चेतन शर्मा के दावों की समीक्षा: क्या मुंबई लॉबी का शिकार हो गए विराट कोहली?

यह सबकुछ भारतीय टीम के भविष्य के लिए उचित नहीं!

Chetan Sharma sting operation

Source- TFI

Chetan Sharma sting operation: जब दिग्गज भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली को कप्तानी से हटाया गया था तो BCCI अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सौरव गांगुली को निशाना पर लिया गया था। वर्ष 2021 के अंत में विराट ने टी20 की कप्तानी छोड़ी थी। उसके कुछ समय बाद ही उन्हें वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया था। उस दौरान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दावा किया था कि उन्होंने विराट को स्वयं टी20 की कप्तानी छोड़ने से मना किया था। लेकिन बाद में विराट कोहली ने पलटवार किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनसे किसी ने कप्तानी छोड़ने से मना नहीं किया था, जिसने विराट और सौरव गांगुली के बीच टकराव की खबरों को हवा दे दी थी। अब एक बार फिर यह विवाद तूल पकड़ रहा है।

इस लेख में हम जानेंगे आखिर पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन (Chetan Sharma sting operation) के बाद ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि मुंबई लॉबी की ओर से विराट कोहली को निशाने पर लिया गया?

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चेतन शर्मा का स्टिंग ऑपरेशन

दरअसल, हुआ ये है कि भारतीय क्रिकेट टीम के चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा का कथित स्टिंग ऑपरेशन (Chetan Sharma sting operation) सामने आया है जिसमें चेतन शर्मा ये दावा करते दिख रहे हैं कि विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच टकराव था। चेतन के अनुसार विराट कोहली को लगता था कि उनका कद क्रिकेट से बड़ा हो गया है। उन्होंने कथित स्टिंग में दावा किया कि विराट ने जानबूझकर BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली पर पलटवार किया था। आइए पहले चेतन शर्मा के द्वारा दिए इस स्टिंग ऑपरेशन की मूलभूत बातों पर प्रकाश डालते हैं। हम धीरे-धीरे स्टिंग ऑपरेशन द्वारा किए गए खुलासे की पड़ताल करेंगे।

बता दें कि चेतन शर्मा एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। चेतन शर्मा ने 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे डेब्यू किया और 18 साल की उम्र में उन्होंने टेस्ट डेब्यू भी किया। दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज को 1987 के क्रिकेट विश्व कप में उनके कारनामों के लिए याद किया जाता है। वह विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने थे।

चेतन शर्मा ने अपने इस स्टिंग ऑपरेशन (Chetan Sharma sting operation) में ये कहते हुए दिख रहे हैं कि खिलाड़ी 80 प्रतिशत फिट होने पर इंजेक्‍शन के माध्‍यम से स्वयं को 100 प्रतिशत फिट साबित कर देते हैं। ये इंजेक्‍शन कोई पेन किलर नहीं हैं। इन इंजेक्‍शन में ऐसी दवा होती है जो डोप टेस्‍ट में भी पकड़ में नहीं आती। चेतन शर्मा ने दावा किया कि इन क्रिकेटर्स के पास BCCI के डॉक्‍टर्स के अलावा अपने निजी डॉक्‍टर भी हैं। ये डॉक्‍टर्स उन्‍हें शॉट्स मुहैया कराते हैं ताकि आवश्यक टूर्नामेंट से पहले इन्‍हें फिट माना जा सके।

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जसप्रीत बुमराह की गंभीर चोट पर चेतन शर्मा ने कहा- ‘बुमराह को 2022 में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध जबरदस्ती टीम में शामिल किया गया था। उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि अगर वो ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप का एक भी मैच खेलते, तो वह कम से कम एक साल के लिए बाहर हो जाते।उन्होंने आगे ये भी कहा कि हार्दिक पंड्या मेरे घर आते-जाते रहते हैं। रोहित शर्मा मुझसे आधे-आधे घंटे बात करते हैं। हालांकि हम यहां उक्त स्टिंग ऑपरेशन (Chetan Sharma sting operation) की विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करते है लेकिन टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन और टीम इंडिया के खिलाड़ियों के बीच अनबन को लेकर आ रही रिपोर्टों को भी हम झूठला नहीं सकते।

अब भारतीय क्रिकेट से जुड़े इस तरह के वीडियो के सामने आने के बाद ये प्रमाणित होता है कि बीसीसीआई चाहे कितने भी दावे करें कि उनके मैनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि कुछ न कुछ गड़बड़ तो अवश्य है, जिसका प्रभाव भारतीय क्रिकेट टीम के प्रर्दशन के लिए भी ठीक नहीं है और इसका असर भारतीय टीम प्रर्दशन पर पड़ता भी दिख रहा है। आपको बता दें कि भारतीय टीम ने अंतिम बार 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद टीम इंडिया अब तक ICC टूर्नामेंट का कोई भी खिताब नहीं जीत सकी है। भारतीय टीम ने 2013 के बाद से 4 टी20 वर्ल्ड कप खेले। इसमें 2014, 2016, 2021 और 2022 का टूर्नामेंट शामिल है और इनमें से एक में भी खिताब अपने नाम नहीं कर पाई जोकि भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं है।

चेतन शर्मा ने अपने इस स्टिंग ऑपरेशन विराट और रोहित को लेकर कहा है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन अहंकार है। दोनों बड़े फिल्मी सितारों की तरह हैं, आप कह सकते हैं, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र। साथ ही चेतन शर्मा ने सौरव गांगुली और विराट कोहली के रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि गांगुली ने रोहित का पक्ष नहीं लिया, लेकिन उन्होंने विराट को कभी पसंद नहीं किया। आप इसे इस तरह से रख सकते हैं। जब इस तरह के दावे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता के द्वारा किए जाते हैं तो ये दावे कई तरह के गंभीर प्रश्नों को जन्म देते हैं। टीम इंडिया के भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं।

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दिल्ली और मुंबई लॉबी

अब प्रश्न यह उठता कि आखिर मैंनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच के इस विवाद के पीछे के कारण क्या हो सकते हैं? इस विवाद के पीछे की एक वजह क्षेत्रवाद भी हो सकती है। इस विवाद को दिल्ली लॉबी और मुंबई लॉबी के रूप में भी देखा जा सकता है। दरअसल भारतीय क्रिकेट में आमतौर पर ‘लॉबी’ शब्द का प्रयोग किया जाता है। जब विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय मैचों से कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया था तो ऐसा भी कहा गया कि इसके पीछे मुंबई लॉबी का हाथ था ताकि उनका अपना रोहित शर्मा कप्तान बन सके। मुंबई लॉबी के पास ऐसी महाशक्तियां हैं कि वह बहु-क्षेत्रीय राष्ट्रीय चयन समितियों और गैर-मुंबई BCCI अध्यक्षों को प्रभावित कर सकती हैं।

भारतीय क्रिकेट में महाराष्ट्र का हमेशा से दबदबा रहा है। इस राज्य ने सुनील गावस्कर और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं। हालांकि दिल्ली से निकलकर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट में जगह बनाई। दिल्ली लॉबी के वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में अहम योगदान माना जाता है। दिल्ली के खिलाड़ियों के टीम में मजबूती के साथ पैर जमाने के पीछे अरुण जेटली का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली के निधन के बाद पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट कर कहा था कि अरुण जेटली जी के निधन की खबर से दुखी हूं, सार्वजनिक जीवन में योगदान देने के अलावा उन्होंने दिल्ली क्रिकेट के कई खिलाड़ियों के जीवन में भी अहम योगदान दिया। जिनकी वजह से कई खिलाड़ी भारत के लिए खेल सके। एक समय ऐसा था जब दिल्ली के बहुत अधिक खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर अवसर नहीं मिलते थे।

वर्तमान में देखा जाए तो दिल्ली लॉबी के मजबूत स्तंभ विराट कोहली को माना जाता हैं। वहीं मुंबई लॉबी में रोहित शर्मा को मजबूत स्तंभ के रूप में देखा जाता है। दोनों के बीच विवाद की मीडिया में कई रिपोर्ट सामने आई हैं। आरोप लगते हैं कि भारतीय टीम में जो लॉबी जितनी मजबूत होती है उसके खिलाड़ियों को उतने ही मौके मिलते हैं। जिसके बाद ये प्रश्न खड़ा होता है कि क्या विराट कोहली को मुंबई लॉबी के द्वारा निशाना बनाया गया। क्या विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने और कप्तानी से निकाले जाने की पीछे का कारण यही क्षेत्रवाद है? अगर ऐसा वाकई है तो ये बिल्कुल भी भारतीय क्रिकेट के बिलकुल भी अच्छा नहीं है।

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