मुग़ल हो या मदरसा, हिमन्ता ने कांग्रेस को पटक पटक कर धोया!

हिमंता की कमिटमेंट खाली नहीं जाती....

“एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी, उसके बाद मैं अपने आप की भी नहीं सुनता”

लगता है असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा आजकल इसी मोड में रहते हैं। असम और पूर्वोत्तर का जो उन्होंने कायाकल्प किया है, वह किसी से नहीं छुपा है। परंतु जिस प्रकार से वह भारत विरोधी तत्वों को कहीं का नहीं छोड़ते, वह कला दिन प्रतिदिन निखरती ही जा रही है।

इस लेख में पढिये  कैसे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असम से उग्रवाद को खत्म करने के लिए कठोर संकल्प लिया है, और कैसे वे कांग्रेस के वास्तविक स्वरूप को उजागर किये बिना चैन से बैठने वाले नहीं । तो अविलंब आरंभ करते हैं।

“मदरसों पर कार्रवाई जारी रहेगी”

हाल ही में बेलगावी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि अवैध मदरसों पर जो असम सरकार ने कार्रवाई की है, वह जारी रहेगी।

इतना ही नहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ये भी कहा, “इसकी [मदरसों की]जरूरत नहीं है। हम सभी मदरसों को बंद करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मदरसों की जगह स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी खुले”।

इसके अतिरिक्त सीएम सरमा ने बांग्लादेश से होने वाले घुसपैठ को खतरनाक ठहराया  । कहा कि बांग्लादेश से असम में घुसपैठ करने वाले स्थानीय संस्कृति के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

और पढ़ें- आहा! हिमंता बिस्वा सरमा ने केजरीवाल को पटक-पटक के धोया है!

कांग्रेस हैं “आधुनिक मुगल”!

परंतु हिमंता इतने पे नहीं रुके। उन्होंने दो कदम आगे बढ़ते हुए ये सिद्ध किया कि कैसे कॉन्ग्रेस आज के समय की मुगल है, जो देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

सभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने नए भारत की बात करते हुए कहा, “एक समय दिल्ली के बादशाह मंदिर तोड़ने की बात किया करते थे। आज नरेंद्र मोदी के दौर में हम मंदिर निर्माण की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नए भारत की अर्थव्यवस्था आज ब्रिटेन से मजबूत है। नए भारत में कोविड से मुकाबले के लिए अपनी वैक्सीन का निर्माण किया जाता है। नए भारत में पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब दिया जाता है। कॉन्ग्रेस इसी नए भारत को कमजोर करने की साजिश कर रही है। पहले भारत को कमजोर करने का काम मुगल किया करते थे”।

हिमंता ने आगे ये भी पूछा कि क्या वे लोग मुगल के बच्चे हैं जो बाबरी के लिए तो बोलते हैं, लेकिन राम मंदिर की बात नहीं करते। उन्होंने लोगों से छत्रपति शिवाजी और स्वामी विवेकानंद का भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देने की अपील की।

असम के सीएम ने कहा कि देश में बहुत सारे लोग हैं जो गर्व से कहते हैं कि मैं मुस्लिम। मैं ईसाई हूँ। इससे मुझे आपत्ति नहीं है। लेकिन हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जो गर्व से कह सके कि मैं हिंदू हूँ।

और पढ़ें- असम के ‘शिवाजी’ वीर लचित बोरफुकन के शौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर ला रहे हैं हिमंता बिस्वा सरमा

हिमन्ता दा न रुकेंगे, और न ही झुकेंगे!

एक समय था, जब पूर्वोत्तर को भारत का एक अलग तलग भाग समझा जाता था, और असम की हालत भी कोई बेहतर न थी। परंतु आज जब भारत पुनः अपनी मूल संस्कृति को सहृदय अपना रहा है, तो इस सांस्कृतिक पुनरुत्थान में असम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसका पूर्ण श्रेय केवल एक ही व्यक्ति को जाता है : सीएम हिमंता बिस्वा सरमा।

वो कैसे? कुछ माह पूर्व जब वीर लाचित बोरफुकान के जन्मदिवस की 400वीं वर्षगांठ का अवसर आया, तो हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्विटर पर अपने हैंडल के माध्यम से लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती पर एक वेब पोर्टल एवं एप के लॉन्च की घोषणा की, जहां उन्होंने असम से लेकर सम्पूर्ण राष्ट्र के युवाओं को वीर लचित बोरफुकन पर अपने विचार साझा करने हेतु आमंत्रित किया।

इसके अंतर्गत 44 लाख से अधिक हस्तलिखित निबंध सफलतापूर्वक असम सरकार के पास आए, जिसने एक अलग विश्व रिकॉर्ड बनाया। लाचित बोरफुकान वह वीर योद्धा हैं, जिनके नाममात्र से ही मुगल सेना में त्राहिमाम मच जाता था।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश और असम में एक अनोखी प्रतिस्पर्धा भी जारी है : कौन सनातन संस्कृति की अधिक सेवा करेगा एवं उपद्रवियों और आतंकवादियों को दिन में दर्पण दिखाएगा?

बाल विवाह पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए  फरवरी 2023 में  हाल ही में राज्य के डीजीपी जीपी सिंह के साथ हिमंता बिस्वा सरमा ने एक महत्वपूर्ण बैठक भी की, और शायद यही कारण है कि पिछले हफ्ते से लेकर अब तक असम पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए।

इसके साथ ही यह तय किया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 वर्ष की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

परंतु बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। असम सरकार ने स्पष्ट किया है जो भी इन मामलों में आरोपित होंगे, उन्हें सीधा हिरासत में लिया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 वर्ष से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता है।

हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि असम सरकार, राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। असम पुलिस ने राज्य भर में अब तक 4,004 मामले (बाल विवाह के) दर्ज किए हैं और आने वाले दिनों में पुलिस की और कार्रवाई होने की उम्मीद है।

और पढ़ें- योगी के बाद सबसे प्रभावशाली मुख्यमंत्री हैं हिमंता बिस्वा सरमा

एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, “बाल विवाह विरोध अधिनियमों के विरोध में राज्य स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं। 1800 से अधिक हिरासत में लिए जा चुके हैं। स्त्रियों के विरुद्ध घृणास्पद एवं जघन्य अपराधों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।”

ऐसे में अब यह कहना गलत नहीं होगा कि हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में बाल विवाह के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया है और जो भी इसके आड़े आएगा, उसकी खैर नहीं!

ऐसे में कहना ये भी गलत नहीं होगा कि असम से उग्रवाद और कट्टरपंथ को जड़ से समाप्त करने के लिए हिमंता बिस्वा सरमा ने कठोर संकल्प लिया है, और वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक असम से अवैध घुसपैठिए एवं कट्टरपंथियों का प्रकोप समाप्त न हो जाए।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version