हाइड्रोजन ट्रेन: हाल ही में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कई बड़े और महत्वपूर्ण ऐलान किये हैं। वर्ष 2023-24 में रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की, जोकि वर्ष 2013-14 की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। बजट में रेलवे की नई योजनाओं को पूर्ण करने के लिए 75 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया गया है।
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दिसबंर 2023 से चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन
इसके साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी बजट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 से देश में हाइड्रोजन ट्रेन चलने लग जाएगी। इनका निर्माण और डिजाइन भारत में ही होगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि इस फंड से रेलवे को और गति प्राप्त होगी, जिससे जल्द ही विदेश की तरह भारत में भी हाइड्रोजन ट्रेन चल पाएंगी। तो क्या ये बजट भारतीय रेलवे के लिए एक नयी सौगात के रूप में आया है? आइये इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
रेल मंत्री के अनुसार शुरुआत में हाइड्रोजन ट्रेन देश के आठ अलग-अलग रूटों पर चलेगी। हाइड्रोजन ट्रेन सबसे पहले कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलने की आशा की जा रही है। इसके बाद इसका विस्तार अन्य स्थानों पर भी किया जाएगा। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास होगा। हम ग्रीन ग्रोथ, टूरिज्म, वर्ल्ड क्लास सुविधाओं का पूर्ण रूप से ध्यान देंगे। हम वंदे मेट्रो ट्रेन पर भी कार्य कर रहे हैं। यह ट्रेन अलग तरह से डिजाइन की जाएगी, जो बड़े शहर को छोटे शहरों तक जोड़ने का काम करेंगी। इसके अलावा ट्रेनों में वेटिंग टिकट की समस्या को समाप्त करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि की जा रही है।
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हाइड्रोजन को बढ़ावा देने का प्रयास
देखा जाये तो वर्तमान समय में सरकार जीवाश्म ईधन (पेट्रोल या डीजल) के स्थान पर ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। वर्तमान समय में भारत का परिवहन क्षेत्र 13.5% कार्बन के उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी है और भारत में परिवहन क्षेत्र में रेलवे सबसे बड़ा घटक माना जाता है। ऐसे में यदि ट्रेन हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा पर चलेंगी तो यह भारत के द्वारा तय किए अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम होगा। वस्तुतः भारत ने स्वयं को 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का लक्ष्य बना रखा है। ऐसे में रेलवे का यह कदम परिवहन के अन्य क्षेत्र में भी क्रांति लेन का कार्य करेगा। इससे भारत द्वारा अपने लक्ष्यों की प्राप्ति सरलता के साथ की जा सकेगी।
बजट के प्रावधानों के अनुसार, रेलवे को दिए गए इस बजट का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और हाई स्पीड ट्रेनों को लाने में किया जाने वाला है। इसके साथ ही नई रेलवे लाइनों को बिछाने, सेमी हाई स्पीड ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी करने का काम भी किया जा रहा है। प्रमुख रेलवे प्रोजेक्ट्स में अभी फिलहाल चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल का निर्माण हो रहा है। दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन करने के लिए तेज़ गति से काम चल रहा है।
अभी हाल ही में जर्मनी के बाद चीन ने भी हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत कर दी है। चीन की सरकारी कंपनी CRRC Corporation Ltd. के द्वारा देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन लॉन्च की गयी है। अब इस रेस में शीघ्र ही भारत का नाम भी जुड़ने जा रहा है। भारत सरकार हाइड्रोजन ट्रेन के साथ-साथ हाइड्रोजन गाड़ियों को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे किसी भी प्रकार से पर्यावरण का ह्रास नहीं होगा।
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