अशोक गहलोत सिंड्रोम: कांग्रेस पार्टी विश्व की सबसे महान पार्टी है, और राहुल गांधी पूरे ब्रह्मांड के सबसे बड़े नेता

गहलोत जी, विधानसभा में पुराना बजट पढ़ दिए, हमने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को उन्हीं की दृष्टि से देखा है!

Ashok Gehlot Syndrome: Congress Party Is The Greatest Party In The World, And Rahul Gandhi Is The Greatest Leader In The Entire Universe

SOURCE TFI

विश्व की सबसे बड़ी राष्ट्रवादी पार्टी अगर कोई है तो वो है कांग्रेस, भारत की अगर कोई सबसे लोकप्रिय पार्टी है तो वो है कांग्रेस। आप इस तथ्य से भी अनभिज्ञ न रहिएगा कि कांग्रेस के दिग्गज और युवाा नेता राहुल गांधी अपने सामर्थ्य से जल्द ही देश के प्रधानमंत्री भी बनने जा रहे हैं। राहुल की चुनावी उपलब्धियां यदि गिनाई जाएं तो किंचित हम गिनते-गिनते थक ही न जाएं क्योंकि उन्होंने अभी तक सभी चुनाव जीते जो हैं। यदि युवा नेता राहुल गांधी के व्यक्तित्व की बात की जाए तो उनका बहुत ही प्रभावशाली व्यक्तित्व है, उनके सामने तो दूसरे नेता पप्पू प्रतीत होते हैं।

अद्भुत राहुल गांधी

राहुल गांधी का राजनीतिक करियर भी अति उत्तम चल रहा है। जब वो बोलते हैं तो लोग बड़ी ही गंभीरता से और मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रह जाते हैं, आलू से सोना बनाने वाला उनका संवाद तो परम सत्य है। उनकी बातों का सीधा संबंध और प्रभाव देश के लोगों से होता है। राहुल गांधी को जितना राजनीति का अनुभव है उतना किसी और नेता को तो होगा ही नहीं।

हाल ही में संपन्न हुई उनकी भारत जोड़ो यात्रा ने पूरे देश को उनका प्रशंसक ही बना दिया। इस यात्रा ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता जो साफ कर दिया है। वहीं सोनिया गांधी भी कम तपस्विनी नहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पद को सामने से त्यागते हुए बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के डॉ. मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया था, उनका यह बलिदान सदा के लिए अविस्मरणीय है। सोनिया गांधी हिंदी भी बहुत अच्छी बोलती हैं, उनकी हिंदी लोगों को सीधे जोड़ती है।

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मिथ्या और अनरगल बातें

अब आप ये सब सुनकर अवश्य सोचते होंगे कि मैं क्या लिख रहा हूं, मुझे हो क्या गया है जो इतनी अतार्किक बातें इतने आत्मविश्वास के साथ लिख रहा हूं? अब भला इसमें मेरा क्या दोष, सेचिए कि जब संवैधानिक पद पर बैठे अशोक गहलोत विधानसभा में खड़े होकर गलत बजट प्रस्तुत कर सकते हैं। तो क्या मैं आपके सामने कांग्रेसियों की प्रतिभा, उनके गुण, उनकी क्षमताओं पर एक व्याख्यान तक नहीं दे सकता हूं। अब मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता कि मेरे द्वारा कांग्रेसियों, विशेषकर राहुल बाबा और राजमाता सोनिया गांधी के गिनाए गए गुण-वुण आपको केवल और केवल मिथ्या और अनरगल बातें लग रही हों।

दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 को पेश करते हुए कुछ ऐसा कर दिखाया जिसके बाद अशोक गहलोत हर तरफ छा गए। लोग कहने लगे कि कोई प्रतिभावान मुख्यमंत्री ही ऐसा कर सकता है। सब उछल-उछलकर प्रश्न ही पूछने लगे कि अशोक गहलोत में ऐसे गुण आए कहां से, ऐसे गुण जो विरले ही किसी में देखने को मिलते हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 2023-2024 के बजट का भाषण पढ़ना था लेकिन वो बजट पढ़ते-पढ़ते ऐसा जादू कर गए जिसने पूरी पार्टी का छिछालेदर करा दिया, क्षमा करिएगा पार्टी की प्रशंसा।

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राजस्थान विधानसभा में जादू हो गया

राजस्थान विधानसभा में स्वयं को जादूगर बताने वाले अशोक गहलोत ने पुराना बजट पढ़ डाला, किंचित उन्हें पुराने बजट अत्यधिक लगाव रहा होगा। हुआ कुछ ऐसा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री को सौंपी गई बजट की प्रतियों में कुछ पुराने पन्नों को सम्मलित कर दिया गया था। जो पुराने पन्ने सम्मलित थे उन्हीं पन्नों को सीएम गहलोत पढ़ते चले गए। उन्हें जरा भी ज्ञात नहीं हुआ कि जो वो पढ़ रहे हैं वो नया वाला बजट भाषण है या फिर पुराना वाला। मुख्यमंत्री गहलोत पूरे 10 मिनट तक लगातार उसी भाषण को पढ़ते चले गए, उसके बाद वही हुआ जो होना था। विपक्ष में लोग गहलोत के इस कारनामे पर ठहाके मार मार कर आनंद लेने लगे और देखते ही देखते विधानसभा में हंगामा मच गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। पुराना बजट पढ़ते समय मुख्यमंत्री जी इतने मग्न थे कि उन्होंने अपने बजट भाषण में पुरानी तीन योजनाओं को गिनवा भी दिया।

जब गहलोत ने दो बिंदुओं को जस का तस पढ़ दिया तो यह देख मंत्री महेश जोशी ने सीएम के कान में धीरे से कुछ बुदबुदा दिया। इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने प्रश्न किया कि सीएम पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है, बस फिर क्या था हो गया शुरू हंगामा। BJP विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने लगा तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी।

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अधिकारियों की लापरवाही

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा में हुए इस महाबलंडर के लिए क्षमा मांगनी पड़ी, लेकिन विपक्ष के लोग नहीं माने और जमकर हंगामा किया। हंगामा तो बनता ही था अशोक गहलोत ने इतिहास जो रच दिया था। इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था जब बजट भाषण के दौरान सदन को स्थगित किया गया। बजट ब्रीफकेस में पुराने बजट की प्रतियां आने को लेकर अधिकारियों की लापरवाही मानी जा रही है। अशोक गहलोत के इस ऐतिहासिक भाषण के बाद सरकार की जमकर किरकिरी, एक बार फिर क्षमा करिएगा, सरकार की बहुत-बहुत प्रशंसा हो रही है। हर ओर गहलोत की इस कला के प्रदर्शन के ही चर्चे हैं।

फिर आगे क्या हुआ? तो सदन दोबारा शुरू होने पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि जो भी घटना हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण रही, लेकिन सदन की कार्यवाही को चलने दिया जाए। सीपी जोशी ने विधायकों से अनुरोध किया  कि सदन को शांतिपूर्ण रूप से चलने दिया जाए। बजट भाषण के दौरान हुए इस महाबलंडर से मुख्यमंत्री जी बहुत अप्रसन्न  थे। क्रोधित मुख्यमंत्री जी ने मुख्य सचिव तक को तलब कर दिया। बताइए भला, कहां तो गर्व करने की बात है, मुख्यमंत्री जी तो क्रोधित ही हो गए।

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मुख्यमंत्री जी का भोलापन

दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सफाई दी। कहा, ‘बजट भाषण की इस कॉपी में फर्क हो तो बताइए, एक एक्स्ट्रा पेज लग गया गलती से। मैं एक पेज गलत पढ़ने लग गया। मुख्यमंत्री जी के भोलापन पर तो कोई भी अपना हृदय ही हार जाए।

राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई, पहले करीब आधे घंटे के लिए, फिर 15 मिनट के लिए। पता तो ये भी चला है कि मुख्यमंत्री ने भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी।

वहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 8 मिनट सीएम साहब पुराना बजट पढ़ते रहे। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, मैं भी मुख्यमंत्री रह चुकी हूं। अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान बजट को 2-3 बार पढ़कर अपने हाथ में लेती थी। अब जो मुख्यमंत्री प्रदेश के इतने बड़े डॉक्यूमेंट को बिना चेक किए विधानसभा में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हैं? वैसे वसुंधरा राजे को इतना भी अधिक सत्य नहीं बोलना था। वहीं, बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए एक ट्वीट कर लिख दिया कि पेपर लीक के बाद अब राजस्थान का बजट भी लीक! गहलोत जी एक कॉपी तो अपने पास भी रखते, पुराना नहीं पढ़ना पड़ता।

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ध्यान दीजिए कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपना दसवां बजट पेश किया। आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस बजट को तैयार किया गया लेकिन अशोक गहलोत ने बजट पेश करके कांग्रेस के लिए परेशानी ही खड़ी कर दी। लोग निरीह अशोक गहलोत पर तो तंज कस ही रहे हैं साथ में लपेटे में पूरी कांग्रेस पार्टी आ रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री जी और कांग्रेस के साथ ये सब अन्याय नहीं होना चाहिए, हम इसका विरोध करते हैं।

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