Manish Sisodia Arrest: अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को भिजवाया जेल?

केजरीवाल बार-बार कहते थे "सिसोदिया को गिरफ्तार करो"!

Manish Sisodia Arrest

Source: The Hindu

Manish Sisodia Arrest: तो अंतत: वही हुआ जिसका सबको अंदेशा था। सीबीआई की ताबड़तोड़ पूछताछ के बाद ब्रह्मांड के सबसे कर्तव्यनिष्ठ मंत्री श्री-श्री मनीष सिसोदिया को कालापानी की सजा हुई और उन्हे पूछताछ के लिए सीबीआई ले गई। ऐसा हम नहीं, उनके अनन्य चेले बोलते हैं, क्योंकि उनकी दृष्टि में मनीष भाई भगत सिंह के वंशज जो ठहरे, वो अलग बात है कि भगत सिंह यदि होते तो इन्हे देखकर अपना माथा पीट लेते।

अब ऐसे में केजरीवाल कहाँ चुप बैठते, उन्होंने भी मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने बहुत बातें कही, परंतु साथ ही ये भी कहा कि मनीष सिसोदिया को चिंता करने की आवश्यकता नहीं, Manish Sisodia की Arrest से पार्टी को संबल मिलेगा और आम आदमी पार्टी का नाम देशभर में फैलेगा!

इस लेख में पढ़िए कैसे सिसोदिया का जेल (Manish Sisodia Arrest) जाना केजरीवाल के लिए लाभकारी रहा और कैसे केजरीवाल इस मौके का भरपूर फायदा उठाने को तैयार हैं।

Manish Sisodia Arrest in Delhi Excise Policy Scam

हाल ही में मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले मामले में लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जहां उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है।

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दिल्ली की नई शराब नीति को लेकर केजरीवाल सरकार ने दावा किया था कि इससे राजस्व में 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा। हालाँकि इस पूरे मामले की जाँच करते हुए जांच एजेंसियों ने पाया है कि शराब घोटाले से राजस्व में 2873 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

शराब घोटाले की ये कथा प्रारंभ होती है नवंबर 2021 में लागू की गई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से, जब इसके अंतर्गत राज्य में कुल 849 दुकानें खोली गईं। मूल नीति में 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत दुकानें निजी होती थी- जबकि केजरीवाल ने अपनी नई आबकारी नीति के अंतर्गत सभी दुकानें प्राइवेट कर दी, इससे राजस्व में नुकसान तय था और सत्ताधारी पार्टी के विश्वासपात्रों को लाभ होना भी तय था।

इस नीति के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने शराब बेचने के लिए मिलने वाले लाइसेंस की फीस कई गुना बढ़ा दी। L-1 लाइसेंस पहले ठेकेदारों को 25 लाख रुपए में मिल जाता था। नई शराब नीति लागू होने के बाद इसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपए देने पड़े।

इसी तरह अन्य लाइसेंस के लिए भी फीस कई गुना तक बढ़ा दी गई। इससे छोटे ठेकेदार लाइसेंस नहीं ले सके। इसका सीधा फायदा बड़े व्यपारियों को मिला। इसके अतिरिक्त कोरोना काल में शराब कंपनियों को हुए नुकसान की भरपाई करने के नाम पर केजरीवाल सरकार ने लाइसेंस फीस में बड़ी छूट दी। सरकार ने कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी थी।

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केजरीवाल को सिसोदिया से डर!

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शराब नीति बनाने वाले आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में दिनेश अरोड़ा का नाम सबसे अहम माना जा रहा है। अरोड़ा सिसोदिया का करीबी था। अब वह सरकारी गवाह बन गया है। अरोड़ा ने ही सिसोदिया समेत कई अन्य आरोपितों के नाम लिए हैं।

सीबीआई मनीष सिसोदिया से अन्य आरोपितों व डिजिटल सबूतों को लेकर भी पूछताछ कर रही है। दरअसल, शराब घोटाले के आरोपितों ने 170 फोन बदले थे, अकेले सिसोदिया ने 14 फोन बदले थे।

जाँच एजेंसियों का मानना है कि इन फोन्स में ही महत्वपूर्ण सबूत थे। इसलिए सिसोदिया समेत अन्य आरोपितों ने इन्हें नष्ट कर दिया। अब सीबीआई ने तमाम सबूतों को इकठ्ठा करने के बाद Manish Sisodia को Arrest किया है।

परंतु प्रश्न तो अब भी यही है, Manish Sisodia Arrest से केजरीवाल को कैसे और क्या लाभ मिलेगा? इसे समझने के लिए आपको अधिक कुछ नहीं करना है, केजरीवाल के ट्विटर पर एक बार जाइए और उनके ट्विट्स देखिए। केजरीवाल के ट्विट्स में सिसोदिया से सहानुभूति या उनका समर्थन कम और इस बात की राहत अधिक दिखाई देती है कि अब वे सत्येन्द्र जैन की भांति जेल में हैं।

कहने को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल हैं, परंतु सरकार अनाधिकारिक रूप से मनीष सिसोदिया ही चला रहे थे। यदि आप दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट का विश्लेषण करें तो मनीष सिसोदिया अनेक मंत्रालय संभाल रहे थे, शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि एवं इमारत, ख़ुफ़िया, सेवाएँ, कला-संस्कृति एवं भाषाएँ, श्रम, रोजगार, सार्वजनिक कार्य विभाग, स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, पानी। इसके अलावा अन्य सभी वो विभाग, जो किसी अन्य मंत्री को नहीं मिले हैं, उन्हें मनीष सिसोदिया ही देख रहे हैं।

मजे की बात ये है कि इससे पूर्व इनमें से 6 विभाग पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के पास हुआ करते थे, लेकिन उनकी गिरफ़्तारी (Manish Sisodia Arrest) के बाद उनके हिस्से के भी सारे विभाग मनीष सिसोदिया को ही दे दिए गए। ऐसे में सिसोदिया का प्रभाव दिल्ली में बहुत अधिक बढ़ गया था।

दिल्ली के लोगों के बीच केजरीवाल से भी ज्यादा सिसोदिया महत्वपूर्ण हो गए थे और सिर्फ लोगों के बीच ही क्यों दिल्ली के अधिकारी भी यह बात जानते थे कि केजरीवाल तो बस नाम के मुख्यमंत्री हैं वास्तविक सरकार तो सिसोदिया ही चला रहे हैं इसलिए अधिकारी भी सिसोदिया की ही सुनते थे- ऐसे में कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल के मन में यह बात घर कर गई थी कि मनीष सिसोदिया उनसे बड़े बनते जा रहे हैं और यही केजरीवाल को पसंद नहीं है।

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इससे पहले भी हम कई बार देख चुके हैं- आम आदमी पार्टी में जिसने भी केजरीवाल से बड़ा बनने की या फिर दिखने की कोशिश है की है- केजरीवाल ने उसे पार्टी से निष्कासित ही कर दिया- चाहे वो कुमार विश्वास हो- योगेंद्र यादव हो- प्रशांत भूषण हो या फिर कोई और- और इसका प्रमाण हमें केजरीवाल के बयान भी देते हैं-

कई बार केजरीवाल ने मीडिया में दिए अपने बयानों में कहा है कि सिसोदिया को गिरफ्तार क्यों नहीं करती केंद्र सरकार? सिसोदिया को जेल में डालो? सिसोदिया ने यदि भ्रष्टाचार किया है तो जांच करके उन्हें जेल में डाले।

जब सत्येंद्र जैन को जेल भेजा गया तब अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब अगला नंबर सिसोदिया का है- अर्थात केजरीवाल स्वयं ही जांच एजेंसियों को संकेत करते थे कि सिसोदिया ने भी भ्रष्टाचार किया है, उसे भी जेल में डालो और इसके पीछे का कारण एकदम स्पष्ट है- सिसोदिया का केजरीवाल से बड़ा बनते जाना।

मनीष सिसोदिया के अलावा दिल्ली और पंजाब में AAP के कई मंत्री जेल की हवा समय-समय पर खा चुके हैं। कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े अवैध लेन देन के मामले में सत्येंद्र जैन लंबे समय से जेल में हैं।

सोमनाथ भारती को अपनी पत्नी के हत्या के प्रयास और घरेलू हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जितेंद्र तोमर को फर्जी डिग्री मामले में जेल जाना पड़ा था। संदीप कुमार राशन कार्ड बनवाने के बहाने महिला से रेप के आरोप में जेल जा चुके हैं। विजय सिंगला पर अधिकारियों से प्रत्येक ठेके पर एक पर्सेंट कमीशन माँगने का आरोप लगा था।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि Manish Sisodia के Arrest पर आम आदमी पार्टी नौटंकी करेगी, और विपक्ष हाय तौबा, ये तो सर्वविदित है, परंतु जो लोगों को समझ में नहीं आ रहा, वो यह कि इससे और कोई प्रसन्न हो या ना हो, अरविंद केजरीवाल की बांछे अवश्य खिल गई हैं।

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