आपने वीआईपी लोगों के आसपास ब्लैक कपड़ों में सुरक्षा करते हुए कमांडो को तो कई बार देखा ही होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि यह भारत के सबसे खतरनाक ब्लैक कैट कमांडो होते हैं? अभी हाल ही में इन्हीं ब्लैक कैट कमांडो को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है। दुश्मन को पलक झपकते ही धूल चटाने वाले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और अमेरिकी की स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेस (SOF) एक साथ मिलकर संयुक्त अभियान कर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास का नाम “तरकश” रखा गया है, जिसका आयोजन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और यूएस स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स (SOF) ने एकसाथ मिलकर चेन्नई में किया है। यह दोनों के बीच होने वाले अभ्यासों का छठा संस्करण है, जोकि 16 जनवरी से आरम्भ हो गया है और 14 फरवरी को समाप्त होगा।
चेन्नई में संयुक्त अभ्यास
भारत और अमेरिका की खास और स्पेशल फोर्सेस के बीच इस अभ्यास की योजना उस समय तैयार की गई थी, जब पिछले वर्ष मई में रूस ने ये गंभीर आरोप लगाया था कि उसे फंसाने के लिए और पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता को प्राप्त करने के लिए यूक्रेन अपने ही लोगों पर खार्किव में रासायनिक हथियार का उपयोग करने वाला है। परमाणु और जैविक के खतरों से निपटने के लिए भारत-अमेरिका संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं।
वैसे तो भारत और अमेरिकी सैनिक लगातार ही संयुक्त युद्धाभ्यास करते आये हैं, लेकिन इस संयुक्त अभ्यास में दोनों ने पहली बार “रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) और टेरर रिस्पॉंस” को सम्मिलित किया है। रूस-यूक्रेन के बीच बीते एक वर्ष से चल रहे युद्ध के बीच कई बार परमाणु ,जैविक या रासायनिक युद्ध शुरू होने की आशंका जताई गई है और भू-राजनीति जिस तरह से बदल रही उसे मद्देनज़र रखते हुए ये अंदाजा लगाना कठिन नहीं है कि कभी भी कहीं भी इस तरह के युद्ध छिड़ सकते है। रासायनिक और जैविक युद्ध को दुनिया के परिपेक्ष्य में एक उभरते खतरे के रूप में देखा जा रहा है, जिसके चलते ही भारत और अमेरिका ने संयुक्त सैन्य अभ्यास से इन खतरों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।
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जानिए क्यों है यह महत्वपूर्ण?
खबरों की मानें तो चेन्नई में चल रहे इस अभ्यास के दौरान किए गए विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभ्यासों में आतंकवादियों द्वारा रासायनिक और जैविक हमलों का मुकाबला करने के लिए भी एक अभ्यास को सम्मिलित किया गया था। मॉक वेलिडेशन अभ्यास के दौरान, एक थीम को तैयार किया गया था, जिसमें रासायनिक एजेंटों से लैस एक आतंकवादी संगठन ने एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान एक कन्वेंशन हॉल पर हमला करने की धमकी दे दी थी, जिसके बाद एनएसजी और यूएस (एसओएफ) टीमों ने एक संयुक्त टीम बनाकर इस आतंकवादी धमकी को मुंहतोड़ जवाब देते हुए बंधकों को सुरक्षित बचाया और आतंकियों के रासायनिक हथियार को भी निष्क्रय किया था।
खबरों के अनुसार इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स भी शामिल हुए। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा लक्ष्य क्षेत्र में छोटी टीम भेजना, एक बड़े हाल में घुसकर बंधकों को छुड़ाना और रासायनिक हथियार को बेअसर करना शामिल था। परमाणु और जैविक खतरों के चलते ये अभ्यास काफी अधिक महत्वपूर्ण है।
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