मोदी सरकार नेतृत्व में भारत लगातार परमाणु ऊर्जा की क्षमता को बढ़ा रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल में राज्यसभा में आंकड़े पेश किए हैं जिसके अनुसार भारत की परमाणु ऊर्जा की क्षमता 8 वर्षों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की परमाणु ऊर्जा में 2014 के बाद बड़ा उछाल आया है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-14 में वार्षिक परमाणु ऊर्जा उत्पादन 3533.3 करोड़ यूनिट था। वहीं 2021-22 के नवीनतम वर्ष में यह 4711.2 करोड़ यूनिट है, जो साढ़े आठ साल की अवधि के भीतर लगभग 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि है।
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दूसरे राज्यों में भी लगाए जा रहे प्लांट
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोदी सरकार के आने से पूर्व देश में सिर्फ 22 रिएक्टर थे। 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने 1.05 करोड़ रुपए की लागत और 7,000 मेगा वाट की कुल क्षमता वाले 11 स्वदेशी हैवी वाटर रिएक्टर्स की अनुमति दी। उन्होंने आगे कहा कि स्पेस डिपार्टमेंट के लिए प्राइवेट सेक्टर को खोला गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को बढ़ाने के लिए संयुक्त उपक्रम को सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने की भी अनुमति दी।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये भी जानकारी दी कि पहले जहां भारत के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स अधिकतर दक्षिणी राज्यों या पश्चिम में महाराष्ट्र और गुजरात तक ही सीमित थे। वहीं अब मोदी सरकार देश के अन्य हिस्सों में भी इन्हें बढ़ावा दे रही है। इसके लिए उन्होंने हरियाणा के गोरखपुर शहर में बनने वाले न्यूक्लियर पावर प्लांट का उदाहरण भी दिया।
परमाणु ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा
परमाणु ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा की तरह देखा जाता है। यह असीमित ऊर्जा हासिल करने में मदद करता है। इससे प्रदूषण कम होता है और साथ ही संसाधन भी कम खर्च होते है। आपको बता दें नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से केंद्र सरकार की नीतियां देश की परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने में कारगर साबित हुई हैं। सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान देने के साथ भारत ने हाल के वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। सौर ऊर्जा के विकास के बावजूद देश अभी भी अपनी बिजली उत्पादन आवश्यकताओं के लिए कोयले और लिग्नाइट जैसे पारंपरिक स्रोतों पर बहुत अधिक निर्भर है।
वर्तमान में भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का केवल 1.7 प्रतिशत ही परमाणु स्रोतों के माध्यम से पूरा किया जाता है। कम प्रतिशत के बावजूद परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। बता दें कि दिसंबर 2021 तक 7 बिजली संयंत्रों में 23 से अधिक परमाणु रिएक्टरों के साथ भारत दुनिया में परमाणु रिएक्टरों की संख्या के मामले में 7वें स्थान पर है, जो 6780 मेगावाट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करता है। अमेरिका के पास सर्वाधिक 93 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं। जबकि फ्रांस के पास 56, और चीन के पास 51 हैं, वहीं रूस के पास 38 रिएक्टर हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत लगातार परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में ऊंचाईयां छू रहा है।
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