भारत का विभाजन करने का षडयंत्र सर्वप्रथम मौहम्मद अली जिन्ना ने किया था। जिसमें जिन्ना को सफलता प्राप्त हुई। जिन्ना ने पाकिस्तान के रुप में एक इस्लामिक राष्ट्र बनाया। जिन्ना से प्रेरणा लेकर दूसरा सबसे बड़ा षडयंत्र रचा गया सिख धर्म को आधार बनाकर खालिस्तान को बनाने का। जो वर्तमान समय में भारत के लिए सिर दर्द बना हुआ है। आए दिन अलग खालिस्तान बनाने की नौटंकी होती रहती है।
कुछ चिरकुट खालिस्तान के झंडे लेकर आए दिन देश में उत्पाद मचाते रहते हैं। कभी पंजाब की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिख देते हैं तो कभी झंडे लेकर सड़कों पर नारेबाजी करके नौटंकी करते हैं। जिससे इन चंद चिरकटों के कारण वहां की वो जनता भी परेशान होती है जिसका खालिस्तान से दूर तक कोई संबंध नही है।
उनके इन अभियानों को सत्ता का संरक्षण भी प्राप्त होता है। पहले ही पंजाब की स्थिती बद से बदतर बनी हुई है वहां नशाखोरी, बेजरोजगारी अपने चर्म पर है। लेकिन, विदेश में बैठे तुच्छ प्रवृत्ति के लोग वहां के युवाओं को भड़काकर अलग खालिस्तान बनाने का स्वपन्न संजोय बैठे हैं। जो भारत में रहते नही है जिनका भारत की राष्ट्रीयता से कोई संबंध नही है वो दूसरे देश में बैठकर खालिस्तानी बनाने की बातें करते हैं।
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अब जैसा कि पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों की धड़ पकड़ शुरु की। तो दुनिया भर में बैठे खालिस्तान समर्थक बिलबिला उठे। भारतीय मूल के कनाडाई राजनेता, जगमीत सिंह ने ट्वीट किया, “मैं उन रिपोर्टों से बहुत चिंतित हूं भारत ने नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया है और पूरे पंजाब राज्य में इंटरनेट ब्लैकआउट लागू कर दिया है।
https://twitter.com/theJagmeetSingh/status/1637174784155959296?cxt=HHwWgIC-zdjytLgtAAAA
एक अन्य ट्वीट में उसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के साथ अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस की कार्रवाई को तुरंत जोड़ दिया। सिंह ने कहा, “ये कठोर उपाय 1984 के सिख नरसंहार के दौरान गैर-न्यायिक हत्याओं और जबरन गुमशुदगी को अंजाम देने के लिए उनके ऐतिहासिक उपयोग को देखते हुए कई लोगों के लिए अस्थिर हैं।”
These draconian measures are unsettling for many given their historical use to execute extrajudicial killings and enforced disappearances during the 1984 Sikh Genocide.
— Jagmeet Singh (@theJagmeetSingh) March 18, 2023
अमृत पाल सिंह पर हुई कार्रवाई से बिलबिलाया जगमीत सिंह
जगमीत सिंह को समझना होगा कि ये नया भारत है जिसमें अलगावाद का बिल्कुल स्थान नही है। बता दें कि जगमीत सिंह एक कट्टर खालिस्तानी समर्थक हैं, जो ना सिर्फ कनाडा में बल्कि दुनियाभर में खालिस्तानी तत्वों का भरपूर समर्थन करता है। जगमीत सिंह कनाडा में रह रहे भारतीय सिखों में खालिस्तान का विष भरने का काम करता है।
खालिस्तानी गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए वो वर्ष 2012 से ही भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के निशाने पर हैं। भारत विरोधी रुख के लिए वर्ष 2013 में उसे भारतीय सरकार ने भारत का वीज़ा प्रदान करने से भी साफ़ मना कर दिया था। लेकिन ये अपनी तुच्छ करतूतों से बाज नही आता है।
इसके कारण ही कनाड़ा भारत के आंतरिक मामलों हस्तक्षेप करने का दुस्साहस करता रहता है। कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो स्वयं अपनी घरेलू राजनीतिक मजबूरीयों के कारण भारत के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप कर चुके हैं। राजनीतिक मजबूरी इसलिए क्योंकि सरकार में उनके साथी New Democratic Party के नेता जगमीत सिंह एक कट्टर खालिस्तानी समर्थक हैं।
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जो ना सिर्फ कनाडा में बल्कि दुनियाभर में खालिस्तानी तत्वों का भरपूर समर्थन करता है। जगमीत सिंह कनाडा में वर्षों से भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाते आया हैं। ऐसे में जगदीप सिंह जैसे खालिस्तानियों के खालिस्तान समर्थित अभियानों की कमर तोड़ने की आवश्यकता है।
भारत और कनाड़ा के संबंधों में खटास आने का एक प्रम्मुख कारण वहां की सरकार का खालिस्तान की ओर झुकाव भी है। कनाड़ा में ना सही परंतु भारत में इन अभियानों को मिट्टी मिलाने की सख्त आवश्यकता है। वर्तमान में भारत को अपने आंतरिक दुश्मनों से ज्यादा खतरा है। जो देश को अंदर से खोखला करने का प्रयास तो करते ही हैं और साथ ही विदेश में बैठकर भारत के विरूद्ध षड़्यंत्र भी रचते रहते हैं। ऐसे में इन खालिस्तानी की मांग वाली बीमारी का इलाज समय की मांग है।
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