इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत विरोधी एजेंसियों एवं कार्यकर्ताओं को काफी सहायता मिलती आई है। परंतु अब इस पर रोक लगाने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक अनोखा उपाय निकाला है।
हाल ही में उद्योगपतियों एवं कॉर्पोरेट जगत के अन्य खिलाड़ियों को जगदीप धनखड़ ने एक महत्वपूर्ण संदेश में कहा,
“हमें बदनाम करने के लिए भारत के मूल्यों, अखंडता और इसकी संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमला किया जा रहा है। वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हुए भारत के खिलाफ एक पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित किया जा रहा है।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ बाहरी संस्थानों द्वारा राष्ट्र के रूप में भारत की वैधता और इसके संविधान पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के कुछ अरबपति और बुद्धिजीवी परिणाम की परवाह किए बिना इन संस्थानों को फंड देकर इस तरह के विनाशकारी षडयंत्रों के शिकार हो गए हैं।”
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इसके अतिरिक्त उन्होंने ये भी अपील की कि उद्योगपति को सीएसआर फंड के पैसे का इस्तेमाल देश के बाहर करने के बजाय IIMs और IITs जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को वित्तपोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझ याद है कि देश के एक अरबपति ने सीएसआर के 200 करोड़ रुपए एक अमेरिकी संस्थान को दे दिए। इसी तरह 2008 में खुद भारत सरकार ने 20 करोड़ दूसरे संस्थान को दिए थे।”
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