ही अच्छा। ऐसा भी नहीं है कि इन्होंने प्रयास ही नहीं किये, परंतु अधिकतम फिल्में सुपरफ्लॉप रही। 2004 में इन्होंने अपने परिवार के बैनर से इतर तिग्मांशु धूलिया के साथ “चरस” फिल्म में काम किया, परंतु वहां भी डिस्ट्रीब्यूशन में YRF शामिल रहा और बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म कोई कमाल नहीं कर पाई।
अब बात की जाए इनके “धूम” फ्रेंचाइजी में अली अकबर के रोल की, तो इन्होंने प्रयास तो बहुत किये, परंतु उनका योगदान उतना ही महत्वपूर्ण था, जितना RRR में आलिया भट्ट का। यहां पर दर्शकों के केंद्र में या तो फिल्म के विलेन जॉन अब्राहम एवं ऋतिक रोशन थे या फिर ACP जय की भूमिका में अभिषेक बच्चन।
इसके अतिरिक्त उदय ने 2010 में एक और दांव खेला “प्यार इम्पॉसिबल” के साथ। इन्होंने इस फिल्म में अभिनय के साथ-साथ निर्माण और लेखन दोनों में ही हाथ आजमाए और निर्देशन दिया अपने चहेते मित्र एवं अभिनेता जुगल हंसराज, जो उस समय कैसे भी करके इंडस्ट्री में पुनः वापसी करना चाहते थे। परंतु ये फिल्म न घर की रही न घाट की। 2013 में प्रदर्शित “धूम 3” के बाद उदय चोपड़ा ने अपने आप को पूर्णत्या निर्माण के क्षेत्र में जोड़ने का निर्णय किया। फिलहाल यह YRF के विदेशी सेल YRF एंटरटेन्मेंट के स्वामी है, जिसके अंतर्गत कुछ फिल्में भी प्रदर्शित हुई, परंतु “ग्रेस ऑफ मोनाको” को छोड़कर किसी ने इन फिल्मों को पानी भी नहीं पूछा।
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अजीब ट्वीट के चलते रहते थे सुर्खियों में
इसके अतिरिक्त उदय चोपड़ा एक और कारण से बहुत चर्चित है: अपने ट्वीट्स के कारण। जब सोशल मीडिया पर मीम्स का प्रादुर्भाव हो रहा था, तब उदय चोपड़ा के ट्वीट्स ने उसमें काफी योगदान दिया। असल में इनके ट्वीट्स ऐसे होते थे कि आपका सबसे पहला रिएक्शन उन्हें पढ़कर यही आता: अरे कहना क्या चाहते हो? परंतु ये उनका व्यंग्य था या असफल होने की हताशा, ये आज भी एक रहस्य है। उदाहरण के लिए बंधु ने एक समय ट्वीट किया, ” किसी ने पूछा कि मैं सेलेब्रिटी हूँ? मुझे अजीब लगा, तो मैंने कहा मैं सेमी हूँ। लोग जानते हैं, पर काश ऐसा न होता”।
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ऐसे में जब आदित्य चोपड़ा एक नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री में अपने ही भाई उदय चोपड़ा के करियर की हंसी उड़ा रहे थे, तो वह उपहास कम, निराशा अधिक थी। आदित्य चोपड़ा ने अब तक लगभग सभी कुछ किया: निर्देशन, निर्माण, मार्केटिंग यहां तक कि “पठान” की इज्जत बचाने हेतु अपना लगभग सब कुछ दांव पर लगा दिया, परंतु आज भी कहीं न कहीं उनके मन में ये टीस तो होती ही होगी कि वे उदय चोपड़ा के करियर की नैया भी नहीं पार लगा पाए।
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