पंजाब भारत का अभिन्न अंग है। इस बात से पूरा विश्व भलि भांति परिचित है। लेकिन कुछ ऐसे तत्व देश और विदेश में उपस्थित हैं जो भारत के इस हिस्से को अलग करने की मंशा रखते हैं। आप समझ गए होंगे कि हम खालिस्तानियों की बात कर रहे हैं। हम उनकी बात कर रहे हैं जो “राज करेगा खालसा’ जैसे नारे लगाते हैं। आप अमृतपाल से परिचित हैं ही जो भारत को कहता है पंजाब’भारत का हिस्सा नही है और खुलेआम खालिस्तान की बातें करता है। ठीक इसी प्रकार जगमीत सिंह और गुरपतवंत सिंह पन्नू से भी आप परिचित हैं जो विदेश मैं बैठकर इस भारत विरोधी अभियान को चलाते हैं। लेकिन एक और बड़ा ग्रुप है जो खालिस्तानियों के अभियान को फुल सपोर्ट देता है और ये समूह अब खालिस्तानियों पर हुई कार्रवाई के बाद सक्रिय हो गया है।
इस लेख में पढिये कि कैसे खालिस्तानी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर हुई कार्रवाई की चोट का असर पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। जिसका विदेश मैं बैठे के गायक सोशल मीडिया के माध्यम से समर्थन कर रहे हैं।
पंजाबी संगीत को वर्तमान समय में पंजाब ही नही बल्कि पूरे देश के युवाओं का एक बड़ा वर्ग पसंद करता है। भाषा का अर्थ समझ आए या नही लेकिन संगीत को गुनगुनाता अवश्य है। कुछ पंजाबी गायकों को भारत के युवा अपना रोल मॉडल भी मानते हैं तो कुछ के पद्चिन्हों पर चलने की इच्छा रखते हैं।
पंजाबी गायकों का खालिस्तानी प्रेम
कुछ युवा पंजाबी गायकों के पहनावे ओढ़ावे को कॉपी करते हैं तो कुछ के बाल और डाढी के रखने के ढंग को भी कॉपी करते हैं। लेकिन आपका पसंदीदा पंजाबी गायक खालिस्तानी समर्थक तो नही है ये भी जान लेना अत्यंत आवश्यक है। कहीं जिस पंजाबी सिंगर को आप अपना रोल मॉडल समझ रहे हैं वो भारत विरोधी तो नही है। अगर कोई पंजाबी गायक भारत के खंडित नक्शे को सोशल मीडिया पर साझा करता है तो उसे देशभक्त तो नही कहा जा सकता है। दरअसल, शुभ नामक पंजाबी गायक ने इंस्टाग्राम पर पंजाब मैं हुई खालिस्तानियों पर कार्रवाई के बाद भारत के गलत नक्शे को पोस्ट किया है। बताते चलें कि इस सूची में शुभ अकेला नही है कई अन्य और भी ऐसे गायक हैं जो खालिस्तानियों पर हुए एक्शन के बाद बिलबिलाए हुए हैं। शुभ की तरह ही एक बड़े ही प्रसिंद्ध पंजाबी गायक करन ओजला जिसने पंजाब नक्शा पोस्ट किया है। जिससे कोई भी समझ सकता है कि ये गायक कि विचारधारा क्या है।
My heart is in pieces. I’m just stunned as to what is going on. Is history taking us back down that dark hole ?
— JAZ DHAMI (@THEJAZDHAMI) March 21, 2023
Regardless if you support Bhai Saab or not just look around and just absorb what is going on. This is a HUMAN RIGHTS VIOLATION. Innocent people getting picked up for being gursikh, peacefully protesting by doing naam jaap, no internet, roads blocked.
— JAZ DHAMI (@THEJAZDHAMI) March 21, 2023
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ऐसे ही एक जज धामी नामक पंजाबी गायक ने पंजाबी में खालिस्तानी पर हुई कार्रवाई पर लिखा कि “ब्लॉक किए जा रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स की संख्या हजारों में है। अगर पुलिस का यह ऑपरेशन इतना वैध है तो सारी सेंसरशिप और लीपापोती क्यों? चाहे जो भी परिस्थिति हो पंजाब के लोगों को उनकी नागरिक स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है।”.ये अन्य ट्वीट में इस गायक ने लिखा कि “मेरा दिल टूट गया है। मैं बस स्तब्ध हूं कि क्या हो रहा है। क्या इतिहास हमें उस अंधेरी खाई में वापस ले जा रहा है?”
ऐसा नही है कि पहली बार पंजाब का गायकों का खालिस्तान की ओर झुकाव सामने आया हो, अब पहले भी पंजाबी गायकों द्वरा खालिस्तान को समर्थन दिए जाने की बातें सामने आ चुकी हैं। अधिकतर पंजाब के ये गायक कनाड़ा या किसी अन्य देश मैं रहते हैं। जहां से खालिस्तान जैसी भारत विरोधी मुहिम को देश के साथ विदेश में भी ये गायक समर्थन देते हैं। आज पंजाबी संगीत उद्योग की सबसे बड़ी समस्या खालिस्तानी स्वर हैं जो इसमें घुस गए हैं। पंजाबी गायकों के द्वारा कई ऐसे गाने गाए हैं जो खालिस्तान को बढावा देते हैं। यूटयूब पर ऐसे कई गाने हैं जो खालिस्तान के समर्थक प्रतीत होते हैं। जिसमें, एके 47 वाले “‘खालिस्तान – द सॉल्यूशन’ था,ना प्रकार से पंजाबी कलाकारों के द्वारा खालिस्तान को समर्थन मिलता रहा है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाले की हत्या के बाद सिख फॉर जस्टिस ने एक वीडियो जारी करते हुए पंजाब के मशहूर गायकों को ‘भारत से पंजाब की आजादी’ का समर्थन करने के लिए कहा था। उसने वीडियो में कहा थआृा कि ‘अब भारत से पंजाब की आजादी के लिए खालिस्तान रेफरेंडम (जनमत संग्रह) को समर्थन करने का समय है। ‘
खालिस्तान के समर्थकों को मिलता है राजनीतिक सरंक्षण
खालिस्तान के इस भारत विरोधी अभियान को राजनीतिक दलों को भी संरक्षण प्राप्त रहता है। अब हाल के घटनाक्रम को ही देख लीजिए अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का शिरोमणि अकाली दल और कॉन्ग्रेस विरोध कर रही है। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इन सिख युवकों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने की बात कही है। वहीं, कॉन्ग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर समर्थकों की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है।सुखबीर सिंह बादल ने अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को ‘अतिरिक्त संवैधानिक’ कार्रवाई बताया। बादल ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर सिख युवकों की अंधाधुन कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इन युवाओं को कानूनी मदद देने के लिए पार्टी के नेताओं को कहा है।
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाले की हत्या के बाद सिख फॉर जस्टिस ने एक वीडियो जारी करते हुए पंजाब के मशहूर गायकों को ‘भारत से पंजाब की आजादी’ का समर्थन करने के लिए कहा था। उसने वीडियो में कहा थआृा कि ‘अब भारत से पंजाब की आजादी के लिए खालिस्तान रेफरेंडम (जनमत संग्रह) को समर्थन करने का समय है। ‘
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दरअसल, पिछले कुछ समय से खालिस्तान का नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। 30 साल के अमृतपाल सिंह नामक खालिस्तानी पर हुई कार्रवाई से विश्वभर में बैठे खालिस्तानियों का इकोसिस्टम हिल गया है। विश्व भर में कहीं ये खालिस्तान भारतीय तिरंगे का अपमान कर रहे हैं तो कभी सोशल मीडिया पर खालिस्तान के समर्थन में बातें लिख रहे हैं। यानि इनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ यह है कि किसी भी प्रकार एक फिर खालिस्तान के नाम पर देश का माहौल खराब किया जाए। ऐसे में जिस प्रकार अमृतपाल और उसके समर्थकों पर कार्रवाई की गई है ठीक उसी प्रकार अब in कलाकारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की अवश्कता है जो खालिस्तान जैसे भारत विरोधी अभियान को समर्थन दे रहे हैं। क्योंकि कला समाज में दर्पण का कार्य करती हैं। अगर ये आइएसआई पोषित कलाकार कला को माध्यम बनाकर भारत के खिलाफ विष घोलने का काम कर रहे हैं तो इन्हें सबक सिखाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है।
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