Kantara prequel: 2022 में एक ऐसी फिल्म आई, जिसने भारतीय सिनेमा की परिभाषा ही बदलकर रख दी। इस फिल्म के प्रदर्शन से पूर्व न कोई भयंकर प्रचार-प्रसार किया गया और न ही इस फिल्म के बारे में कर्नाटक को छोड़ कोई विशेष कवरेज हुई।
Kantara Prequel: कांतारा का प्रीक्वल
कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र तुलुनाडु की स्थानीय परंपराओं पर आधारित इस फिल्म ने जो तहलका मचाया,वो हम सबने देखा। ऐसे में अब जो ख़बर निकलकर सामने आ रही है वो यह है कि कांतारा वास्तव में मूल फिल्म का सीक्वेल था- मूल फिल्म तो अभी आनी बाकी है, अर्थात कंतारा का प्रीक्वल (Kantara prequel) आना शेष है।
भारतीय सिनेमा के थलाईवा अर्थात रजनीकांत कान्तारा के अगले संस्करण का भाग बन सकते हैं। कुछ दिनों से कान्तारा के प्रीक्वल (Kantara prequel) से संबंधित कास्टिंग को लेकर काफी चर्चाएँ हो रही हैं।
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न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार फिल्म के कर्ताधर्ता ऋषभ शेट्टी से जब पूछा गया कि क्या वे रजनीकान्त को इस फिल्म में लेंगे तो उन्होंने कहा, “देखिए, अभी हम स्क्रिप्ट पर कार्यरत हैं। प्रारम्भिक काम जारी है। इस फिल्म की शैली अलग होगी और प्रीक्वल में जनता को भांति-भांति के आश्चर्य मिलेंगे!”
कान्तारा के 100 दिन पूरे होने पर ऋषभ शेट्टी ने इसके अगले संस्करण की घोषणा करते हुए कहा था, “हम जनता के अपार प्रेम और इस फिल्म के प्रति उनके समर्पण के बहुत आभारी हैं। दैव की कृपा से कान्तारा की जो यात्रा अनवरत जारी रही, उसने अपने 100 दिन पूर्ण कर लिए और इसी सौभाग्यशाली अवसर पर मैं घोषणा करता हूं कि कान्तारा का प्रीक्वल भी आएगा।
रजनीकांत बनेंगे कांतारा का हिस्सा
उन्होंने कहा कि जो आपने देखा वो वास्तव में पार्ट-2 है, पार्ट-1 अगले वर्ष आएगा। ये विचार मेरे मस्तिष्क में तब से आया, जब से Kantara Prequel की शूटिंग में मैं लगा हुआ था, क्योंकि कान्तारा का बहुत विस्तृत इतिहास है और अगर लेखनी के अनुसार देखा जाएं तो हमें और जानकारी ढूँढ़नी होंगी। क्योंकि शोध अभी भी जारी है, इसलिए इस फिल्म की और जानकारी साझा करना बेमानी होंगी”।
अब प्रश्न यह है कि रजनीकांत को लेकर अटकलें क्यों लग रही हैं? दरअसल, जब कान्तारा प्रदर्शित हुई थी इससे सुपरस्टार रजनीकांत बहुत प्रभावित हुए थे और उन्होंने न केवल फिल्म की भूरी-भूरी प्रशंसा की थी अपितु ऋषभ शेट्टी को अपने घर भी आमंत्रित किया था। तभी से यह अटकलें लगने लगी कि कांतार के प्रीक्वल में रजनीकांत भी दिखाई दे सकते हैं।
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अब वास्तविक सत्य क्या है, इसके लिए तो हमें प्रतीक्षा करनी पड़ेगी, पर इसमें कोई दो राय नहीं है कि जैसे बाहुबली ने तेलुगु सिनेमा का रूप-रंग बदलकर रख दिया, ठीक वैसे ही कान्तारा ने भी कन्नड़ सिनेमा को एक नया रूप दिया है।
इस फिल्म और इसके फिल्मांकन को देखकर कौन विश्वास करेगा कि ये केवल 16 करोड़ के बजट में फिल्माई गई है? परंतु 30 सितंबर को प्रदर्शित एवं ऋषभ शेट्टी द्वारा निर्देशित एवं अभिनीत इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कमाई की। केवल हिन्दी संस्करण से ही इस फिल्म ने 50 करोड़ से अधिक कमाए।
ऐसे में यदि यह ख़बर सही सिद्ध होती है तो वर्षों बाद रजनीकान्त तमिल सिनेमा के गढ़ से बाहर निकलकर भारतीय सिनेमा के किसी भी धड़े में अपना भाग्य आज़माएंगे। पिछले 12 से अधिक वर्षों से रजनीकान्त ने तमिल सिनेमा को अपना गढ़ बना रखा है, और वे “2.0”, “पेट्टा”, “कबाली” जैसी फिल्मों से जनता का मनोरंजन करते आ रहे हैं। इसी वर्ष उनकी एक और फिल्म “जेलर” प्रदर्शित होने को तैयार है, जो पुनः तमिल में है।
परंतु यदि रजनीकान्त वास्तव में कान्तारा के साथ जुडते हैं तो न केवल ये कन्नड़ फिल्म उद्योग अपितु भारतीय सिनेमा के बहुभाषीय वर्ग के लिए भी सोने पे सुहागा होगा।
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