भारत विरोधी अभियान: टूलकिट बिरादरी की तड़प और ट्विटर की मौज

ये भी ठीक है....

भारत विरोधी अभियान

एक भारत विरोधी अभियान है जिसे वर्षें से देश और विदेश से ऑपरेट किया जा रहा है। सभी भारत विरोधी तत्व वर्षो से इस अभियान को शक्तिशाली बनाने में लगे थे। लेकिन, अब भारत सरकार ये स्पष्ट कर दिया है कि अब भारत विरोधी अभियानों को विश्व के किसी कोने में पनपने नही दिया जाएगा और भारत सरकार की ये बात प्रत्यक्ष रुप से व्यापित हो रही है और कहते है ना कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नही होती।

पर प्रश्न तो अभी भी है कि प्रत्यक्ष स्वरुप हमें देखने को क्या मिल रहा है? तो परिणाम ये हैं कि भारत विरोधी अभियान को रिमोट से ऑपरेट करने वाले तत्व अब भारत के सख्त रवैये से इतना बिलबिलाए हुए हैं कि वो कुछ भी करने को तैयार हैं। उनके लिए स्थिती मरता क्या नहीं करता वाली हो गई है।

इस लेख मे पढिये कि कैसे भारत और विश्व के कोने कोने में छुपे राष्ट्र विरोधी खालिस्तानियों को कुचलने के अभियान से भारत विरोधी टूलकिट कैसे भयभीत हो गई है कि भाड़े के विदेशी टटटूओं को मैदान मैं उतारने तक को विवश हो गई है।

जिस प्रकार पाकिस्तान आतंकवादियों के बल पर भारत में अशांति फैलाने के षंडयंत्र करता रहता है। ठीक उसी प्रकार भारत को खंड खंड करने का स्वपन्न देखने वाले खालिस्तानी भी विदेशी आकाओं के बल प भारत में खालिस्तान बनाने का स्वपन्न देखते हैं। अमृत पाल तो नया आया है। ये सर्वविदित है कि किस प्रकार  विदेशों से कई लोग खालिस्तान भारत विरोधी अभियान को ऑपरेट कर रहे हैं।

ये सभी खालिस्तानी कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बैठकर पंजाब को भड़काने के उपदेश देते रहते हैं। जब से सोशल मीडिया व्यापित हुआ है तब से तो विदेश से बैठकर एक बार में लाखों करोड़ो लोगों तक अपना संदेश पहुंचाना इनके लिए आसान हो गया है।

ये वीडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर अपलोड़ करते रहते हैं । अब ऐसे में जब इनके गुर्गे अमृतपाल और उसके साथियों पर शिकंजा कसा गया तो ये कहां शांत बैठने वाले थे।

सूचना मिलते ही इन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम अमृतपाल और उसके समर्थन में पोस्ट करने प्रारंभ कर दिए। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम (यूके) और कनाडा में खालिस्तान समर्थक संस्थाओं ने अमृतपाल सिंह को समर्थन दिखाने ने के लिए भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों को निशाना बनाया और हिंसक प्रर्दशन प्रारंभ कर दिया। वहीं कुछ खालिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर अमृत पाल के समर्थन में पोस्ट करने प्रारंभ कर दिए। लेकिन जैसा कि हमने पूर्व के वीडियो में बताया कि इससे पहले की ये अराजक तत्व भारत में अराजकता का माहौल उत्पन्न करते उससे पहले ही भारत ने डिजिटल स्ट्राइक कर दी और सोशल मीडिया पर खालिस्तान के समर्थन में ट्ववीट करने वालों के अकाउंट्स सस्पेंड कर दिए गए।

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रिहाना की डिमांड कर रहे हैं खालिस्तानी

यानि वो सभी द्वार बंद कर दिए गए जिनसे देश में खालिस्तान के नाम माहौल खराब हो सकता था। ऐसे विदेश में बैठे खालिस्तानियों के इन आकाओं को रिहााना की याद आ गई। खालिस्तानी समर्थक एमओ धालीवाल ने ट्वीट किया रिहाना पंजाब को आपकी आवश्यकता है।धालीवाल यहीं नही रुका धाली वाली ने इंटरनेट बंद होने से लेकर मानवाधिकारों के हनन तक का रोना भी रोया। अब जिस रिहाना को धालीवाल याद कर रहे हैं थोड़ा उनके बारे में भी जान लीजिए।

ज्ञात हो कि किसान आंदोलन के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भारत विरोधी अभियान भी छेड़ा गया था। जिसे ऑपरेट खालिस्तानी समर्थकों के द्वारा किए जाने की  बात सामने आई थी। खबरें आईं थी कि उस आंदोलन को खालिस्तानियों के द्वारा विदेशी फंडिग मिल रही थी। भारत विरोधी अभियान को ‘कनाडा के नेताओं और कार्यकर्ताओं’ का समर्थन प्राप्त था। मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया था कि इसी खालिस्तानी एमओ धालीवाल ने आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करने के लिए पॉप स्टार रिहाना को 2.5 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था। जोकि भारतीय करेंसी में  18 करोड़ रुपए से अधिक है।  रिहाना ने  किसान विरोध-प्रदर्शन के पक्ष में ट्वीट करते हुए लोगों से पूछा था कि हम लोग क्यों नहीं इनके बारे में बात कर रहे हैं। रिहाना के ट्वीट के बाद ही एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग और पोर्न स्टार मिया खलीफा भी भारत के इस मसले में कूद गई और अपना ज्ञान देना इन्होंने भी शुरु कर दिया शुरू कर दिया था।

अब एक बार उपद्रवी खालिस्तानियों ने रिहाना की डिमांड कर रहे हैं।जब एमओ धालीवाल ने रिहाना के लिए ट्वीट किया कि रिहाना पंजाब को आपकी आवश्कता है। तो एक यूजर ने धालीवाल के ट्वीट पर प्रश्न पूछा कि कितने डॉलर का भुगतान करोगे। एमओ धालीवाल ने उत्तर दिया कि जितना वह चाहती है।

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भारत के विरुद्ध हवा बनाने का षड्यंत्र

अब तो एक बात स्पष्ट है खालिस्तानियों के ये आका भारत के विरुध हवा बनाने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं लेकिन सफलता कहीं से प्राप्त होती नही दिख रही है। हर वो दांव चल रहे हैं जिसे वो चल सकते हैं। लेकिन लाभ रत्तीभर नही हो रहा है। चलिए एक बार को एमओ धालीवाल 18, 20 करोड़ रुपये प्रति ट्वीट का खर्चा कर भी देते हैं रिहाना से ट्वीट कराने के लिए, परंतु ये तो अपने आप में ही हास्यादपद है क्योंकि भारत के लोग सब समझते हैं और इस परिस्थिती में रिहाना को भाव मिलनी कठिन है। भाव देने की बात अगर है तो मान लेते हैं कि भारत में चंद वामपंथी का समर्थन इन्हें प्राप्त हो जाएगा। पर भारत का बड़ा समुदाय रिहाना को इन मुद्दो पर गंभीरता से लेने का भूल कदापि नही करेगा। क्योंकि कोई विदेशी भारत के आतंरिक मामलों का निवारण भला कैसे कर सकता है?

जब से अमृतपाल सिंह और उसके गुर्गों पर कार्रवाई हुई है तब से खालिस्तानियों का ग्रुप बैचेन है हताश है। ट्वीटर पर उनके ट्वीट्स का कोई असर हो नही पा रहा है क्योंकि अमृतपाल और खालिस्तान के समर्थन में बातें करने वाले कई अकाउंट्स को भारत सरकार ने ब्लॉक कर दिया है। अब जिन लोगों से विदेश में बैठकर ये खालिस्तानी संपर्क किया करता थे। उनके लिए स्वयं ही बचने के लाले पड़े हुए हैं। कुछ जेल के अंदर हैं तो कुछ इधर उधर भटक रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री स्पष्ट कर ही चुके हैं कि पंजाब पुलिस और जांच एंजेसियों में अच्छा तालमेल है और खालिस्तान जैसी किसी चीज को पनपने नही देगें। इसी दिशा में एजेसियां और पंजाब पुलिस कार्य करती दिखाई पड़ रही है।

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