India-Italy defense agreement: दुनियाभर में भारत अपनी धाक जमाता दिख रहा है। जिसके चलते विश्व के कई देशों की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं। जहां अब इटली की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी 2 मार्च को नई दिल्ली आएंगी। आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मेलोनी की यह पहली भारत यात्रा होगी। इस यात्रा में मेलोनी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगी।
माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच राष्ट्र व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के अलावा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी।
India-Italy defense agreement: दोनों देशों में होगा रक्षा समझौता
बताया जा रहा है कि भारत और इटली जियोर्जिया मेलोनी की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग (India-Italy defense agreement) पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं। आपको बता दें कि भारत और इटली के संबंध 2012-2015 के दौरान भारतीय तट से दूर केरल के दो मछुआरों की हत्या के लिए दो इतालवी नौसैनिकों की गिरफ्तारी के कारण काफी खराब हो गए थे।
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ऐसे में दोनों देश इस विवाद को खत्म करने की दिशा में भी चर्चा कर सकते हैं। भारत और इटली के बीच संबंध सुधर रहे हैं। 2019 के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में रुझान बेहद सकारात्मक रहा है। भारत-इटली व्यापार 2021 में 10.4 बिलियन यूरो और जनवरी और अगस्त 2022 के बीच 9.8 बिलियन यूरो तक पहुंच गया।
इटली भारत के रक्षा क्षेत्र में भाग लेने और संभावित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अवसर तलाशने में रुचि रखता है। भारत में मशीनरी इटली का सबसे महत्वपूर्ण निर्यात है, जो कुल शिपमेंट का 36 प्रतिशत है। इटली भारत के शीर्ष पांच यूरोपीय संघ व्यापारिक भागीदारों में से एक है। इटली के आयात के मामले में भारत 19वां सबसे महत्वपूर्ण मूल देश है, जो कुल इतालवी आयात का 1.2 प्रतिशत है। तैयार वस्त्र, चमड़ा, लौह अयस्क, मोटर वाहन, कपड़ा, रसायन, रत्न और आभूषण भी इटली को भारतीय निर्यात के उदाहरण हैं।
भारत और इटली दोनों देशों के संबंध शुरू से ही अच्छे रहे हैं। विभिन्न मंचों पर इटली ने भारत का साथ दिया और भारत ने भी इटली से दोस्ती के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
बता दें कि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी दक्षिणपंथी इतालवी नेता हैं। 2 मार्च को वो रायसीना डायलॉग सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली की यात्रा कर रही हैं, वो बाली में हुए जी-20 सम्मेलन में मिलने के तीन महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। ऐसे दोनों देशों के हित में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
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