जाकिर नाइक कट्टरपंथ का दूसरा पर्यावाची है। उसके अंदर हिंदूओं के विरुद्ध घृणा कूट कूटकर भरी है। वो हर मंच का उपयोग भारत और हिंदू विरोध के लिए करता है। वैसे तो स्वयं को इस्लामिक उपदेशक बताने वाले कई ऐसे कट्टरपंथी मिल जाएगें जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। लेकिन ये नमूना अलग है। भारत में कट्टरपंथी जाकिर नाइक के विरुद्ध कई मामले अंकित हैं। जाकिर नाइक कोई सामान्य व्यक्ति नही बल्कि भारत का मॉस्टवॉन्टेड है। अब ऐसे में प्रश्न ये उठता है कि ये अपराधी भारत के एक्शन से कैसे बचा हुआ है।
इस लेख में पढिये इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक के कारनामे और आखिर हिंदू और भारत विरोधी बातें करने वाला कट्टरपंथी जाकिर नाइक भारत के शिंकजे से कैसे बच रहा है।
भगोड़ा जाकिर नाइक भिन्न-भिन्न देशों में जाकर उपदेश देता रहता है। उसके इन उपदेशों में सिर्फ और सिर्फ हिंदू विरोधी बातें होती हैं। ताजा घटनाक्रम भी कुछ इसी प्रकार का है। हुआ ये कि कट्टरपंथी जाकिर नाइक हाल ही ओमान पहुंचा। जिसके बाद उसने भाषण दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरलल हो रहा है। इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर ने दावा किया है कि भारत में बसे ज्यादातर हिंदू उससे प्यार करते हैं। उसकी मानें तो यही समस्या है कि सरकार को लगता है कि उसका हिंदू वोट बैंक खतरे में आ जाएगा। कट्टरपंथी जाकिर नाइक ने अपने भाषण में बिहार का जिक्र करते हुए जाकिर नायिक ने कहा, “मेरे भाषण को बिहार और किशनगंज में 50 से 100 मिलियन लोग सुनते हैं। मुझे सुनने वालों में 30 फीसदी लोग गैर मुस्लिम होते हैं। चौंकिए मत जाकिर नाईक इसी प्रकार की भ्रांतियां फैलाने के लिए जाना जाता है।
सोशल मीडिया पर वायरल जाकिर नाइक के वीडियो में देखा जा सकता है कि कट्टरपंथी जाकिर ने एक महिला को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया। महिला ने भीड़ के सामने इस्लाम कबूल करती है। जाकिर सबसे पहले महिला से उसका नाम पूछता है। फिर उसे कहता है कि क्या आप मानती हैं कि अल्लाह एक है? क्या आप यकीन करते हैं कि अल्लाह के अलावा कोई भी इबादत करने के लायक नहीं है? कुछ लाइनें बोलने के बाद वो महिला से कहता है कि अब आप इस्लाम अपना चुकी हैं।
हिंदूओं के विरुद्ध उगलता है विष
हिंदूओं के अभिशाप बन चुका जाकिर नाइक भारत की गिरफ्त से लगातार बाहर चल रहा है। अब वर्तमान में किसी भी देश के लिए किसी कट्टरपंथी को भारत विरोधी मंच देना किसी बडे़ नुकसान से कम नही है। क्योंकि आज भारत देश लगभग सभी देश अच्छे संबंध बनाकर रखना चाहते हैं। जिसमें कई इस्लामिक देश भी शामिल है। ऐसे में प्रश्न उत्पन्न होता है कि आखिर ओमान ने कैसे इस विषैले कंट्टरपंथी को मंच दे दिया। जो भारत केवल और केवल काल कोठरी का हकदार है। ओमान के साथ भारत के संबंधों की बात करें तो ओमान, खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक रणनीतिक साझेदार है। साथ ही, यह खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन जैसे मंचों पर एक महत्वपूर्ण वार्ताकार भी है। ओमान के साथ राजनयिक संबंध वर्ष 1955 में स्थापित किए गए थे।
बता दें कि विदेश मंत्रालय हाल ही में कहा था कि वह जाकिर नाइक को वापस लाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ज़ाकिर नाइक भारत में कई मामलों में आरोपी है. वह भगोड़ा है, हमने इस मामले को ओमान सरकार और उसके अधिकारियों के साथ उठाया है।
अरिंदम बागची ने कहा कि नाइक भारत में कई मामलों में आरोपी है और भगोड़ा है. ओमान से उसके प्रत्यर्पण के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को ओमान सरकार और ओमान के अधिकारियों के साथ उठाया है।
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फीफा वर्ल्ड कप 2022 में भी पहुंचा था जाकिर
गौरतसलब है कि फीफा वर्ल्ड कप 2022 के दौरान कतर ने जाकिर नाइक को निमंत्रण भेजा था। भारत द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद कतर ने सफाई दी थी। कतर ने कहा था कि जाकिर नाइक को दोहा में आयोजित फीफा विश्व कप के कार्यक्रम में आधिकारिक निमंत्रण नहीं दिया गया था।
बता दें कि गिरफ्तारी की डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया। नाइक के खिलाफ 2016 में एंटी-टेरर लॉ के तहत केस दर्ज किया गया था। जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित किया गया था। जाकिर नाइक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को बढ़ावा देने, धर्मांतरण से जुड़ाव, समाज में नफरत फैलाने, हेट स्पीच सहित कई गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से मामले दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2019 में जाकिर को हिंदुओं और चीनी मलेशियाई लोगों के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणी करने के बाद मलेशिया में भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस क्रम में उससे घंटों पूछताछ भी की गई थी।
कट्टरपंथी ज़ाकिर नाइक पर भारत और बांग्लादेश में नफ़रत फैलाने और चरमपंथ को बढ़ावा देने के मामले अंकित हैं। जाकिर नाइक 2016 में भारत से भाग जाने के बाद मलयेशिया चला गया और तब वहां की नागरिकता लेकर वहीं रह रहा है। 2016 में बांग्लादेश में चरमपंथियों के एक हमले में 29 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए गिरफ्तार चरमपंथियों में से एक ने बताया था कि वो ज़ाकिर के भाषणों से प्रभावित था। इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जाँच की। शुरुआती जाँच के बाद ज़ाकिर नाइक के संगठन आईआरएफ पर बैन लगा दिया गया। इसके बाद 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे विस्फोट में 250 लोगों की मौत के बाद भी ज़ाकिर पर आरोप लगे थे। कहा गया कि हमलावरों ने ज़ाकिर नाइक की बातों से प्रेरणा ली थी। इस घटना के बाद श्रीलंका में भी उनके चैनल को बंद कर दिया गया।
कट्टरपंथी जाकिर खान कितने विषैले बयान देता है इस बाद का स्मरण आप इसी से कर सकते हैं कि ज़ाकिर मलयेशिया के स्थायी नागरिक हैं। लेकिन वहाँ भी उन्हें भाषण देने की अनुमति नहीं है। भारत सरकार ने कई बार इंडिया लाने की कोशिश की है। भारत और मलेशिया के बीच 2010 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। जिसके अनुसार, अगर हमारे यहां का अपराधी आपके यहां गया तो आप उसे पकड़कर हमें सौंपेंगे। इस संधि में दोनों पक्षों से दूसरे पक्ष से भी यही आशा की जाती है। भारत ने कुल 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की हुई है। मलेशिया के साथ ये करार 2010 में ही हो गया था। लेकिन अभी तक मलेशिया ने किसी आरोपी को अपने यहां से भारत नहीं भेजा है। ज़ाकिर नाइक के केस में भी उसका यही हाल है।
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1990 से इस्लाम के नाम पर उगल रहा है विष
बता दें कि 1990 के दशक में ज़ाकिर नाइक ने इस्लाम पर भाषण देना शुरू किया। जिसके बाद स्वयं को शांतिदूत बताने वाले इस जाकिर नाइक के विवादित बयानों की लंबी सूची बन गई। उसके भाषणों से प्रेरणा लेकर कई युवा आतंक की राह पर चले गए और उन्होंने आतंकी हमले कर लोगों की जाने लिए।
अब ऐसे प्रश्न यही उठता है कि 2016 से फरार भारत के इस भगोड़ें कट्टरपंथी जाकिर नाइक को भारत क्यों नही लाया जा सका है? कट्टरपंथी जाकिर नाइक भिन्न भिन्न देशों में जाकर भारत और हिंदूओं के खिलाफ विष उगलता है लेकिन अब तक इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी भारत को इस अपनी गिरफ्त में लेने में सफलता हाथ नही लगी है। जो बेहद चिंतनीय विषय है। ऐसे शीघ्र से शीघ्र भारत सरकार को कोई ठोस नीति बनाकर कट्टरपंथी जाकिर नाइक को भारत लाकर दंड सुनिश्चित करना चाहिए।
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