Jallianwala bagh kahan hai : जालियांवाला बाग़ कहाँ है हत्याकांड एवं स्मारक
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Jallianwala bagh kahan hai साथ ही इससे जुड़े हत्याकांड एवं स्मारक के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
जालियांवाला नाग हत्याकांड कैसे हुआ –
13 अप्रैल को अमृतसर के जलियांवाला बाग में कई संख्या में लोगों इक्ट्ठा हुए थे. इस दिन इस शहर में कर्फ्यू लगाया गया था, लेकिन इस दिन बैसाखी का त्योहार भी था. जिसके कारण काफी संख्या में लोग अमृतसर के हरिमन्दिर साहिब यानी स्वर्ण मंदिर आए थे. जलियांवाला बाग, स्वर्ण मंदिर के करीब ही था. इसलिए कई लोग इस बाग में घूमने के लिए भी चले गए थे और इस तरह से 13 अप्रैल को करीब 20,000 लोग इस बाग में मौजूद थे. जिसमें से कुछ लोग अपने नेताओं की गिरफ्तारी के मुद्दे पर शांतिपूर्ण रूप से सभा करने के लिए एकत्र हुए थे. वहीं कुछ लोग अपने परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए भी आए हुए थे.
इस दिन करीब 12:40 बजे, डायर को जलियांवाला बाग में होने वाली सभा की सूचना मिली थी. ये सूचना मिलने के बाद डायर करीब 4 बजे अपने दफ्तर से करीब 150 सिपाहियों के साथ इस बाग के लिए रवाना हो गए थे इन्होंने इस बाग में पहुंचने के बाद लोगों को बिना कोई चेतावनी दिए, अपने सिपाहियों को गोलियां चलाने के आदेश दे दिए. कहा जाता है कि इन सिपाहियों ने करीब 10 मिनट तक गोलियां चलाई थी. वहीं गोलियों से बचने के लिए लोग भागने लगे. लेकिन इस बाग के मुख्य दरवाजे को भी सैनिकों द्वारा बंद कर दिया गया था और ये बाग चारो तरफ से 10 फीट तक की दीवारों से बंद था. ऐसे में कई लोग अपनी जान बचाने के लिए इस बाग में बने एक कुएं में कूद गए.
स्मारक –
- जलियांवाला बाग में मारे गए लोगों की याद में यहां पर एक स्मारक बनाने का फैसला लिया गया था. साल 1920 में एक ट्रस्ट की स्थापना की गई थी और इस जगह को खरीद लिया गया था.
- जलियांवाला बाग पर एक समय में राजा जसवंत सिंह के एक वकील का आधिकार हुआ करता था. वहीं साल 1919 के समय इस जगह पर करीब तीस लोगों का अधिकार था. इस जगह को साल 1923 में इन लोगों से करीब 5,65,000 रुपए में खरीदा लिया गया था.
- इस जगह पर स्मारक बनाने की जिम्मेदारी अमेरिका के आर्किटेक्ट बेंजामिन पोल्क को दी गई और पोल्क ने इस स्मारक का डिजाइन तैयार किया था. इस स्मारक का उद्घाटन 13 अप्रैल 1961, में कई नेताओं की उपस्थिति में भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था.
- इस स्मारक को बनाने में करीब 9 लाख रुपए का खर्चा आया था और इस स्मारक को “अग्नि की लौ” के नाम से जाना जाता है |
इतिहास –
सिख साम्राज्य के शासन के दौरान जलियांवाला बाग सिख धर्म के पांच प्यारे लोगों में से एक हिम्मत सिंह के परिवार की निजी संपत्ति थी। पंजाब. ऐसा कहा जाता है कि यह सिर्फ एक बगीचा या बगीचे का घर था।, 1919 में, यह केवल एक निकास के साथ एक दीवार से घिरी भूमि का एक असमान टुकड़ा था। कुख्यात ब्रिटिश सेना अधिकारी, जनरल डायर ने 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। हालांकि, सिखों के प्रमुख धार्मिक त्योहार बैसाखी के शुभ अवसर को मनाने के लिए हजारों लोग जलियांवाला बाग में एकत्रित हुए थे। इस सभा में सभी धर्मों के पुरुष, महिलाएं और बच्चे उपस्थित थे। सभा के बारे में सुनते ही जनरल डायर अपने सैनिकों के साथ बगीचों में चला गया, एकमात्र निकास को अवरुद्ध कर दिया, और अपने सैनिकों को निहत्थे भीड़ को गोली मारने का आदेश दिया। करीब 10 मिनट तक जवान फायरिंग करते रहे।
गोलियों से सैकड़ों लोग तुरंत मारे गए और कई अन्य लोग गोली लगने की वजह से हुई भगदड़ में कुचल कर मर गए। ब्रिटिश अधिकारियों ने घोषणा की कि लगभग 1200 लोग घायल हुए थे और 379 लोग मारे गए थे लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अनुमान है कि एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे और 1500 से अधिक लोग घायल हुए थे।
गाँधी जी की गिरफ्तारी –
ब्रिटिश शासन ने जलियाँवाला बाग़ की जनसभा में भाग लेने जा रहे महात्मा गाँधी को भी 10 अप्रैल को पलवल रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। अपने नेताओं की गिरफ्तारी से लोग भड़क गये और 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन हज़ारों की संख्या में जलियाँवाला बाग़ पहुँचे। हिन्दू, सिख और मुसलमानों की एकता से अपने शासन को ख़तरे में देखकर ब्रिटिश शासन ने भारतीयों को सबक सिखाने के लिए यह सब किया। जलियाँवाला बाग़ में गोलियों के निशान आज भी मौजूद हैं जो ब्रिटिश शासन के अत्याचार की कहानी कहते हैं।
FAQ-
Ques- जलियांवाला बाग़ हत्याकांड क्या है ?
Ans- भारत की आजादी से वैशाखी के दिन जलियांवाला बाग़ पर हजारों निर्दोष लोगों की हत्या की गई, उसे ही जालियांवाला बाग़ हत्याकांड कहा जाता है.
Ques- जालियांवाला बाग़ कहां स्थित है ?
Ans –अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास
Ques-जालियांवाला बाग़ हत्याकांड कब हुआ ?
Ans –13 अप्रैल, सन 1919 को
Ques-जलियांवाला बाग़ हत्याकांड का जिम्मेदार कौन था ?
Ans –गेडियर जनरल आर.ई.एच डायर
Ques-जालियांवाला बाग़ हत्याकांड में कितने लोग मारे गए ?
Ans – करीब 1 हजार लोग
Ques-जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के जाँच के लिए कौन सी कमेटी बनाई गई थी ?
Ans – हंटर कमीशन
Ques-जलियांवाला बाग़ हत्याकांड क्यों हुआ था ?
Ans – क्योकि उस दिन कर्फ्यू लगा हुआ था और एक साथ इतने सारे लोग एक जगह इकट्ठे हुए थे.
Ques- जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के समय भारत का गवर्नर कौन था ?
Ans – लार्ड चेम्स्फोर्ड
Ques- जलियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ था?
Ans-जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था।
Ques- जलियांवाला बाग में आग किसने लगाई थी?
Ans-ब्रिटिश सेना के जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में मौजूद निर्दोष लोगों पर गोली चलाने का आदेश दिया ।
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