Feedback unit case: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब चौतरफा घिर चुके हैं। फीडबैक यूनिट के नाम पर की गई जासूसी को लेकर अब सिसोदिया के खिलाफ CBI ने केस दर्ज कर लिया है और अब यह मान जा रहा है कि साल 2015 का यह मामला मनीष सिसोदिया को दिन में तारे दिखा सकता है। पहले भी आबकारी नीति से लेकर अन्य आक्सीजन घोटाले में मुंह की खा चुके मनीष सिसोदिया के लिए अब यह फीडबैक यूनिट का मामला बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है। चलिए समझते क्या है मामला |
Feedback unit case: गृह मंत्रालय ने दे दी केस चलाने की मंजूरी
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फीडबैक यूनिट स्नूपिंग मामले (Feedback unit case) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह तब हुआ है जब सिसोदिया शराब नीति मामले में सीबीआई के रडार पर हैं। सिसोदिया के खिलाफ जासूसी के आरोप सीबीआई ने एक रिपोर्ट में सामने रखे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि 2015 में दिल्ली में सत्ता में आने के बाद, आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए एक फीडबैक यूनिट का गठन किया था।
Ministry of Home Affairs has given sanction to prosecute Delhi Deputy CM Manish Sisodia under the Prevention of Corruption Act in the 'Feedback Unit' alleged snooping case pic.twitter.com/mEZfVt8K0g
— ANI (@ANI) February 22, 2023
CBI ने खोल दी पोल
उपराज्यपाल और गृहमंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि फीडबैक यूनिट (Feedback unit case) का गठन 29 सितंबर, 2015 के एक कैबिनेट निर्णय के माध्यम से किया गया था। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया की अध्यक्षता वाली इस इकाई के पास कोई विधायी या न्यायिक वैधता नहीं है, लेकिन यह राजनेताओं की जासूसी कर रही थी और इसीलिए सीबीआई ने गृहमंत्रालय से सिसोदिया के खिलाफ कस चलाने की अनुमति मांगी थी।
सीबीआई ने अपनी जांच में कहा कि यूनिट पर कोई एजेंडा प्रसारित नहीं किया गया था और तत्कालीन एल-जी की अनुमति भी नहीं मांगी गई थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि गुप्त सेवा व्यय के लिए 1 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ इकाई ने 2016 में काम करना शुरू किया था। फीडबैक यूनिट और जासूसी के मामले (Feedback unit case) में सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया कथित स्नूपिंग यूनिट के प्रमुख थे।
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पुराने ढर्रे पर AAP ने खारिज किए आरोप ध्यान
आप ने पहले आरोपों को खारिज किया था। दिल्ली सरकार ने इस मामले पर कहा कि अब तक सीबीआई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और दिल्ली पुलिस ने हमारे खिलाफ 163 मामले दर्ज किए हैं। हालांकि बीजेपी एक भी मामला साबित नहीं कर पाई है। इनमें से करीब 134 मामलों को अदालतों ने खारिज कर दिया है और बाकी मामलों में भी बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र कोई सबूत नहीं दे पाई है। ये मामले राजनीति से प्रेरित हैं।
अब बचना है मुश्किल
मनीष सिसोदिया इस मुद्दे पर एक बार कुछ दिन पहले नौटंकी कर चुके हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि पेगासस से जासूसी करने वालों की जासूसी वह कैसे कर सकते हैं। सिसोदिया को लगातार शराब की आबकारी नीति को लेकर ईडी के नोटिस मिल रहे हैं। वह कोई न कोई बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन ये बड़े नेताओं की जासूसी का मामला मनीष सिसोदिया पर भारी पड़ सकता है और इसके चलते ही अब उनका बचना नामुमकिन माना जा रहा है।
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