Vaishno Devi Gufa : वैष्णो देवी गुफा : कहानी एवं गुफा खुलने का समय
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Vaishno Devi Gufa साथ ही इससे जुड़े कहानी एवं गुफा खुलने का समय के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मातारानी का मंदिर। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है। माता वैष्णो देवी मंदिर प्राचीन एवं हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। माता वैष्णो देवी धाम में आने वाले हर भक्त की मनोकामना मातारानी जरूर पूरी करती है और इसी प्रचलित आस्था के चलते लाखों भक्त हर साल माता के दर पर उनके दर्शन करने आते हैं।
वैष्णो देवी गुफा की कहानी –
माता वैष्णो देवी मंदिर में माता रानी की विद्यमान स्वरूप के दर्शन करने के लिए भक्तों को प्राचीन गुफा में से होते हुए जाना होता है लेकिन यह गुफा काफी तंग है और इस गुफा को पार करने में सिर्फ अकेले व्यक्ति को ही कुछ समय लग जाता है। प्राचीन समय से भक्त इसी गुफा को पार करके माता के विद्यमान स्वरूप तक पहुंचते थे लेकिन भक्तों की सुरक्षा तथा आस्था को देखते हुए माता वैष्णो देवी संगठन ने दो नई गुफाओं का निर्माण किया है। पहली गुफा भक्तों के दर्शन के लिए प्रवेश द्वार के रूप में बनाई गई है और दूसरी गुफा भक्तों के दर्शन के बाद मंदिर स्थल से बाहर आने के लिए निकास द्वार के रूप में बनाई गई है। हालांकि प्राचीन गुफा को अनुष्ठानिक त्यौहार, परंपरागत अवसर तथा कम भीड़ वाले दिनों में भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाता है। हालांकि प्राचीन गुफा में से माता रानी के विद्यमान स्वरूप के दर्शन करना एक आनंद की अनुभूति के समान होता है इसलिए माता वैष्णो देवी के भक्तों को यह सलाह दी जाती है कि वह माता के प्राचीनतम गुफा में से दर्शन करने के लिए सिर्फ कम भीड़ वाले दिनों में ही जाए। जब भक्त वास्तविक गुफा में से बाहर आ जाते हैं तो वह एक गलियारे में प्रवेश करते हैं जिसकी छतों पर घंटियां लटकी हुई नजर आती है और गलियारे को पार करने के बाद एक प्लेटफार्म नजर आता है जहां पर माता रानी के वाहन शेर की मूर्तियां लगी हुई है और इसी स्थान पर माता रानी स्वयं को विद्यमान स्वरूप में आसीन किए हुए हैं। यहां पर माता रानी की संपूर्ण मूर्ति रखी हुई है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन करते समय गुफा में भक्तों को चुप रह कर प्रवेश करने के लिए कहा जाता है और इसके अलावा कर्मचारियों द्वारा पंक्तियों में चलने की सलाह दी जाती है। गुफा के अंत में माता रानी ने प्राकृतिक शीला के रूप में सदियों से स्वयं को विद्यमान किया हुआ है। मंच पर बैठे पुजारी द्वारा भक्तों को लाइन से आगे चलते रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि पीछे से भीड़ बढ़ती जाती है।
वैष्णो देवी गुफा की लम्बाई –
गुफा की कुल लंबाई दोनों तरफ प्रवेश द्वार पर और साथ ही निकास पर 300 फीट के करीब है।
वैष्णो देवी गुफा खुलने का समय –
मंदिर परिसर में सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रवेश किया जा सकता है जिसके बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है और फिर शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खोला जाता है। पारंपरिक आरती, जो वैष्णो देवी दर्शन में भारी कतारों का मुख्य कारण है, सूर्योदय और सूर्यास्त से ठीक पहले सुबह और शाम दोनों समय होती है।
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