“बच्चा रोए तो वीडियो, बच्चा सोए तो वीडियो, बच्चा…”, चंद सिक्कों के लिए बच्चों का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं ‘आधुनिक माता-पिता’

यह बच्चों के इंसान बनने की प्रक्रिया के लिहाज से खतरनाक है!

Cute kids viral video

Source- Google

Cute kids viral video: इंटरनेट आज के समय में फेमस होने का एक अहम तरीका है। यूट्यूब पर कोई वीडियो डालिए और अगर वह वायरल हो गया तो आप न केवल पॉपुलर हो जाएंगे बल्कि आपको पैसा भी मिलेगा। यही कारण है कि यूट्यूब के जरिए कमाई एक बड़ा बिजनेस बन गया है लेकिन आज के समय में लोग कमाई के लिए अपने बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे किसी 2 महीने, 6 महीने या 3 वर्ष के बच्चे का बचपन बर्बाद किया जाता है और उसे एक ऐसे समाजिक दबाव में रखने की तैयारी हो जाती है, जो कि बच्चों के इंसान बनने की प्रक्रिया के लिहाज से ही खतरनाक है। यह कैसे खतरनाक है, इस आर्टिकल में आज आपको यहीं बताएंगे।

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अपने स्वार्थ हेतु दांव पर बच्चों का भविष्य

दरअसल, बच्चों की हरकते, उनके द्वारा बोले गए शब्द, उनका वात्सल्य प्रेम (Cute kids viral video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो जाता है। बच्चे फेमस हो जाते हैं। उन्हें कई बार विज्ञापनों, टीवी सीरियल्स या फिल्मों में भी काम मिल जाता है और उन्हें काफी पसंद किया जाता है लेकिन जरा से पैसे के लालच में कई बार माता-पिता अपने बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं, जो कि उनके लिए जीवन भर असंतोष का भाव भर सकता है। बच्चों की मानसिक स्थिति तक पर इस तरह की क्षणिक लोकप्रियता का बुरा असर पड़ता है और इसके जिम्मेदार कथित तौर पर उनका हित चाहने वाले यानी उनके माता पिता ही होते हैं।

आज के समय में किसी बच्चे का जन्म होता है तो बच्चे की पहली किलकारी से लेकर उसकी मुस्कान तक को रिकॉर्ड किया जाता है। बच्चों का सोशल मीडिया अकाउंट बना दिया जाता है। कोई बच्चा इंस्टाग्राम पर दिखता है तो कोई फेसबुक पर मुस्कान बिखेरता नजर आता है। बच्चा पहली बार क्या बोलता है, उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर (Cute kids viral video) वायरल होता है। कोई बच्चा अपने मम्मी पापा के साथ खेलता है तो उसके वीडियो भी रील्स के जरिए सार्वजनिक हो जाते हैं।

बचपन और इंटरनेट की दुनिया

बच्चों के खाने से लेकर उनके कपड़ों तक सबकुछ पब्लिक के सामने रहते हैं लेकिन यह बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो जाता है। इसके कारण बच्चों की किडनैपिंग जैसे जघन्य अपराध होने का अंदेशा बढ़ जाता है। बच्चों से जुड़े कई ऐसे वीडियो भी देखे गए हैं, जिनमें उनसे गालियां या अश्लील भाषा बुलवाई जाती है। कुछ Cute kids viral video में बहुत कम उम्र की लड़कियों को वयस्कों की तरह नाचते हुए देखा जाता है। वे बॉलीवुड गानों पर अश्लील और अजीबोगरीब नृत्य करती हैं।

कम उम्र में वयस्कों जैसा अभिनय करना, उनकी हार्मोन संबंधी विकास में बाधा बन सकता है और बच्चों के विकास में भी बाधा बन सकता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम रील्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आज अनैतिकता या अश्लीलता फैलाने के आरोप लगने लगे हैं। इन छोटे रील्स वीडियो में नाचने गाने के अलावा बहुत से विषयों पर वीडियो देखने को मिलते हैं।

हर तरह का आयुवर्ग अलग-अलग विषयों पर वीडियो बनाने में जुटा हुआ है, जिनमें अश्लीलता और बेहूदगी अपने चरम पर है। वीडियो में काम कर रहे कलाकार कहीं बहुत छोटे कपड़े पहने दिखते हैं तो कहीं उनके डांस स्टेप्स इतने अश्लील होते हैं कि देखने वाले की नजर झुक जाती हैं लेकिन कई बार छोटे बच्चों/बच्चियों की भी वैसी ही वीडियो देखने को मिल जाती है और यह काम कोई और नहीं बल्कि उनके मां बाप की करते हैं। उनका स्वार्थ होता है कि उनका बच्चा कम उम्र में फेमस हो जाए और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनकर पैसा कमाना शुरू कर दे।

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खत्म हो जाती है रचनात्मक क्षमता

ऐसे में जो बच्चा अपने जीवन के शुरूआती दिनों में पढ़ाई लिखाई करने का पात्र होता है और अपने शिक्षा के महत्व को समझता है। ऐसे में बच्चों के भविष्य के प्रति मां बाप का कर्तव्य भी यही होता है लेकिन मां बाप उन्हें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बना देते हैं और बच्चों की पढ़ाई लिखाई और रचनात्मक क्षमता कभी डेवलप ही नहीं हो पाती है। उनको यह बता दिया जाता है कि पैसा जीवन के लिए अहम है तो कई बार तो बच्चे पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं देते हैं और यह भविष्य के लिए खतरनाक होता है।

बच्चों को फेमस (Cute kids viral video) होने के बाद तो खूब पसंद किया जाता है लेकिन जब चीजें नॉर्मल हो जाती है तो उन्हें उस वीवीआईपी ट्रीटमेंट की आदत पड़ जाती है और यह ट्रीटमेंट यदि उनकी बढ़ती उम्र के साथ कम हो जाती है तो बच्चों को अवसाद में भी घिरते देखा गया है। यह देखा गया है कि जो बच्चे फिल्मों में बचकाने रोल में काफी पसंद किए गए, वे बढ़ती उम्र के साथ इस दुनिया से गायब होते चले जाते हैं। इसके अलावा बचपन में सीखी गई एक भी चीज जीवन में काम न आए तो युवाओं के सारे रास्ते बंद होते दिखते हैं। इसके कारण ही आजकल हमें आत्महत्या और डिप्रेशन की घटनाएं देखने को मिलती है। चंद पैसों और शोहरत के लिए लोग अपने बच्चों का बचपन सोशल मीडिया पर परोसकर उनके भविष्य का नाश कर देते हैं और लोगों को जब तक यह बात समझ आती है, तब तक बहुत देर हो जाती है।

https://www.youtube.com/watch?v=Mo_0QwVVEE0

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