Lotus Temple Kahan Hai : लोटस टेम्पल कहाँ है : शुल्क एवं रोचक तथ्य
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Lotus Temple Kahan Hai साथ ही इससे जुड़े प्रवेश शुल्क एवं रोचक तथ्य के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
लोटस टेंपल, भारत में दिल्ली में स्थित है, एक बहाई हाउस ऑफ उपासना है जो दिसंबर 1986 में समर्पित की गई थी, जिसकी लागत 10 मिलियन थी। अपनी फूलों जैसी आकृति के लिए उल्लेखनीय, यह शहर में एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। धर्म के सभी बहाई घरों की तरह, लोटस टेम्पल सभी के लिए खुला है, धर्म या किसी अन्य योग्यता की परवाह किए बिना। यह इमारत 27 मुक्त-खड़े संगमरमर से बनी “पंखुड़ियों” से बनी है, जिसमें नौ भागों को बनाने के लिए तीन गुच्छों में व्यवस्था की गई है, जिसमें केंद्रीय द्वार पर 40 मीटर से अधिक ऊँचाई और 2,500 लोगों की क्षमता वाले नौ दरवाजे हैं। लोटस टेम्पल ने कई वास्तुशिल्प पुरस्कार जीते हैं और कई अखबारों और पत्रिका के लेखों में चित्रित किया गया है। 2001 की सीएनएन रिपोर्ट ने इसे दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत बताया। कमल मंदिर नेहरू प्लेस के पास स्थित है और कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है।
रोचक तथ्य –
- कमल मंदिर में बने इसके भव्य प्रार्थना सभागार में एक बार में करीब ढाई हजार लोग आ सकते हैं।
- अपनी अद्भुत वास्तुशिल्प के लिए मशहूर इस लोटस टेम्पल को देखने रोजाना करीब 10 हजार लोग आते हैं।
- लोटस टेम्पल एशिया महाद्धीप का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मूर्ति पूजा नहीं होती है, यह मंदिर प्रभु की उपस्थिति में विश्वास रखता है
- लोटस टेंपल के अंदर कोई अनुष्ठान समारोह नहीं किया जा सकता।
- लोटस टेंपल के अंदर बैठकर कोई धर्मोपदेश नहीं दे सकता।
- लोटस टेंपल के भीतर किसी तरह के वाद्य यंत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- जो लोग बहाय समुदाय जीवन से प्रेरित हैं, उनके लिए बहाई मंदिर में कई तरह की एक्टिविटीज आयोजित की जाती हैं जैसे चिल्ड्रन क्लासेस, जूनियर यूथ क्लासेस, डिवोश्नल मीटिंग और स्टडी सर्कल ।
- यहां अगर आप फोटो लेना चाहते हैं तो ऑथेरिटी की परमिशन लेना जरूरी है।
प्रवेश शुल्क –
यहां पर किसी भी व्यक्ति से अंदर जाने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है।
लोटस टेंपल जाने का सबसे अच्छा समय –
लोटस टेंपल घूमने जाने का अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच के समय को माना जाता है। सर्दी का मौसम को अच्छा समय इसलिए कहा जाता है, क्योंकि दिल्ली में गर्मी के मौसम में काफी ज्यादा तापमान देखा जाता है।
लोटस टेंपल कैसे पहुंचे ?
हवाई जहाज से –दिल्ली के लिए भारत के अलग-अलग अन्य मुख्य शहरों से फ्लाइट की सुविधा आपको आसानी से मिल जाएगी। दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचने के उपरांत आप बस या टैक्सी किराए पर लेकर यहां पर आसानी से घूमने जा सकते हैं।
ट्रेन से –
लोटस टेंपल के नजदीकी रेलवे स्टेशन दिल्ली, आनंद विहार एवं हजरत निजामुद्दीन स्टेशन है।किसी भी स्टेशन से बस या टैक्सी लेकर कमल टेंपल को विजिट कर आसानी से अपना ट्रिप पूरा कर सकते हैं।
FAQ
Ques-लोटस टेम्पल कहा स्थित है ?
Ans-लोटस टेंपल भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण में नेहरू प्लेस के पूर्व में स्थित है।
Ques-लोटस टेम्पल का निर्माण किसने करवाया था ?
Ans-यह लोटस टेंपल जो कि दिल्ली में स्थित है, इसका निर्माण बहाई धर्म के संस्थापक बहाई उल्लहा संत ने करवाया था।
Ques-लोटस टेम्पल कब बना था ?
Ans-दिल्ली में स्थित इस लोटस टेंपल का निर्माण 24 दिसंबर 1986 ईस्वी में पूरा हुआ था।
Ques-लोटस टेंपल का दूसरा नाम क्या है ?
Ans-दिल्ली में स्थित इस लोटस टेंपल को एक दूसरा नाम बहाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
आशा करते है कि Lotus Temple Kahan Hai के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।