हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में कुछ भी ठीक नही चल रहा है। पाकिस्तान के ऊपर संकटों ही भरमार है और संकट अनेक प्रकार के है कि जिन्हें अफरोर्ड कर पाना पाकिस्तान के बस की बात नही है।
पृथ्वी के इस संकटग्रस्त देश के लिए कोई शुभ संकेत दूर दूर तक नही दिख रहा है। अब स्थिती ये है कि जितना हमने अनुमान लगाया था उससे कहीं अधिक पाकिस्तान पाकिस्तान की स्थिती नाजुक होती दिख रही है।
इस लेख में पढ़िए कि कैसे पाकिस्तान हमारे द्वारा लगाए गए अनुमान से भी अधिक गर्त में जाता दिख रहा है।
दरअसल, आतंकवाद के बल पर दुनिया के नाक में दम करने वाला पाकिस्तान इन दिनों जल रहा है। आपको हम इस तथ्य से कई बार अवगत करा चुके हैं कि वहां के लोग आटा जैसी निम्न आवश्कतों के लिए भी जूझ रहे है। हम बता चुके हैं कि आटा- दाल के लिए भी पाकिस्तानियों को सड़कों पर संघर्ष करना पड़ रहा है।
संकटों के बोझ के नीचे दबे पाकिस्तान पर अब आर्थिक संकट के साथ साथ एक बड़ा राजनीतिक संकट भी उत्पन्न हो गया है। एक तरफ जहां की आम जनता के बीच आटा और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान का बेड़ा गरक करने वाले पाकिस्तान के राजनीतिक लोग अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं।
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पाक मैं पैदा हुआ राजनीतिक संकट
चलिए आपको पूरा प्रकरण विस्तार से बताते हैं दरअसल, आर्थिक संकट के बीच मंगलवार को पाकिस्तान में एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया। पुलिस जैसे ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंची। वैसे ही इमरान खान के समर्थकों ने आक्रोश में स्थिती बद से बदतर करने में कोई कौर कसर नही छोड़ी। पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए जमान पार्क में रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले भी दागे और समर्थकों पर लाठीचार्ज भी किया गया, लेकिन कार्यकर्ता कहां काबू में आने वाले थे।
एक तरफ जहां प्रशासन ने इमरान खान को अरेस्ट करने के लिए और फोर्स की व्यवस्था की तो वहीं, दूसरी तरफ इमरान खान ने अपने समर्थकों से जमान पार्क में फिर से इकट्ठा होने की अपील कर और भीड़ जुटाई। इमरान ने बुधवार सुबह करीब 4:20 बजे अपने समर्थकों को संबोधित किया और कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने के और प्रयास किए जा रहे हैं। एक वीडियो संदेश में इमरान ने कहा “जिस तरह से पुलिस ने हमारे लोगों पर हमला किया, इसका कोई उदाहरण नहीं है। इतने कम लोगों पर इस तरह हमला करने की वजह क्या है?”
दूसरी तरफ इमरान खान की अपील के बाद उनके समर्थकों की और भीड़ एकत्रित होने
लगी और देखते ही देखते हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में महाबवाल हो गया।
मौके का लाभ लेते हुए इमरान खान ने वहां के प्रशासन और अपने देश का तमाशा बनाने में कोई कसर अधूरी नही छोड़ी।
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इमरान खान घर में बैठे रहे और उनके समर्थकों ने बाहर जमकर हुड़दंग उतारा। आपको बता दें कि इससे पहले इमरान खान पर जानलेवा हमला भी हो चुका है। ऐसे में एक बार फिर इमरान की चर्चा हर तरफ हो रही है। परिस्थितियों को देखने के बाद ये प्रतीत बिल्कुल भी नही होता कि शहबाज शरीफ सरकार इमरान खान को गिरफ्तार करने से बाज आएगी और उधर इमरान के लिए गिरफ्तारी नाक वाली बात हो गई है और इसलिए वो शहबाज की पुलिस को टक्कर देने के लिए अपने समर्थकों का सहारा ले रहे हैं।
बता दें कि तोशाखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। पाकिस्तान में कानून है कि विदेशी नेताओं से मिलने वाले किसी भी गिफ्ट को तोशाखाना यानी सरकारी खजाने में जमा कराना होता है। आरोप है कि इमरान खान ने उन उपहारों को सरकारी खजाने में जमा करने की जगह बेचकर पैसे कमा लिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने तोशखाने से उपहारों को 2.15 करोड़ रुपये में खरीदा था। आरोप है कि इमरान ने 2.15 करोड़ में खरीदकर इनसे 5.8 करोड़ रुपये कमाए गए। पाकिस्तान में तोशाखाना की शुरूआत साल 1974 में हुई थी।
इन सब घटनाओं को देखकर एक बात तो स्पष्ट तौर पर प्रतीत हो रही है कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के नेता दूसरे देशों के साथ तो झोल करता ही हैं और अवसर मिले तो वो अ्पने देश के साथ भी दगाबाजी करने में थोड़ा भी नही कतराता। अब नियम, कायदे कानून की आशा पाकिस्तान और वहां के नेताओं से कहां की जा सकती है?
अब पाकिस्तान ऐसा तो है नही कि केवल उसकी समस्या इमरान की गिरफ्तारी ही है? वहां तो अगर ये बवाल भी ना होता तो भी उसका संकट के मक्कड़जाल से निकल पाना अत्यंत मुश्किल था। पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गर्त में है। एक तरफ पाकिस्तान में बुरी आर्थिक स्थिति के कारण लोग आग-बबूला हो रहे हैं तो दूसरी ओर पूरे पाकिस्तान में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। पूरे पाकिस्तान में बलूचिस्तानी बहुत बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका कारण पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच लोगों को प्रताड़ना देना है। वहीं समय-समय पर पाकिस्तान की सेना पर हमले करके टीटीपी पाकिस्तान को दहलाता रहता है और संभावनाएं ये भी हैं कि कभी भी अफगानिस्तान के तालिबान के साथ हाथ मिलाकर टीटीपी पाकिस्तान पर संपूर्ण हमला कर सकता है।
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राजनीतिक अस्थिरता ने किया पाकिस्तानी का बेड़ागर्क
वहीं अब राजनीतिक अस्थिरता पाकिस्तान का बेड़ागर्क करने में लगी हुई है। क्योंकि जब से इमरान खान विपक्ष में आए हैं तब से लगातार पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के विरुद्ध प्रश्न खड़े कर रहे हैं और जो सरकार अभी पाकिस्तान में चल रही है वो भी कई पार्टियों के साथ गठबंधन से चल रही है जिसका कोई भरोसा नहीं कि कब गिर जाए। वर्तमान पाकिस्तान की दिशा और दशा देखकर आंका जा सकता है कि कभी भी पाकिस्तान में गृह युद्ध हो सकता है। इन सभी परिस्थितियों को देखकर देखकर लग रहा है गृह युद्ध आकलन से भी कहीं अधिक भयंकर होगा।
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